- आई नेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवेज 2014 का शानदार आगाज

- स्टूडेंट्स को एक्सप‌र्ट्स से मिले सवालों के जवाब

- इंजीनियरिंग कॉम्पटीशन को बीट करने के मिले टिप्स

Meerut: आई नेक्स्ट, जागरण जोश और वीआईटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित आई नेक्स्ट इंजीनियरिग गेटवेज ख्0क्ब् के प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को काफी कुछ सीखने को मिला। कैंट स्थित अतिथि भवन में ऑर्गेनाइज इस सेमिनार के पहले दिन एक्सप‌र्ट्स ने स्टूडेंटस की सभी शंकाओं का समाधान किया, जिसमें इंजीनियर बनने की चाह रखने वाले स्टूडेंट्स को एस्प‌र्ट्स से सफलता के ऐसे ढेर सारे मंत्र सीखने को मिले।

क्0+ख् के बाद करें तैयारी

इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने से अधिक यह बात अहमियत रखती है कि आप इंजीनियरिंग की पढ़ाई कहां से कर रहे हैं। सपने देखना या पढ़ाई का टाइम टेबल बना लेने भर से जेईई क्रैक नहीं हो सकता। क्0+ख् के बाद इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन की बेस्ट डिग्री मानी जाती है। जहां से कई एकेडमिक और करियर की राहें निकलती है। कहते हैं पढ़ते तो सब हैं, लेकिन दो दिन में एक जेल पेन खत्म नहीं किया तो समझ लीजिए आप सही मायने में इंजीनियरिंग की तैयारी नहीं कर रहे हैं।

देखने को मिला जोश और जुनून

आई नेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवेज के इस सेमिनार में स्टूडेंट्स के बीच कुछ बनने का जोश और जुनून देखने को मिला, जिसमें एक्सप‌र्ट्स ने स्टूडेंट्स के सभी सवालों के जवाब दिए। साथ ही उनके आगे बढ़ते कदम को और तेज गति दी। इंजीनियर बनने की राह चलने वाले स्टूडेंट्स के मन में शंकाएं दूर करते हुए उनको रास्ते दिखाए। एक्सप‌र्ट्स ने सब्जेक्ट में होने वाली सभी दिक्कतों को दूर किया। साथ ही उनको तैयारी करने के तरीकों से भी अवगत कराया, जिसमें स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग की राह चुनने के लिए क्या करना है और क्या नहीं, इस बारे में जानकारी दी।

जोश के साथ शुरुआत

प्रोग्राम की शुरुआत जोश और तालियों से हुई। साथ ही सेमिनार की शुरुआत में आई नेक्स्ट जागरण परिवार, एक्सप‌र्ट्स और मोडरेटर अरुणेंद्र सोनी ने मां सरस्वती की वंदना व दीप प्रज्वलित करके की। इसके बाद सभी को आई नेक्स्ट जागरण टीम ने बुके देकर अभिवादन किया। कार्यक्रम की शुरुआत में वीआईटी के माधवेश पाठक ने वीआईटी में एंट्री करने के रास्ते पर प्रकाश डाला। साथ ही इस देश में हर साल निकलने वाले इंजीनियर्स और उनके प्लेसमेंट की जानकारी दी। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए एक्सप‌र्ट्स ने स्टूडेंट्स को जेईई क्रैक करने संबंधी जानकारी दी।

केमिस्ट्री नहीं होनी चाहिए मिस्ट्री

फैज-ए-आम कॉलेज में केमिस्ट्री टीचर और एक्सपर्ट डॉ। एस रहमान ने केमिस्ट्री की मिस्ट्री को दूर करते हुए स्टूडेंट्स को कई मंत्र दिए। डॉ। एस रहमान ने स्टूडेंट्स के सामने केमिस्ट्री के क्वेश्चन को सॉल्व करने की ट्रिक दी। उनका कहना है कि केमिस्ट्री में बेसिक कांसेप्ट क्लीयर होना चाहिए। और इसकी तैयारी के लिए अधिक मेहनत करने की जरूरत नहीं है। बच्चे क्8-क्8 घंटे पढ़ाई करते हैं, इसके बाद भी केमिस्ट्री इनके लिए मिस्ट्री रहती है, लेकिन स्टूडेंट्स को ऐसा करने की जरूरत नहीं है। अगर बच्चे इलेवंथ और ट्वेल्थ का कोर्स पूरी तरह से कंप्लीट कर लें, वही काफी है। आर्गेनिक और फिजिकल केमिस्ट्री दोनों के ही कांसेप्ट क्लीयर करके चलें। इससे ही आप इंजीनियरिंग एंट्रेंस क्लीयर कर सकते हैं।

केमिस्ट्री से डरें नहीं

केमिस्ट्री को पढ़ने के लिए सही सिंबल, सही फॉर्मूले और सही इक्वेशन को जानना बेहद जरूरी है। खासतौर पर मैथ्स के स्टूडेंट्स को केमिस्ट्री पढ़नी अच्छी नहीं लगती है। लेकिन इंजीनियरिंग की तैयारी में केमिस्ट्री का इम्पोर्टेंट रोल है। इसलिए इससे डरें नहीं और न हीं इग्नोर करें। यही कहना था इस्माईल डिग्री कॉलेज से साइंस डिपार्टमेंट की डीन एवं आरजी से रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ। सुधा गोयल का। उनके अनुसार तैयारी आर्गेनिक पार्ट से स्टार्ट करें। यह कॉन्सेप्ट बेस्ड होती है। ऑर्गेनिक के बाद फिजिकल केमिस्ट्री व उसने न्यूमेरिकल्स सॉल्व करना फायदेमंद रहता है। ऑर्गेनिक को रटने की नहीं बल्कि समझने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि केमिस्ट्री को लगातार पढ़ने की आवश्यकता नही है। एक बार में केवल चार इक्वेशन पढ़नी चाहिए। फिर उसे बार-बार दोहराना चाहिए। क्योंकि बिना रिवीजन किए आप केमिस्ट्री नहीं पढ़ सकते हैं, इसके लिए प्रैक्टिस बेहद जरूरी है।

सबसे पहले क्लीयर करें जाना कहां है

सरदार वल्लभ भाई पटेल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में बायोटेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट डॉ। पुरुषोत्तम ने कहा कि सबसे पहले यह क्लीयर करें कि आपको जाना किधर है। आपका टारगेट क्या है। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को बायोटेक्नोलॉजी में फ्यूचर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बीटेक बायोटेक्नोलॉजी से कई रास्ते खुलते हैं। अगर कोई बायोटेक्नोलॉजी से बीटेक करना चाहता है उसे सबसे पहले आईसीएआर (इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च) का एक टेस्ट पास करना पड़ता है। जो इंडिया की सभी यूनिवर्सिटी के लिए होता है। इसको पास करने वाला किसी भी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सकता है। बीटेक बायोटेक्नोलॉजी करने के बाद नेट और रिसर्च के रास्ते भी खुल जाते हैं।

बायोटेक्नोलॉजी में एक नहीं कई क्षेत्र

बायोटेक्नोलॉजी सिर्फ एक यो दो क्षेत्रों तक सीमित नहीं है। इसमें मेडिकल से लेकर एग्रीकल्चर, एन्वायरनमेंट और भी कई क्षेत्र शामिल हैं। ये बातें सरदार वल्लभभाई पटेल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी केकॉलेज ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर डॉ। पंकज चौहान ने कही। उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी के बारे में बताते हुए कहा कि बायो में टेक्नोलॉजी होने के कारण ये भी एक इंजीनियरिंग बेस्ड हो गया है। अब तो इसमें एक नया अध्याय और जुड़ा है वो है बायोइंफोर्मैटिक्स। उन्होंने बच्चों से कहा कि कि वैसे तो उन्हें वो ही पढ़ना चाहिए जिसमें उन्हें मजा आए। बच्चे खुद चूज करें कि उन्हें आखिर करना क्या? वो इंजीनियर बनना चाहते हैं तो वो खुद डिसाइड करें कि वो कौन सी फील्ड में इंजीनियर बनना चाहते हैं। जैसा कि बताया कि कई बॉलीवुड एक्टर्स, पॉटीशियन यहां तक कई एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स भी इंजीनियरिंग करने के बाद यहां तक पहुंचे। तो अपने आप को परखें और जाने वो क्या करना चाहते हैं।

खुद में करें बदलाव

सीईआरटी कॉलेज के लेक्चरर दीपक रावत ने स्टूडेंट्स को उनके सपने साकार करने के रास्ते दिखाए। उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि वे किस तरह अपने गोल तक पहुंच सकते हैं। जेईई मेन और एडवांस के बारे में जानकारी देते टिप्स दिए। कहा कि हर साल इस एग्जाम में डेढ़ लाख से अधिक स्टूडेंट्स पार्टीसिपेट करते हैं। जिसमें पास होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम होती है। इस एग्जाम में पीसीएम से क्वेश्चन पूछे जाते हैं। एग्जाम को पास करने के लिए स्टूडेंट्स एक डायरी लें और उसमें अपना गोल लिखें। साथ ही उस गोल को पाने के लिए समय भी नोट करें। फिर मंथली टारगेट बनाएं, फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के लिए एक टारगेट फिक्स करें। जिसको समयानुसार पूरा करें। इसके साथ ही खुद को भी बदलना होगा। अपना एटीट्यूड और सेल्फ स्टडी पर ध्यान देना होगा। तभी आप गोल तक पहुंच पाएंगे।

सबका जीवन साइंस बेस है

दयावती मोदी एकेडमी के टीचर और फिजिक्स के एक्सपर्ट गौरव त्यागी को लेकर सभी बच्चे काफी उत्साहित दिखाई दे रहे थे। गौरव त्यागी ने साइंस की स्पेशलाइजेशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमारा जीवन साइंस बेस्ड है। गौरव त्यागी ने बच्चों को कहानी सुनाकर साइंस की जानकारी दी। साथ ही साइंस स्टूडेंट्स स्पेशल क्यों होते हैं, इसके बारे में भी बताया। इसके साथ ही फिजिक्स पर अपने टिप्स दिए। इनका कहना है कि फिजिक्स में न्यूमेरिकल को लेकर स्टूडेंट्स काफी परेशान रहते हैं। ऐसे में वे इन न्यूमेरिकल को करने के लिए क्वेश्चन फॉर्मूले बेस करें। जेईई क्वालिफाई करने के लिए इलेवंथ और ट्वेल्थ की किताबों को अच्छे से पढ़ा जाए। इन दोनों क्लासों में पढ़ी जाने वाली किताबों से एनआईआईटी में काफी क्वेश्चन आते हैं। साथ ही मैकेनिक्स से भी करीब फ्ख् फीसदी क्वेश्चन आते हैं, जिनकी तैयारी करने से अच्छे मा‌र्क्स पा सकते हैं।

एंजॉय और रिफ्रेसमेंट

स्टूडेंट्स बोर न हो इसलिए प्रोग्राम में इंजीनियरिंग बेस्ड वीडियोज दिखाई गई। साथ ही उनको बोरियत से दूर रखने के लिए काफी ऐसी चीजें बताई गई जिससे उनमें जोश और जुनून का जज्बा नजर आया। तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा सेमिनार हॉल गूंज रहा था। स्टूडेंट्स के इसी जोश को बनाए रखने के लिए बीच-बीच में ऐसी जानकारियां दी गई, जिससे इनका मन लगा रहे। इस बीच थ्री इडियट की एक क्लीपिंग के जरिए स्टूडेट्स को उसके टारगेट के बारे में याद दिलाया।

बायोटेक्नोलॉजी के बारे में काफी कम जानकारी दी। लेकिन जितनी जानकारी आई नेक्स्ट और वीआईटी के इस प्रोग्राम में मिली वो शायद कहीं और नहीं मिलेगी। पंकज सर ने काफी डीपली इस बारे में जानकारी दी।

- कपिल तोमर, ट्वेल्थ क्लास, एसडी ब्वॉयज सदर

हमें इंजीनियरिंग के और भी कई आयाम देखने को मिले। जानकारी मिली सिर्फ इंजीनियरिंग करने से इंजीनियर ही बनकर नहीं रहा जा सकता। यहां से और भी कई रास्ते खुलते हैं।

- दीपक कुमार, ट्वेल्थ क्लास, एसडी ब्वॉयज सदर

एक गजब कांफीडेंस आया है। जो अब से पहले नहीं था। वीआईटी के बारे में जानकारी मिली। वीआईटी के बारे में अपने घर में डिस्कस करूंगी। थैंक्स टू आईनेक्स्ट उन्होंने हमें इस सेमिनार अटेंड करने का मौका दिया।

- रीनू, स्टूडेंट्स, द्रोणाचार्य इंस्टीट्यूट

सभी टीचर्स और एक्सपर्ट को सुनकर काफी अच्छा लगा और उनकी कई बातों को नोट भी किया। ताकि एग्जाम के वक्त उन्हें ध्यान रखा जा सका। हमें सबसे अच्छा पार्ट डॉ। सुधा गोयल का लगा। उन्होंने केमिस्ट्री के बारे में अच्छा बताया।

- आकांक्षा, स्टूडेंट्स, द्रोणाचार्य इंस्टीट्यूट

आई नेक्स्ट और वीआईटी द्वारा ऑर्गनाइज इस प्रोग्राम में काफी बातें पता चली। खास इंजीनियरिंग के बारे में कि कांप्टीटिव एग्जाम के बारे में कैसे तैयारी की जाए।

- तान्या, स्टूडेंट्स, द्रोणाचार्य इंस्टीट्यूट

वीआईटी और आई नेक्स्ट का यह सेमिनार बेहद नॉलेज देने वाला रहा। अभी तक हमें केमिस्ट्री सब्जेक्ट के जो भी पार्ट डिफिकल्ट लगता था वो सब डॉ। सुधा गोयल से बातचीत के दौरान क्लीयर हो गया।

-रिदम , दीवान पब्लिक स्कूल

बायोटेक्नोलॉजी के बारे में इतनी अच्छी जानकारी आजतक कही नहीं मिली जो आज हमें डॉ। पुरुषोत्तम तोमर सर ने दी है। भले ही इस विषय पर बहुत कम बात हुई हो मगर जो भी जानकारी मिली वो बेहद महत्वपूर्ण थी।

-यश, दीवान पब्लिक स्कूल

फिजिक्स के जो पार्ट बेहद मुश्किल लगते थे वो आज यहां वीआईटी के प्रोग्राम में क्लीयर हो गए हैं। टीचर डॉ। गौरव त्यागी ने हमारी सारी क्वेरीज को क्लीयर कर दिया है। अब लगने लगा है फिजिक्स पढ़ना मुश्किल बात नही है।

-आर्यन, डीएमए

आई नेक्स्ट के इस सेमिनार से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है। सभी एक्सपर्ट ने बेहद अच्छी जानकारी दी है, यहां आने के बाद लगा कि अगर सेमिनार में ना आते तो शायद इतना कुछ हम खो देते।

-अमन, डीएमए

सेमिनार में आने से हमें बहुत सारी नॉलेज मिली है, इंजिनियरिंग के काफी बेस यहां आकर हमें क्लीयर हुए है। इस तरह के इवेंट के जरिए हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

-काजल, एमपीजीएस

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ये स्कूल हुए शामिल

इंजीनियरिंग सेमिनार में दीवान पब्लिक स्कूल वेस्ट एंड रोड, एमपीएस मेन विंग, एमपीएस ग‌र्ल्स, केएल इंटरनेशनल, दयावती मोदी एकेडमी, द्रोणाचार्य इंस्टीट्यूट, फैज-ए-आम, एसडी सदर ब्वॉयज इंटर कॉलेज के स्टूडेंटस ने सेमिनार में भाग लिया।

ये रहे अतिथि

सेमिनार में गेस्ट के रूप में दीवान पब्लिक स्कूल के प्रिंसीपल एचएम राउत, सिटी वोकेशनल स्कूल के प्रिंसीपल पे्रम मेहता एवं एसडी ब्वॉयज इंटर कॉलेज सदर के प्रिंसीपल डॉ। बीबी बंसल मौजूद रहे।