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ये सामग्री जरूरी 
हिंदू धर्म में मिट्टी अथवा सुपारी आदि से बनी गणेश प्रतिमा की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। गणेश की जी की पूजा करने के लिए कुछ खास सामग्री होना जरूरी माना जाता है। जैसे शुद्ध जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, पंचामृत, वस्त्र, यज्ञोपवीत, सुगंध, लाल चंदन, रोली, सिंदूर, गंगाजल, पान, सुपारी, रूई, कपूर, अक्षत, पुष्प, माला, दूब, शमीपत्र, जनेऊ, गुलाल, आभूषण, धूपबत्ती, दीपक, प्रसाद, फल, आदि। इसके साथ कलश पर रखने के लिकए चावल होना भी बेहद जरूरी है। 

ऊं गं गणपतये नम:
भगवान का पूजन भक्त का उनके प्रति समर्पण का एक अंग है। ऐसे में पूजन करते समय भक्त के मन में प्रेम व आस्था का होना बेहद जरूरी है। प्रातः स्नान आदि दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद सबसे पहले घर पर मिट्टी से बने गणेश को स्थापना वाले स्थान पर लाएं। घर में मूर्ति के प्रवेश से पहले इस पर अक्षत जरूर डालना चाहिए। इसके बाद लाल कपड़ा या केले के पत्ते पर उनको स्थापित करें। इतना ही नहीं स्थापना के समय भी अक्षत को आसन के निकट डालना चाहिए। इसके बाद गणपति जी की मूर्ति की जल अगरबत्ती-धूप को जलाएं। फिर पान के पत्ते और सुपारी को भी इसमें रखें। इस दौरान मंत्र ' ऊं गं गणपतये नम:' का जाप करें। इस मंत्र को 21 से 108 बार जपा सकता है। 
मोदक के लड्डू अर्पित
गणपति का पूजन मुख पूर्व अथवा उत्तर दिशा की तरफ करके किया जाता है। पंचामृत से श्री गणेश को स्नान कराएं तत्पश्चात चंदन, अक्षत, दूर्वा अर्पित करे। पूजन शुरू करने से पहले गणेश जी की प्रतिमा के सामने एक लोटे में जल करके उस पर एक कटोरी में कच्चा चावल जरूर रखें। इसके साथ पान पर एक सुपारी रखकर उनको भेंट स्वरूप अर्पित करें। गणेश जी को मोदक के लड्डू अर्पित करें। इसके बाद गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश पुराण, गणेश चालीसा, गणेश स्तुति, श्रीगणेश सहस्रनामावली, गणेश जी की आरती, संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ अपनी क्षमता के अनुसार करना चाहिए। इसके बाद गणेशजी के सामने हवन व आरती करें। फिर उनसे दोनों हाथ जोडकर वर मांगें। 

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