- पनकी पड़ाव क्रासिंग पर ट्रेन की चपेट में आए बाइक सवार भाइयों की मौत

- दादा नगर क्रॉसिंग पर बच्चों संग टै्रक पार कर रही महिला ट्रेन से कटी

KANPUR: रेलवे क्रॉसिंग पार करते समय जल्दबाजी ने 3 घरों को सूना कर दिया। पनकी में जहां मंदिर से दर्शन कर लौट रहे बाइक सवार चचेरे भाईयों की ट्रेन की चपेट में कर आकर मौत हो गई। वहीं सीसामऊ में भी एक महिला की रेलवे क्रॉसिंग पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। दोनों ही मामलों रेलवे क्रासिंग पार करते समय नियमों की अनदेखी और जल्दबाजी वजह है।

ट्रेन नहीं मौत आई।

कल्याणपुर के मिर्जापुर गांव निवासी रामबाबू उर्फ पप्पू(21) शटरिंग का काम करते थे। तीन साल पहले ही उसकी शादी हुई थी और डेढ़ साल की एक बेटी भी है। वहीं चचेरा भाई सत्यनारायण उर्फ खन्ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है.शुक्रवार को दोनों सरसौल में शिवरात्रि समारोह में शामिल होने बाइक से गए थे। शनिवार तड़के लौटते समय पनकी पड़ाव क्रॉसिंग बंद था इसी दौरान वह फाटक के नीचे से बाइक निकालने लगे। वह ट्रैक पार कर पाते इसी बीच दोनों ट्रेन की चपेट में आ गए। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

बच्चे बचे मां की हुई मौत

सीसामऊ के गांधी नगर निवासी नितिन शुक्रवार को अपनी पत्‍‌नी पूनम त्रिवेदी(35) दो बच्चों राज व अनिकेत संग बर्रा में अपने रिश्तेदार के शादी समारोह में शामिल होने निकले थे। देर रात लौटते समय दादा नगर में क्रांसिंग बंद था। नितिन ने पूनम और बच्चों को बाइक से उतार कर पैदल ट्रैक पार करने को कहा। पूनम बच्चों संग ट्रैक पार कर रही थी इसी बीच ट्रेन आ गई। जिसकी चपेट में आकर पूनम गंभीर रूप से घायल हो गई। हालाकि बच्चे घटना में बाल बाल बच गए। पूनम को फौरन अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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क्रासिंग इतना बंद होते है कितना रुके।

शहर में कई ऐसी क्रॉसिंग हैं जोकि दिन भर में 100 से ज्यादा बार बंद होती हैं। ज्यादातर समय ये क्रांसिंग बंद रहने से लोगों का भी सब्र जवाब दे जाता है और वह बंद क्रासिंग पार करते हुए हादसों का शिकार हो जाते हैं। शहर में कई इलाकों में रेलवे ट्रैक दरअसल मौत के रास्ते बन चुके हैं। इनके लिए ज्यादातर तो लोग की जिम्मेदार होते है जोकि जल्दबाजी और लापरवाही से रेलवेट्रैक पार करते है लेकिन कई जगहों पर रेलवे की लापरवाही भी नजर आती है।

इन रूटों पर इतने क्रासिंग

14 क्रॉसिंग- अनवरगंज से आईआईटी तक

3 क्रॉसिंग- सेंट्रल स्टेशन से गंगा पुल तक

10 क्रॉसिंग- इलाहाबाद रुट पर सरसौल की तक

4 क्रॉसिंग- दिल्ली रूट पर पनकी तक

3 क्रासिंग- झांसी रूट पर बर्रा बाईपास तक

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30 बार- दिनभर में बंद होते अनवरगंज से कल्याणपुर ट्रैक के क्रासिंग

94 बार- बंद होता है सीओडी क्रासिंग

56 बार- बंद होता है लखनऊ क्रासिंग दिन भर में

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यहां पर सबसे ज्यादा मौतें

- दादा नगर क्रासिंग, लखनऊ फाटक, गुरूदेव से बगिया क्रासिंग के बीच, रामादेवी फ्लाईओवर के नीचे, पनकी पड़ाव

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क्रासिंग पार करने पर फाइन का रिकार्ड नहीं

दरअसल गलत तरीके से रेलवे क्रासिंग पार करने पर इंडियन रेलवे एक्ट 147 के तहत जेल और फाइन लगाने का प्रावधान है। लेकिन कानपुर में साल भर में गलत तरीके से रेलवे क्रासिंग पार करने पर कितने लोगों का फाइन किया गया इसका कोइ्र रिकार्ड नहीं है.दरअसल इसकी जिम्मेदारी आरपीएफ की ही है। लेकिन शहर में इस धारा में कितने चालान हुए या किसी को जेल भेजा गया इस पर रेलवे अफसर कोई जानकारी नहीं दे पाते