KANPUR: शहर में भूकम्प, आग बड़ी आपदाओं से निपटने के इंतजाम न के बराबर है। न ही लोग आपदाओं से निपटने के लिए तैयार है। वे बिल्डिंग से बाहर आनी की स्टेयर्स व एंट्रेस तक घेरे हुए है। दर्जनों मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स में सेटबैक की जगह को पार्किग बना दी गई। फायर स्टेयर्स को ही नहीं इन्टर्नल स्टेयर्स तक में एनक्रोचमेंट किया गया है। ये लापरवाही भूकम्प जैसी आपदाओं के समय लोगो की जान संकट में डाल सकती है।

कर्नलगंज एफएसओ आरएस तिवारी ने बताया कि मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की हाईट के मुताबिक सेटबैक छोड़ा जाता है। लिफ्ट और इन्टर्नल स्टेयर्स के अलावा फायर स्टेयर्स भी बनवाई जाती है। जिससे भूकम्प या आग जैसे हादसों के दौरान आसानी से बिल्डिंग से बाहर आ सके। इसी तरह सेटबैक में एनक्रोचमेंट या व्हेकिल पार्किग नहीं की जानी चाहिए। न ही एंट्रेस गेट पर भी किसी तरह एनक्रोचमेंट करना चाहिए। इससे एक तो अग्नि हादसों के समय दमकल गाडि़यां बिल्डिंग के अन्दर नहीं जा पाती है। न ही बिल्डिंग के बेसमेंट में खड़ी गाडि़यां बाहर निकल पाती है। लोगों के बिल्डिंग से बाहर निकलने में परेशानी का सबब बन जाती है। इसलिए बिल्डिंग के चारों तरफ नियमानुसार सेटबैक छोड़ना चाहिए और बिल्डिंग के रास्तों को किसी भी सूरत में बाधित नहीं करना चाहिए। इनके साथ ही बिल्डिंग में पब्लिक एड्रेस सिस्टम होना चाहिए। जिससे बिल्डिंग के फ्लैट या ऑफिस में मौजूद लोगो को भूकम्प, अग्नि हादसे या अन्य आपदाओं की आसानी से जानकारी दी जा सके। यही नहीं फायरमैन स्विच को सही रखा जाना चाहिए। जो आमतौर पर लिफ्ट के बगल में ही लगा होता है। इससे स्विच को प्रेश करने से लिफ्ट जिस भी फ्लोर में होती है, तुरन्त ही ग्राउंड फ्लोर में आ जाती है। भूकम्प के दौरान जितनी जल्दी हो बिल्डिंग छोड़ देनी चाहिए और बाहर खुली जगह में आ जाना चाहिए। अगर बाहर नहीं आ सकते हो तो मेज, तखत के नीचे छिप जाना चाहिए। जिसे जान का जोखिम नहीं रहता है।