-सचेण्डी थाने के सामने ड्राइवर की झपकी अनियंत्रित हुआ कंटेनर

-डिवाइडर को तोड़ने के बाद तीन को रौंदते हुए बस्ती में घुस गया

-हादसे में पति-पत्नी की बेटी समेत मौत, बेवा बहु हुई घायल

KANPUR :

सचेण्डी में बुधवार को तड़के ड्राइवर की झपकी ने दम्पति को बेटी समेत मौत की नींद सुला दिया। वे झोपड़ी के बाहर सो रहे थे कि वहां से गुजरे रहे कंटेनर के ड्राइवर को झपकी आ गई। जिससे अनियंत्रित कंटेनर डिवाइडर और दो दुकानों को तोड़ते हुए बस्ती में घुस गया। कंटेनर की चपेट में आने से दम्पति और उनकी बेटी समेत मौत हो गई, जबकि बेवा बहु गंभीर रूप से घायल हो गई। इधर, हादसे के बाद लोग घरों से बाहर आ गए। उन्होंने ड्राइवर और क्लीनर को पकड़ लिया। गुस्साए लोगों ने उनको पीटने के बाद पुलिस के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम भेजने के साथ ही घायल को हॉस्पिटल में एडमिट कराया।

गर्मी की वजह से बाहर सोए थे

सचेण्डी में थाने के सामने बस्ती में रहने वाले दिव्यांग छुटकऊ (52) को दिखाई नहीं देता था। उनके परिवार में पत्नी विद्यावती, चार बेटी और बेवा बहु थी। वो भीख मांग कर परिवार को पाल रहा था। उसकी हाइवे के किनारे झोपड़ी थी। रात को गर्मी की वजह से छुटकऊ पत्नी पत्नी विद्यावती (48) के साथ झोपड़ी के बाहर चारपाई पर सो गया, जबकि बेटी नंदनी (17) भाभी सावित्री के साथ सो रही थी। तड़के चार हाइवे से गुजर रहे कंटेनर ड्राइवर संतोष को झपकी आ गई। जिससे कंटेनर अनियंत्रित हो गया। कंटेनर डिवाइडर को तोड़ने के बाद उनको रौंदते हुए बस्ती में घुस गया। इधर, हादसे से बस्ती में हड़कम्प मच गया। छुटकऊ के घरवालों समेत बस्ती के लोग घरों से निकल आए। उन्होंने दौड़ाकर ड्राइवर को पकड़ लिया। उन लोगों ने कंटेनर में फंसे चारों लोगों को बाहर निकाला तो छुटकऊ, उसकी पत्नी विद्यावती और बेटी नंदनी की मौत हो चुकी थी, जबकि सावित्री गंभीर रूप से घायल थी। पुलिस ने मौके पर जाकर सावित्री को हॉस्पिटल में एडमिट कराने का साथ ही शवों को पोस्टमार्टम भेज दिया।

झोपड़ी में सोने से बची 3 जानें

छुटकऊ के परिवार में पत्नी विद्यावती, चार बेटी किरन, कंचन, क्रांति, नंदनी, बेवा बहु सावित्री और उसका दिव्यांग बेटा अनिल थे। हादसे के वक्त किरन, कंचन, क्रांति और दिव्यांग भाई अनिल झोपड़ी के अन्दर सो रहे थे। जिसकी वजह से वो जिंदा बच गए,

तो और भी बड़ा हादसा होता

हादसे में कंटेनर का टायर निकल गया था। इसकी वजह से वो बस्ती में कुछ दूर घुसने के बाद रुक गया था। अगर उसका टायर न निकलता तो कंटेनर बस्ती के अन्दर चला जाता, जिससे और लोगों की भी जान जा सकती थी।