इलाहाबाद विश्वविद्यालय में यूजीसी-एचआरडी की ओर से तीसरा विशिष्ट शीतकालीन पुनश्चर्या कार्यक्रम

ALLAHABAD: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के यूजीसी-एचआरडी की ओर से संचालित तीसरे विशिष्ट शीतकालीन पुनश्चर्या कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। कामेश्वर नाथ सिंह ने कहा कि मानव संसाधन का विकास शिक्षकों के सार्थक योगदान के बिना सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन को स्वरूप देने में शिक्षकों का गुरुतर दायित्व है। शिक्षक स्वयं को सक्षम बनाकर राष्ट्र निर्माण में अपनी व्यापक भूमिका सृजित कर सकते हैं।

सामाजिक पूंजी है भारत में मनुष्य

प्रो। केएन सिंह ने कहा कि संसाधन कहीं अन्यत्र वाह्य जगत में न होकर मनुष्य के मस्तिष्क और ज्ञान में समाहित है। मस्तिष्क का विकास करने में शिक्षकों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। निदेशक यूजीसी-एचआरडी केन्द्र इविवि प्रो। आरके सिंह ने कहा कि शिक्षकों को अपनी क्षमताओं को विकसित करना होगा। उन्हीं के प्रयास से ही एक विकसित भारत का सपना साकार होगा। भारत पूरे विश्व में अपने कौशल के लिये जाना जाता है। भारत में शिक्षा के विकास से परिवर्तन सम्भव है। कोर्स समन्वयक प्रो। एआर सिद्दीकी ने कहा कि भारत में मनुष्य सामाजिक पू्रंजी के रुप में है। मनुष्य अपने ज्ञान और श्रम से विकास की सारी संभावनाओं को प्राप्त कर सकता है। डॉ। अश्वजीत चौधरी ने सभी का आभार और धन्यवाद व्यक्त किया।