परिजनों और मुखिया के सामने पंचनामा के बाद शवों का नही हुआ पोस्टमार्टम

इसी बीच दादी के पीछे खड़ा पौत्र अंकुश कुमार ने दीवार में टंगा पॉलिथिन जिसमें थाइमेट को चायपत्ती समझ वर्तन में डाल दिया। दादी छठिया देवी ने चीनी मिलाकर चाय कप में डालकर पड़ोसन देवकली कुंअर को भी दी। वे खुद भी ली और अंकुश को भी दी। महज पांच मिनट बाद सभी उल्टी करने लगे। सभी को परसा पीएचसी ले जाया गया जहां छठिया देवी, अंकुश कुमार और देवकली कुंअर की मौत हो गई। जबकि एक अन्य लड़के का इलाज पटना में चल रहा है।

23 बच्चे की हुई थी मौत

जांच के लिए सोनपुर एसडीपीओ पंकज शर्मा पहुंचे। आलू पर छिड़काव को लेकर एक माह पूर्व योगेंद्र राय ने थाइमेट खरीदी थी। सभी ग्रामीण और परिजन डीएसपी और थानेदार को बताया कि घटना भूलवश हुई है। यह घटना 5 वर्ष पहले हुई गंडामन हादसे की याद दिला दी। भूलवश तेल की जगह मिड डे मील के लिए बन रहे सब्जी में कीटनाशक दवा पड़ने से 23 बच्चों को जान चली गई थी।