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PATNA : अभी तक अपराधियों की कुंडली खंगालने के लिए सूबे की खाकी को एक थाने से दूसरे थाने तक भटकना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि मामूली चोर से लेकर कुख्यात क्रिमिनल तक के पुराने रिकॉर्ड को अब चंद मिनटों में तलाश लिया जाएगा। और यह संभव होगा अंगूठे के निशान से। यानी पुलिस की पहुंच में जो भी अपराधी हैं सभी का थंब इंप्रेशन लिया जाएगा। इसके बाद उनकी कुंडली स्क्रीन पर आ जाएगी।

थाने होंगे कम्प्यूटरीकृत

केन्द्र के निर्देश के बाद क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्किंग सिस्टम के तहत सूबे के सभी थानों को कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है। इसमें राज्यों के थानों के रिकॉर्ड को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ?यूरो (एनसीआरबी) से जोड़ा जाएगा। इसके बाद सभी राज्यों के थानों में पकड़े गए अपराधियों का रिकॉर्ड आसानी से तलाश लिया जाएगा। हालांकि बिहार के थाने अभी पूरी तरह कम्प्यूटरीकृत नहीं हुए हैं। ऐसे में अपराधियों के पुराने रिकॉर्ड को ढूंढने में दिक्कतें आती है। लेकिन विभाग का कहना है कि बहुत जल्द ये परेशानी दूर हो जाएगी।

ऐसे मिलती थी जानकारी

पुलिस विभाग की मानें तो अपराधियों को पकड़ने के बाद उनकी हिस्ट्री जानने के लिए डिस्टिक क्राइम रिकॉर्ड ?यूरो से जानकारी लेनी पड़ती थी। वहीं, दूसरे स्टेट में हुए अपराधों में शामिल क्रिमिनल्स की भी डिटेल आसानी से नहीं मिल पाती थी। लेकिन अब सेंट्रल सर्वर से हर राज्यों की जानकारी मिल जाएगी।

स्कैन होगा 'रेटिना'

सेंट्रल सर्वर पर अपराधियों से जुड़ी हर जानकारियों को अपलोड किया गया जाएगा। इसमें अपराधियों का नाम, पिता का नाम, घर का पता, गैंग के नाम के साथ उनकी पहचान और आंखों की रेटिना को स्कैन कर सर्वर पर अपलोड किया जाएगा। इसके बाद थम इंप्रेशन से अपराधियों का रिकॉर्ड आसानी से मिल जाएगा।

डाटा होगा अपडेट

अभी तक यह होता रहा है कि बिहार पुलिस अपराधियों की डिटेल रजिस्टर्ड में दर्ज करती है। ऐसे में कई बार रजिस्टर्ड गुम होने या अन्य कारणों ने बदमाशों की रिकार्ड ढूंढने में काफी समय लग जाता है। लेकिन अब थाने के हाईटेक होने के बाद सभी थानों में दर्ज पुराने मामलों को सेंट्रल सर्वर में अपलोड करने का काम किया जाएगा।

ये होगा फायदा

- थाने के पास रहेगा अपराधियों का रिकॉर्ड

- पुराने मामलों को मिनटों में खोजा जा सकेगा।

- प्रदेश से बाहर का भी पता चलेगा कनेक्शन,

- देशभर के सभी अपराधियों का डिटेल मिलेगा।

आधुनिकीकरण के तहत सूबे के सभी थानों को कम्प्यूटरीकृत कर हर प्रकार का डाटा ऑनलाइन किया जाएगा। इसमें अपराधियों का पुराना रिकॉर्ड भी शामिल रहेगा।

- पीके ठाकुर, डीजीपी, पटना