-सुरक्षा की दृष्टि से भी हो सकते हैं खतरनाक, सिटी में करीब तीन हजार ई-रिक्शे अवैध

-ई-रिक्शों को बनाने वाली कंपनीज का भी नहीं पता, वाहनों में चेचिस नंबर तक नहीं

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KANPUR : सिटी में बिना चेचिस व इंजन नंबर के ई-रिक्शा चल रहे हैं, जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। इनके न तो मेकर्स का पता है और न ही चलाने वालों का। प्रवर्तन विभाग की छापेमारी में खुलासा हुआ कि सिटी में करीब 3 हजार ई-रिक्शा इस प्रकार से चल रहे हैं।

लोकल कंपनीज का खेल, बड़े-बड़े फेल

ई-रिक्शा बनाने वाली लोकल कंपनियों का ये सारा खेल है। जिसमें बड़े-बड़े अधिकारी भी फेल नजर आ रहे हैं। सबसे खास बात ये है कि इन लोकल कंपनियों ने ऐसे वाहन बनाए हैं, जिसमें कहीं से भी कंपनी के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है। ताकि कहीं कोई पकड़ ही न सके और तो और इन ई-रिक्शा में चेचिस नंबर तक नहीं लिखे गए हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि आरटीओ में रजिस्ट्रेशन ही इंजन नंबर व चेचिस नंबर के साथ ही होता है। जब नंबर ही नहीं पड़े हैं तो रजिस्ट्रेशन कैसे होगा।

अभी हुए हैं मात्र 200 रजिस्ट्रेशन

अभी तक आरटीओ में सिर्फ 200 ई-रिक्शा के ही रजिस्ट्रेशन हुए हैं। इससे ई-रिक्शा की स्थिति को जाना जा सकता है। पिछले सप्ताह में प्रवर्तन दल के चले अभियान में करीब 30 ई-रिक्शा को थानों में निरुद्ध किया जा चुका है। बिना चेचिस नंबर व इंजन नंबर के वाहन की कोई पहचान नहीं होती है। ऐसे वाहन तो सीधे-सीधे होममेड वाहन होता है। इन वाहनों की कोई पकड़ नहीं हो सकती है, इसलिए ये सुरक्षा में भी सेंध लगा सकते हैं। क्योंकि बिना इन नंबरों के वाहन की कोई पहचान नहीं है।

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47 रूट हैं प्रस्तावित

वैसे तो ई-रिक्शा के लिए सिटी में 47 रूट निर्धारित कर लिए गए हैं, लेकिन अभी तक ये रूट सिर्फ कागजों पर ही हैं। इन्हें लागू नहीं किया गया है। 47 रूटों पर 178 किलोमीटर का क्षेत्र ई-रिक्शों के लिए है। आरटीए की मीटिंग में ये रूट फाइनल होने थे लेकिन अभी तक हो नहीं पाए हैं।

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लोकल मेड ई-रिक्शा सिटी में चल रहे हैं। प्रवर्तन दस्ते ने ऐसे ई-रिक्शों पर कार्रवाई भी की है। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

- प्रभात पाण्डेय, एआरटीओ