- 1913 में एक लाख टाइगर थे, जो अब 3500 के करीब रह गए हैं

PATNA : ग्लोबल टाइगर डे पर पर्यावरण एवं वन विभाग की ओर से संजय गांधी जैविक उद्यान में मंगलवार को रॉयल बंगाल टाइगर के संरक्षण के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित किया गया। इस अवसर पर व‌र्ल्ड लाइफ इंडिया, वेस्ट चंपारण के मैनेजर डॉ समीर कुमार सिन्हा ने टाइगर हेबीटेट कंजर्वेशन के बारे में स्टूडेंट्स को नॉलेज दिया। संजय गांधी जैविक उद्यान के डायरेक्टर एस चंद्र शेखर ने स्पीच में कहा टाइगर कंजर्वेशन के लिए सबों को अपने स्तर से प्रयास करना होगा। ऐसा नहीं होने पर टाइगर के अतीत बन जायेगा, साथ ही पारिस्थितिकी भी अन बाइलेंस हो जाएगा। एक्सपर्ट की मानें तो पांच से आठ साल में यह विलुप्त हो जाएगा।

अवेयरनेस के लिए कई कार्यक्रम

स्कूली बच्चों में ग्लोबल टाइगर के अवसर पर पेंटिंग, लेख लेखन, ऑन स्पाट फोटोग्राफी प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस अवसर पर टाइगर संरक्षण के लिए शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई तथा स्टूडेंट्स के बीच टाइगर मास्क वितरित किया गया। ग्लोबल टाइगर डे पर फ्भ् स्कूल के सैकड़ों स्टूडेंट्स को टाइगर सहित अन्य वाइल्ड लाइफ को कंजर्वेशन की ओथ दिलाई गई।

ठोस कदम उठाना जरूरी

एक्सपर्ट टाइगर संरक्षण को लेकर काफी चिंतित हैं। एक्सपर्ट के अनुसार जिस तेजी से टाइगर की संख्या घट रही है, समय रहते इसके लिए ठोस कदम नहीं उठाया गया तो पांच-आठ इयर में दुनिया से टाइगर विलुप्त हो जाएगा। क्9क्फ् में दुनिया में एक लाख टाइगर थे। ख्0क्फ् में यह संख्या फ्भ्00 के पास पहुंच गयी। वहीं ख्0क्ब् में मात्र फ्00 टाइगर बचे।

पटना में हैं सात टाइगर

संजय गांधी जैविक उद्यान में वर्तमान में सात टाइगर हैं। चार एडल्ट टाइगर पहले से थे। ब् फरवरी ख्0क्ब् को ख्क् साल बाद थ्री नये कव का जन्म हुआ। अगस्त से तीनों कव को पब्लिक भ्यू के लिए रखा जाएगा। इसके अलावा वाल्मिकी टाइगर रिर्जव वेस्ट चंपारण में ख्ख् टाइगर हैं।

टाइगर कंजर्वेशन की बातें

- स्किन और अन्य बॉडी पा‌र्ट्स के लिए हंटींग।

- टाइगर के आवास का लगातार नष्ट होना।

-बायोटिक प्रेशर।

-शिकार के कारण टाइगर के भोजन का मुख्य आधार जैसे डीयर, वाइल्ड बोर, संबर आदि का विलुप्त होना।