सेव वॉटर, प्ले ड्राई होली

- पानी के बजाय अबीर-गुलाल व हर्बल कलर की होली खेलकर हम और आप बचा सकते हैं सवा लाख करोड़ लीटर पानी

- होली पर जितना पानी होता है बर्बाद, उससे एक तिहाई शहर के लोगों को ड्रिंकिंग वॉटर सप्लाई करके बुझाई जा सकती है प्यास

- लगातार पानी की बर्बादी और वॉटर लाइन लीकेज से घरों में सप्लाई हो रहा गंदा और बदबूदार पानी, भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार वॉटर लेवल डाउन होने से बढ़ रहा भूकंप का खतरा

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KANPUR : पिचकारी में रंग भरकर होली खेलने की बात ही जुदा है। मगर, होली में इस ठिठोली से एक ही दिन में सवा लाख करोड़ लीटर पानी वेस्ट हो जाता है। यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन पिछले साल होली पर शहर में खर्च हुए पानी का डाटा हकीकत बयां करने के लिए काफी है। जलकल विभाग के अनुसार अबकी सवा लाख करोड़ लीटर से ज्यादा पानी खर्च होने का अनुमान है। इसलिए अगर शहरवासी सूखी होली खेलें तो पानी की बर्बादी को काफी हद तक रोका जा सकता है।

क्0 लाख की आबादी बिन पानी

सुबह उठकर आपको भले ही आसानी से पानी मिल जाता हो, लेकिन हकीकत में क्0 लाख की आबादी शहर में ऐसी भी रहती है। जहां के लोगों को जलकल विभाग पानी की एक बूंद भी सप्लाई नहीं कर पाता। इसकी सबसे बड़ी वजह पानी खर्च करने के प्रति लोगों का लापरवाह रवैया ही है। आंकड़ों के अनुसार शहर की ब्0 लाख आबादी के लिए भ्ख्0 मिलियन लीटर ड्रिंकिंग वॉटर की जरूरत होती है। मगर, जलकल विभाग सिर्फ ब्क्0 मिलियन लीटर पानी ही सप्लाई कर पाता है। इससे महज फ्0 लाख लोगों की प्यास ही बुझ पाती है। जबकि क्0 लाख लोग रोजमर्रा हैंडपंप, ट्यूबवेल या सार्वजनिक स्थानों लगवाई गई टंकिंयों से पानी लेकर अपना काम चलाने को मजबूर हैं।

लीकेज से बह जाता 70 लाख लीटर पानी

आपको जानकर ताज्जुब होगा कि लीकेज पाइप लाइन की वजह से शहर में करीब 70 लाख लीटर ड्रिंकिंग वॉटर यूं ही बेकार बह जाता है। जलकल के आंकड़ों के अनुसार लास्ट फाइनेंशियल ईयर में ख्भ्7म् प्वाइंट्स पर पाइप लाइन लीकेज का मेंटीनेंस किया। खुदाई व पाइप लाइन डाले जाने की वजह से इन लीकेज प्वाइंट्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। शहर के कई एरिया में पॉल्युटेड ड्रिंकिंग वॉटर की सप्लाई हो रही है। नौबस्ता, दबौली, गुजैनी, हंसपुरम, दर्शनपुरवा, नवाबगंज आदि इलाकों से कई शिकायतें जलकल ऑफिस में दर्ज कराई गई हैं। ऐन होलिका दहन वाले दिन कुली बाजार से सुनील सोनकर व रामबाग से मनोज कुमार ने गंदा पानी आने की शिकायत दर्ज कराई है। यह आलम तब है जबकि जलकल रॉ-वॉटर को शुद्ध पेयजल में कन्वर्ट करने के लिए ढाई करोड़ की रकम खर्च करता है। इस बजट से रॉ-वॉटर में एलम, ब्लीचिंग पाउडर और क्लोरीन मिलाकर उसे घरों में सप्लाई के लायक बनाया जाता है।

म्8 मीटर घ्ाटा जलस्तर

शहर का भूगर्भ जलस्तर लगातार घट रहा है। इसकी तस्दीक भूगर्भ व जलकल विभाग के आंकड़े कर रहे हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा समय में शहर का जलस्तर करीब म्8 मीटर तक घट चुका है। हालत यह है कि कई एरिया में सड़क-फुटपाथ पर लगे हैंडपंप और पब्लिक वॉटर प्वाइंट्स पर बोरिंग ध्वस्त हो चुकी है। यह भी एक वजह है कि जलकल विभाग शहर के सभी इलाकों में ड्रिंकिंग वॉटर की सप्लाई कर पाने में अक्षम है। रतनलाल नगर, निराला नगर, दबौली समेत दो दर्जन मोहल्लों में तो अलार्मिग सिचुएशन है। पिछले बजट में इन इलाकों में करीब ख् हजार हैंडपंप लगाने का फैसला हुआ था। लेकिन वहां भी घोटालेबाजी जमकर हुई। कई जगहों पर तो ऐसे प्वाइंट्स पर हैंडपंप लगाए गए, जहां बोर फट चुका था। यह घोटालेबाजी जब खुली तो अफसरों के पैरों तले भी जमीन खिसक गई थी। जांच के बाद दोषियों पर कार्यवाही का फरमान जारी हुआ।

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हमें ही समझनी होगी कीमत

जिस तेजी से अंडर ग्राउंड वॉटर लेवल में तेजी से गिरावट हो रही है। हैंडपंप, ट्यूबवेल यहां तक कि घरों के जेटपम्प तक दम तोड़ने लगे हैं। कई घर ऐसे हैं जहां बोरिंग का पानी बहुतायत में इस्तेमाल होता है। ऐसी जगहों पर सबमर्सिबल को कई फुट नीचे दोबारा री-बोर करवाया जाता है। धड़ाधड़ सबमर्सिबल की री-बोरिंग से जमीन फटने का खतरा रहता है। भूगर्भ विज्ञान के एक्सप‌र्ट्स के अनुसार इन सब वजहों से भूकंप का खतरा और ज्यादा बढ़ता है। कानपुर पहले ही डेंजर जोन में है। अगर यही हालात रहे तो वह दिन दूर नहीं जब शहर की यह बेल्ट सबसे ज्यादा अर्थक्वेक प्रोन की कैटेगरी में आ जाएगी।

लाखों लोगों की बुझ सकती है प्यास

शहर की आबादी करीब ब्0 लाख के आसपास है। जलकल अफसरों ने क्7 लाख लोगों के रंग खेलने की उम्मीद जताई है। ऑफिसर्स के अनुसार आम तौर पर रंग छुड़ाने में एक आदमी को करीब क्ख्भ् लीटर पानी चाहिए। ऐसे में सिर्फ ख्0 करोड़ लीटर पानी रंग छुड़ाने में खर्च हो जाएगा। रंग घोलने में लगने वाला पानी अलग है। इतनी क्वांटिटी के पानी से एक तिहाई से ज्यादा शहर को पानी की सप्लाई की जा सकती है। जाहिर है अगर पानी वाले रंग के बजाय अबीर-गुलाल से सूखी होली खेली जाए तो काफी पानी की बचत की जा सकती है।

ऐसे बचाया जा सकता है पानी

- होली जरूर खेलें, लेकिन कोशिश करें अबीर-गुलाल से। क्योंकि इससे पानी कम खर्च होगा और लाखों लोगों की प्यास बुझ सकेगी। केमिकल कलर के मुकाबले अबीर-गुलाल छुड़ाने में क्0 परसेंट पानी ही खर्च होगा।

- काम खत्म होते ही नल का टैप बंद कर दें।

- टैप में लीकेज हो रहा हो तो उसे फौरन चेंज करवाएं

- वॉटर लाइन लीकेज की सूचना फौरन जलकल विभाग या नगर निगम कंट्रोल रूम में करें।

- घरों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूर लगवाएं।

- घर में बाइक या कार को कवर से ढक दें। कई बार होली पर गाडि़यों पर भी रंग लग जाता है। जिसे छुड़ाने में भी काफी पानी खर्च हो जाता है।

- कोशिश करें कि घर में इस्तेमाल होने वाला पानी री-साइकिल हो। किचन का पानी री-साइकिल करके गार्डन या लॉन में इस्तेमाल किया जा सकता है।

हाई प्रेशर से वॉटर सप्लाई

होली पर शहर में पानी की कमी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने ख्ब् घंटे में तीन बार वॉटर सप्लाई किए जाने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। डीएम डॉ। रौशन जैकब ने जलकल विभाग को सुबह, दोपहर और शाम के वक्त नॉर्मल सप्लाई के अलावा पानी की आपूर्ति करने के लिए आदेशित किया है।

इस वक्त मिलेगा पानी

सुबह भ् बजे से 8 बजे तक, दोपहर क्ख् बजे से ख् बजे तक और शाम भ् बजे से रात 8 बजे तक शहर में पानी दिया जाएगा।

बिजली-पानी न आए तो यहां फोन घुमाएं -

नगर निगम कंट्रोल रूम - 0भ्क्ख्-ख्भ्ख्म्00ब्, 0भ्क्ख्-ख्भ्ख्म्00भ्,

क्800क्80भ्क्ख्ब्

केस्को कंट्रोल रूम -99क्9क्0ख्क्ख्फ्, 99क्9ब्भ्7ख्7ब्, 0भ्क्ख्-फ्क्क्800

जलकल कंट्रोल रूम - 0भ्क्ख्-ख्भ्ब्90क्8

सेक्रेटरी जलकल - 9ख्फ्भ्भ्भ्फ्8क्म्

जीएम, जलकल - 9ख्फ्भ्भ्भ्फ्8भ्क्

जीएम, जलसंस्थान - 0भ्क्ख्-ख्भ्8ख्क्फ्, 9ब्क्भ्0ब्ख्फ्8ख्

डीएम कैम्प ऑफिस - 0भ्क्ख्-ख्फ्0ब्ब्फ्म्

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किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका पर यहां दें जानकारी -

एडीएम सिटी - 9ब्भ्ब्ब्क्म्ब्00

सिटी मजिस्ट्रेट - 9ब्भ्ब्ब्क्म्ब्08

एसीएम-क् - 9ब्भ्ब्ब्क्म्ब्0क्

एसीएम-ख् - 9ब्भ्ब्ब्क्म्ब्0ख्

एसीएम-फ् - 9ब्भ्ब्ब्क्म्ब्0फ्

एसीएम-ब् - 9ब्भ्ब्ब्क्म्ब्0ब्

एसीएम-भ् : 9ब्भ्ब्ब्क्म्ब्0भ्

एसीएम-म् : 9ब्भ्ब्ब्क्म्ब्0म्

एसीएम-7 : 9ब्भ्ब्ब्क्म्ब्07

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जलकल के सोर्स

गंगा रीवर - ख्00 एमएलडी

लोअर गंगा कैनाल - भ्0 एमएलडी

गुजैनी वॉटर व‌र्क्स - क्0 एमएलडी

गंगा बैराज - फ्0 एमएलडी

नलकूप - क्ख्0 एमएलडी

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टोटल - ब्क्0 एमएलडी

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जरूरत - भ्ख्0 एमएलडी

टोटल कनेक्शन - ख्.फ्म् लाख

पाइप लाइन की टोटल लंबाई - क्800 किमी

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