कुछ ऐसी है जानकारी
इस लेंस को डायरेक्टली स्मार्टफोन के कैमरे पर लगाया जा सकता है, बिना किसी एडीशनल डिवाइस का इस्तेमाल किए. इसके साथ ही कम कीमत का होने के कारण आप इसे स्कूल, क्लीनिक कहीं पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसको लेकर हस्टन यूनीवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल और कम्प्यूटर इंजीनियरिंग के असिस्टेंट प्रोफेसर वाई-चुआन शीह कहते हैं कि इसे कहीं भी छोटे क्लीनिक में इस्तेमाल करके इसकी इमेज को कहीं भी स्पेशलिस्ट्स के पास भेजी जा सकती है.

ऐसे बने हैं ये लेंस
ये खास लेंस पॉलीडिमेथी आइसिलॉक्सेन (PDMS) के बने हैं. ये एक तरह का पॉलिमर है, जो किसी गर्म सतह पर इलाज के लिए गिराए जाने वाले शहद की तरह काम करता है. वाई-चुआन कहते हैं कि इसमें लेंस की वक्रता को और बढ़ाने की बात करें तो ये इस बात पर निर्भर करता है कि PDMS को कितने तापमान पर और कितनी देर तक गर्म किया जाता है. इसके परिणामस्वरूप ये लेंस इतने लचीले हैं, बिल्कुल सॉफ्ट कान्टेक्ट लेंस की तरह. हालांकि ये कुछ मोटे और कुछ छोटे हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि बिना किसी मशीन की मदद के सिर्फ इस लेंस को स्मार्टफोन में फिट करके आप अपने स्मार्टफोन को माइक्रोस्कोप में बदल सकते हैं.

लिक्विड लेंस भी हैं उपलब्ध
कन्वेंशनल लेंसेस को मेकेनिकल पॉलिशिंग या मटीरियल्स की इंजेक्शन मोल्डिंग की मदद से बनाया जाता है. उदाहरण के तौर पर ग्लास और प्लास्टिक. लिक्विड लेंस भी उपलब्ध हैं. अन्य तरह के लिक्विड लेंस टाइप्स को स्मार्टफोन पर लगाने के लिए एक अतिरिक्त डिवाइस की जरूरत पड़ती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इनके अलावा नए लेंस को फोन के कैमरा लेंस पर अपने आप अटैच कर सकते हैं और एक बार अटैच करने के बाद ये ऐसे ही लगा रहेगा.

कुछ ऐसे की स्टडी
लेंस पर स्टडी करने के लिए शोधकर्ताओं ने स्मार्टफोन PDMS system और Olympus IX-70 माइक्रोस्कोप दोनों से इंसान के त्वचा पर लगे बाल के फॉलिकल का स्लाइड तैयार किया. नतीजे के तौर पर शोधकर्ताओं ने पाया कि सॉफ्टवेयर आधारित फोटो की क्लियरनेस को और भी बढ़ाया जा सकता है. संग कहते हैं कि उन्होंने इसे अपने फोन पर लगाया और वाकई ये काम करता है.

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