एनजीओ के जुर्माना भरने पर छूटे तीन बंदी

डीएम की तत्परता से संभव हो सकी रिहाई

GORAKHPUR: जेल में बंद तीन बंदियों को सोमवार शाम रिहा किया गया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी सप्ताह पर डीएम की तत्परता से तीनों के रिहाई संभव हो सकी। बैरक से जेल गेट पर कैदियों को विदा करने पहुंचे वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ। रामधनी ने अच्छा काम करने की सलाह दी। कैदियों से कहा कि अच्छे चाल-चलन के चलते ही उनकी रिहाई संभव हो सकी है। जेलर आरके सिंह ने बताया कि जन पहल, एशियन, मानव सेवा संस्थान ने बंदियों की जमानत राशि कोर्ट में जमा कराई है। जेल अधीक्षक ने बंदियों को घर जाने के लिए किराया भी मुहैया कराया।

इनकी हुई रिहाई

- लड्डू कुमार, गुलरिहा, घोड़ासाहब, मोतिहारी के खिलाफ 2015 में मुकदमा दर्ज हुआ था। उसे दो की सजा और छह हजार रुपए के अर्थदंड की सजा मिली थी।

-गोकुल कुमार, सरैया बाजार, गुलरिहा को कोर्ट ने एक साल की सजा और 10 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई थी। सजा पूरी होने के बाद जुर्माना न भर पाने से वह छूट नहीं पा रहा था।

- इस्तेफाक्र चक्सा हुसैन, जमुनहिया गोरखनाथ को जीआरपी ने अरेस्ट किया था। इस्तेफाक की रिहाई के लिए एनजीओ ने एक हजार रुपए का जुर्माना जमा कराया।

बंदियों का जुर्माना जमाकर उनकी रिहाई की व्यवस्था बनाई। रिहाई की सूचना मिलने से बंदी गदगद हो गए थे। उनसे कहा गया है कि यहां से निकलकर वह समाज में अच्छे काम करें।

डॉ। रामधनी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक