रहना है जरूरी
राजस्थान के जोधपुर में एक नॉन-प्रॉफिट बोर्डिंग स्कूल खोला गया है जो यहां पर रह रहीं लड़कियों को एक नई उम्मीद देगा। इस स्कूल में अबतक करीब 70 स्टूडेंट्स है, जिनमें से कई बालिका वधु भी हैं और कई लड़कियां ऐसी है जो इस जाल से भागकर आई हैं। ये स्कूल लड़कियों को इस बात पर ही एडमीशन देता है कि उनको यहां पर तब तक रहना होगा जब तक वो अपनी पढ़ाई खत्म नहीं कर लेती।
देता है ट्रेनिंग
स्कूल लड़कियों को 12 वीं क्लास तक पढ़ाता है। स्कूल किताबें, यूनिफार्म, खाना, स्टेशनरी आदि चीजें लड़कियों को खुद मुहैया कराता है और सभी लड़कियों को विभिन्न क्षेत्र में जैसे स्पोटर्स, सेल्फ डिफेन्स, कंप्यूटर आदि में पूरी तरह से प्रशिक्षित करता है।
कई मुश्किलें आई सामने
veerni इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर महेंद्र शर्मा ने बताया कि बच्चियों का स्कूल में दाखिला कराने के लिए बड़ी दिक्कतो का सामना करना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि लड़कियों के मां-बाप उनको स्कूल भेजने को तैयार नहीं हो रहे थे। उन सभी का मानना था कि उनकी लड़कियां पढ़-लिखकर ज्यादा नखरें वाली हो जाएंगी और उनकी एक नहीं सुनेंगी। उन्होंने यह भी बताया की उनके स्कूल में 5 से 6 साल की उम्र की कई बालिका वधु हैं। उनका मानना है कि इस स्कूल में लड़कियों को दी जा रहीं शिक्षा उनको और सक्षम बनाएंगी और वो खुद अपना भला-बुरा सोच पाएंगी।
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