-प्रोफेसर आरएस पांडेय को फिर मिली धमकी

-छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी और उनके समर्थकों की दबंगई

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी बनाए गए प्रो। आरएस पांडेय को फिर धमकी दी गई है। धमकी देने वाला कोई और नहीं बल्कि अध्यक्ष पद का एक प्रत्याशी और उनके समर्थक हैं। घटना थर्सडे दोपहर की है। प्रो। पांडेय को इससे पहले भी चुनाव के दौरान कई बार धमकी मिली थी। जिसके चलते उन्होंने दो बार अपने पद से इस्तीफा दिया था। उनके अलावा एयू के कुलपति प्रो। ए सत्यनारायण को भी सपा से जुड़े छात्र संगठन के छात्रनेता ने फोन पर धमकाया था।

चुनाव में मिली हार से बौखलाए

जानकारी के मुताबिक इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव के दौरान चुनाव अधिकारी रहे प्रो। आरएस पांडेय को थर्सडे दोपहर उनके विभाग जुलोजी में घुसकर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले एक प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने धमकी दी। यह प्रत्याशी चुनाव में बेहद ही नजदीकी अंतर से हारा है। बताया जा रहा है कि प्रत्याशी की जीत शुरू से ही तय मानी जा रही थी। लेकिन चुनाव से ठीक पहले नामांकन पर्चा खारिज हो जाने से उसकी साख को बट्टा लगा और वह चुनाव हार गया।

महिला शिक्षिका व कर्मचारी गवाह

जुलोजी विभाग में हुई घटना की चर्चा साइंस फैकेल्टी में काफी देर तक बनी रही। इसकी गवाह विभाग में मौजूद एक महिला शिक्षिका और बाकी कर्मचारी भी हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि छात्रनेता और उनके समर्थक प्रो। आरएस पांडेय को ढूंढते हुए दो बार विभाग में पहुंचे। इस दौरान अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी ने कहा कि वह दो बार मर्डर कर चुका है, एक और करूंगा और जेल जाऊंगा। उसने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि ऊपर जाओगे या जेल जाओगे, लेकिन बचोगे नहीं।

चुनाव लड़ाने वाले भी शामिल

घटना में छात्रसंघ के एक पूर्व महामंत्री और प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने वाले संगठन से जुड़े लोग भी शामिल रहे। मामले की जानकारी पाकर यूनिवर्सिटी के नए चीफ प्रॉक्टर डॉ। एनके शुक्ला भी अपनी टीम के साथ पहुंचे। इस पूरे प्रकरण पर बात करने के लिए प्रो। आरएस पांडेय के दो मोबाइल नम्बरों पर फोन किया गया। लेकिन कई बार कॉल करने के बाद भी फोन नहीं उठा। विभाग की ही प्रो। अनीता गोपेश ने कहा कि लड़के उन्हें ढूंढते हुए आए थे। चीफ प्रॉक्टर डॉ। एनके शुक्ला ने कहा कि हल्की फुल्की बहस हुई थी। कुलपति ने कोई जानकारी होने से इंकार किया है।