-पुलिस, आरटीओ और सफेशपोश हैं अवैध खनन के सबसे बड़े गुनाहगार, अपना हिस्सा लेकर बंद कर लेते हैं आंखें

-आई नेक्स्ट की पड़ताल में खुलासा, हमीरपुर, कालपी से आ रही है अवैध खनन की मौरंग, कानपुर, आगरा, लखनऊ समेत आधे उत्तर प्रदेश में हो रही सप्लाई

- खदान से 6500 रुपए में निकल रही एक ट्रक मौरंग के पब्लिक को चुकाने पड़ रहे हैं करीब 40 हजार रुपए

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KANPUR : हमीरपुर और कालपी में खुलेआम अवैध खनन का 'खेल' खेला जा रहा है। सारे आदेशों और मानकों को धता बताकर सफेदपोश माफिया खुलेआम अवैध खनन करवा रहे हैं। कानपुर में वैसे तो रोजाना करीब 2000 ट्रक अवैध खनन की मौरंग आती है लेकिन बरसात के मौसम में इनकी संख्या करीब 1200 ही है। क्योंकि नदी में पानी ज्यादा होने की वजह से अवैध खनन पूरी 'दम' से नहीं हो पाता है। आई नेक्स्ट टीम ने शहर के एक पॉश इलाके में रहने वाले मौरंग कारोबारी से फोन पर दुकानदार बनकर बात की, इस दौरान उसने बताया कि कैसे अवैध खनन का 'खेल' हो रहा है?

बरसात में रेट बढ़ाए मािफयाओं ने

आई नेक्स्ट रिपोर्टर को कारोबारी ने बताया कि हमीरपुर और कालपी में वैसे तो करीब 200 मौरंग की अवैध खदान चल रही थीं लेकिन नदी में पानी ज्यादा होने की वजह से इस वक्त बड़े सफेदपोश माफियाओं की कुछ खदानें ही चल रही हैं। हाल ये है कि हमीरपुर की भुंसी, सोनामोती, पत्यौरा, पतारा जैसी खदानों में जहां आम दिनों में 10, 500 रुपए में एक ट्रक भरता था वो अब 13,500 में भर रहा है। क्योंकि कई अवैध खदानों में पानी भर जाने की वजह से वो नहीं चल रही हैं। इस कीमत में 7000 हजार रुपए सिंडिकेट के होते हैं। यानि मौरंग की असली कीमत 6500 रुपए है। अब आपको बताते हैं कि 13, 500 रुपए की मौरंग में और कितने पैसे जुड़ते हैं तब वो मंडी पहुंचती है।

एक ट्रक मौरंग के 'असली रेट'

कारोबारी के मुताबिक एक ट्रक मौरंग की कीमत 13, 500 होती है। इसमें गाड़ी का डीजल हमीरपुर से कानपुर तक का करीब 2500, करीब 1000 रुपए टोलटैक्स और 500 रुपए पुलिस का। इसके अलावा एक ट्रक के एक दिन के करीब 800 रुपए आरटीओ के अधिकारी लेते हैं। इसके अलावा 1500 रुपए ड्राइवर लेता है जोकि ट्रक चलाकर लाता है। अगर ये जोड़ लिया जाए तो करीब 19, 800 रुपए होते हैं। इतना ही नहीं इसके अलावा भी एक ट्रक अवैध खनन की मौरंग को कानपुर लाने में करीब 1000 रुपए का खर्च आता है। जिसके बाद करीब 20,800 रुपए की एक ट्रक मौरंग कानपुर की मंडी में पहुंचती है। अब आप समझ सकते हैं कि व्यापारी जब इतने पैसे में मौरंग खरीदेगा तो फिर कितने पैसे में बेचेगा? एक बड़े डम्पर में करीब 900 घन फीट मौरंग आती है। मंडी के रेट 30 प्रति फीट हैं। इस हिसाब से 900 फीट मौरंग के दाम हुए जाकर पूरे 27 हजार रुपए। एक ट्रक मौरंग में बड़ा व्यापारी 6200 रुपए की कमाई करता है। जबकि पब्लिक तक पहुंचते-पहुंचते मौरंग के दाम 38 से 40 रुपए फीट हो जाते हैं। यानि 6500 रुपए की मौरंग पब्लिक को 36 हजार रुपए में मिलती है।

सिंडिकेट का अलग है हिस्सा

कारोबारी ने जो सच्चाई बताई उसको जानकर आपको पता चल जाएगा कि 13, 500 की मौरंग में कितने पैसे अवैध खनन करने वालों के होते हैं। उसने बताया कि करीब 7000 रुपए अवैध खनन कराने वाला सिंडिकेट लेता है। हमीरपुर में अवैध खनन का सिंडिकेट चलाने वाले एक सफेदपोश का संपर्क सीधे लखनऊ से है। 7000 रुपए के अलावा जो पैसे बचते हैं वो खदान में काम करने वाले मुंशी, मजदूर और नदी से मौरंग निकालने वाली मशीन का खर्च शामिल होता है। इसके अलावा जिस थाने में जो खदान आती है वो थाने में 50,000 से एक लाख रुपए प्रति महीना देता है। मुंह बंद करने के लिए हर विभाग को हिस्सा सिंडिकेट के लोग देते हैं। कागजों में खनन पूरी तरह बंद है लेकिन सबकुछ चल रहा है। कारोबारी ने बताया कि सिंडिकेट के लोग लखनऊ तक पैसा पहुंचाते हैं। इसके अलावा आरटीओ, पुलिस और दूसरे विभागों को उनका हिस्सा मिल जाता है जिससे कोई नहीं बोलता है।

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