-एमजीएम कॉलेज के स्टूडेंट में मिला डेंगू का लक्षण

डेंगू के तीन, जापानी इंसेफ्लाइटिस के दस संदिग्ध मरीज मिले

-स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया हाई अलर्ट

JAMSHEDPUR: शहर में जापानी इंसेफ्लाइटिस के बाद अब डेंगू का खौफ बढ़ गया है। सोमवार को डेंगू व जापानी इंसेफ्लाइटिस के एक साथ तेरह मरीज सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। इसमें तीन डेंगू व दस जापानी इंसेफ्लाइटिस के मरीज शामिल है। टाटा मोटर्स व ब्रह्मानंद हॉस्पिटल में भर्ती डेंगू मरीज की कार्ड टेस्ट में पुष्टि होने के बाद सर्विलांस विभाग को एलाइजा टेस्ट के लिए भेज दिया गया है। जबकि महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस फाइनल ईयर के एक स्टूडेंट में यह लक्षण मिले है। उसका इलाज एमजीएम हॉस्पिटल के आईसीयू में चल रहा है। शहर में डेंगू का यह पहला मामला है। वहीं जापानी इंसेफ्लाइटिस के छह संदिग्ध मरीज मर्सी व चार टीएमएच में भर्ती है। सर्विलांस विभाग ने सभी पीडि़तों का नमूना एकत्रित कर जांच के लिए एमजीएम कॉलेज स्थित माइक्रोबायोलॉजी विभाग भेज दिया है। डेंगू के उपचार में अगर अधिक देरी हो जाए तो यह डेंगू हेमोरेजिक फीवर (डीएचएफ) का रूप ले लेता है और अधिक भयावह हो सकता है। डीएचएफ की आशंका दस साल से कम उम्र के बच्चों में सबसे ज्यादा होती है। जिसमें उन्हें पेट दर्द, ब्लीडिंग और शॉक जैसी समस्याएं होती है।

अबतक आईसोलेशन वार्ड

राज्य सर्विलांस पदाधिकारी डॉ। रमेश प्रसाद ने एक सप्ताह पूर्व डेंगू को देखते जिले में हाई अलर्ट जारी करते हुए सभी निजी व सरकारी हॉस्पिटलों में आइसोलेशन (विशेष वार्ड) तैयार करने का निर्देश दिया था, लेकिन अबतक नहीं हो सका है। एमजीएम हॉस्पिटल में आइसोलेशन वार्ड नहीं होने के कारण मेडिकल छात्र का इलाज आईसीयू में चल रहा है। इससे वायरस फैलने की संभावना जतायी जा रही है। वहीं सदर हॉस्पिटल में भी आइसोलेशन वार्ड पूरी तरह से तैयार नहीं है। इसके साथ ही एमजीएम हॉस्पिटल से इस तरह के मरीजों का रिपोर्ट भी नहीं भेजा जा रहा है। एमजीएम कॉलेज का छात्र तीन दिनों से आईसीयू में भर्ती है, लेकिन अबतक विभाग को सूचित नहीं किया गया है।

डेंगू का बुखार

- सामान्य बुखार : सबसे आम सामान्य डेंगू फीवर किसी नॉर्मल वायरल फीवर की तरह ही होता है। मगर इस में जोड़ों और हड्डियों में दर्द आम से ज्यादा होता है। कुछ मामलों में ये बर्दाश्त से बाहर होता है। इसकी शुरुआत होते ही डॉक्टर की सलाह लेने पर आसानी से निजात पाई जा सकती है।

- असामान्य बुखार : इसमें रोगी को शरीर के किसी अंग से खून निकलना शुरू हो जाता है और रुकता नहीं। ऐसा प्लेटलेट्स की कमी के कारण होता है। इस लक्षण के दिखते ही रोगी को फौरन हॉस्पिटल में भर्ती कराना चाहिए।

- डेंगू शॉक सिंड्राम बुखार : यह डेंगू का सबसे खतरनाक स्तर माना जाता है। इस बुखार में रोगी के शरीर में पानी की कमी के बाद रक्त स्त्राव (कैपिलरी लीक) शुरु हो सकता है जिससे शरीर में पानी की बहुत ज्यादा कमी हो जाती है। इस हालात में रोगी शॉक में चला जाता है।

क्या है लक्षण

डेंगू के शुरुआती लक्षणों में रोगी को तेज ठंड लगती है, सिरदर्द, कमरदर्द और आंखों में तेज दर्द हो सकता है। इसके साथ ही उसे लगातार तेज बुखार रहता है। इसके अलावा, जोड़ों में दर्द, बेचैनी, उल्टियां, लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

क्या है उपचार

डेंगू वायरस के कारण होता है इसलिए इसका उपचार किसी एक तरह से संभव नहीं है। डेंगू का उपचार इसके लक्षणों में होने वाले आराम को देखते हुए किया जाता है। ऐसे में जरूरी है कि इन लक्षणओं को पहचान कर व्यक्ति बिना देरी के चिकित्सक से मिले और इसका उपचार करवाए।

बचाव के उपाय

फिलहाल डेंगू से बचाव के लिए अभी तक कोई टीका नहीं है, इसलिए इसके बचाव के लिए हमारी सजगता और भी जरूरी है। डेंगू का वायरस मच्छरों द्वारा संक्रमित होता है इसलिए सबसे अधिक जरूरी है कि मच्छरों को घर में बिल्कुल न होने दे। साफ-सफाई बहुत जरुरी है क्योंकि गंदगी में डेंगू के मच्छरों की आशंका बढ़ जाती है। बाल्टियों व ड्रम में जमा पानी को हमेशा ढककर रखें और आस-पास के गड्डे आदि में पानी न जमा होने दे।

यह भी जानें

- ख्0 हजार से कम संख्या होने अथवा शरीर के किसी हिस्से से रक्त निकलने पर प्लेटलेट्स चढ़ानी चाहिए। 98 से 99 फीसदी डेंगू के मामलों में इसे चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ती। एहतियात से ही बचाव संभव है।

प्लेटलेट्स बढ़ाने के तरीके

- अधिक से अधिक तरल पदार्थ पिए।

- खूब पानी पिए।

- दिन में तीन बार एक-एक चम्मच हल्दी, दूध या पानी के साथ लें।

- नींबू-पानी का सेवन करें।

लगातार हो रही बारिश के बाद डेंगू मरीजों की संख्या और बढ़ने का अंदेशा है। इससे निपटने के लिए विभाग प्रयासरत है। वहीं आम जनता को भी जागरूक होने की जरूरत है। डेंगू के लक्षण मिले तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।

- डॉ। साहिर पॉल, जिला सर्विलांस पदाधिकारी