- 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर रोक का मामला

- आरटीओ में री रजिस्ट्रेशन के लिए करनी पड़ेगी मशक्कत

GORAKHPUR: प्रदेश भर में 10 साल से अधिक पुराने वाहनों पर रोक लगने का आदेश का जिले में बड़ा असर पड़ेगा। जिले के भीतर कम से कम तीन लाख वाहन कबाड़ हो जाएंगे। पॉल्युशन को देखते हुए पुराने डीजल वाहनों पर रोकथाम के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रदेश सरकार के नए फरमान पर सबका डाटा तत्काल भेज दिया जाएगा। आरटीओ से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली, नोएडा सहित अन्य जगहों से रिजेक्टेड वाहन जिले में दौड़ रहे हैं।

सूचना से परेशान हुए व्हीकल ओनर्स

दिल्ली में पॉल्युशन को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पुराने वाहनों के संचलन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। ट्रिब्यूनल के एक आदेश में कहा गया था कि 10 साल पुराने डीजल और 15 साल की उम्र पूरी कर चुके पेट्रोल वाले वाहनों पर रोक लगा दी जाए। एनजीटी ने यह भी कहा था कि जांच करके ऐसे वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। हालांकि जिले में अभी इस तरह के किसी आदेश के अनुपालन के संबंध में कोई पत्र आरटीओ सहित अन्य विभागों को नहीं मिला है। इसलिए यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हो शुरू की। प्रदेश में 10 साल पुराने डीजल इंजन वाहनों के संबंध में कार्रवाई के संबंध में सीएम ने चर्चा की। बढ़ते पॉल्युशन और एनजीटी के फैसले के आधार पर सीएम ने जल्द ही वाहनों को हटाने का फैसला लेने को कहा है। पब्लिक की समस्याओं को देखते हुए इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। यूपी में पुराने वाहनों के प्रतिबंधित किए जाने की सूचना से पुराने व्हीकल ओनर परेशान हो गए हैं। गुरुवार को इस संबंध में जानकारी लेने के लिए लोग आरटीओ पहुंचे।

री-रजिस्ट्रेशन में बढ़ेगी मशक्कत

जिले भर में करीब पांच लाख वाहन 10 साल से अधिक की आयु पूरी कर चुके हैं। इनमें डीजल इंजन वाले वाहनों की तादाद तीन लाख के आसपास बताई जा रही है। 10 साल पुराने वाहनों का री-रजिस्ट्रेशन कराकर आसानी से काम चल जाता था। आरटीओ में मामूली औपचारिकता के बाद कम से कम पांच साल तक वाहनों को चलाने की अनुमति मिल जाती थी। यदि प्रदेश सरकार ने सख्ती की तो वाहनों का आसानी से री रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो सकेगा। क्योंकि तमाम लोग कोशिश करेंगे कि कागज में उनके वाहनों को शहर में चलने लायक बना दिया जाए। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए पहले से तैयारी शुरू कर दी गई है।

तीन लाख वाहन होंगे कबाड़

पहले चरण में डीजल वाहनों को हटाया जाएगा। जिले के आरटीओ में जिले के आरटीओ में करीब 17 लाख वाहन रजिस्टर्ड हैं। इनमें डीजल से चलने वाले तीन लाख वाहन 10 साल की आयु सीमा पूरी कर चुके हैं। टैक्सी, माल-भाड़ा और अन्य संस्थाओं में चल रहे वाहनों को जुगाड़ की बदौलत सड़कों पर दौड़ाया जाता है। प्रदेश सरकार के सख्ती बरतने पर इन वाहनों को हटाना पड़ेगा। आरटीओ से जुड़े लोगों का कहना है कि इससे लोगों को व्यवसाय पर असर पड़ेगा। दिल्ली और अन्य जगहों से सस्ते में वाहन खरीदकर यहां चला रहे लोग भी प्रभावित होंगे।

वर्जन

यह फैसला आने वाला है इसलिए पहले से ही तैयारी की जाएगी। हाल ही में वाहन फोर सॉफ्टवेयर अपडेट किया गया है। इसमें लगातार काम चल रहा है। जिले में सभी प्रकार के वाहनों की डिटेल तैयार करके सूचना भेज दी जाएगी। आदेश प्रभावी होते व्यापक अभियान चलाकर जांच पड़ताल कराई जाएगी।

- एसआर पाल, एआरटीओ प्रशासन