एकाग्र होकर पढ़ें हिंदी

हिंदी में अच्छे नंबर लाने के लिए दो चीजें बहुत मायने रखती हैं। एक- डीटेल्ड स्टडी और दूसरी- अच्छी राइटिंग स्किल्स। हिंदी सŽजेक्ट के दो पाट्र्स हैं, लिट्रेचर और लैंग्वेज। लिट्रेचर यानी साहित्य भाग में कोर्स बुक में दिए गए प्रोज (गद्य) से रिलेटेड सवाल पूछे जाते हैं, जिसमें लेखकों के जीवन परिचय के अलावा पोएट्री (पद्य) और उन्हें लिखने वाले कवियों का जीवन परिचय शामिल है, जबकि लैंग्वेज यानी भाषा सेक्शन में हिंदी ग्रामर, लिपि, निबंध लेखन, पत्र लेखन जैसे टॉपिक्स आते हैं। प्रीवियस बोर्ड पेपर्स के बेसिस पर हिंदी क्वेश्चन पेपर को चार सेक्शन में डिवाइड कर सकते हैं:

सेक्शन 1- इसमें आमतौर पर कॉम्प्रिहेन्शन्स पूछे जाते हैं। इस सेक्शन को दो पाट्र्स में डिवाइड करके सिलेबस से रिलेटेड पैसेजेस और पोएम्स पूछी जाती हैं।

सेक्शन 2- यह सेक्शन हिंदी ग्रामर से रिलेटेड क्वेश्चन्स का होता है। ग्रामर की एक्सरसाइजेज इसी सेक्शन का हिस्सा होती हैं।

सेक्शन 3- यह सेक्शन लिट्रेचर पार्ट से रिलेटेड क्वेश्चन्स का है। इसमें कोर्स बुक और कॉम्प्लिमेंट्री बुक से क्वेश्चन आन्सर्स आते हैं। यह क्वेश्चन्स प्रोज और पोएट्री दोनों से जुड़े होते हैं।

सेक्शन 4- यह सेक्शन निबंध लेखन और पत्र लेखन से संबंधित है। इसके अलावा इस सेक्शन में एक पैसेज देकर उसकी समरी लिखने को भी कहा जाता है। हालांकि इस सेक्शन में क्वेश्चन्स के लिए ऑप्शन्स भी दिए जाते हैं।

जितनी शॉर्प प्रिपरेशन स्ट्रैटजी, उतने अच्छे स्कोर्स

हिंदी को लेकर स्टूडेंट्स में ऐसी धारणा है कि इस सŽजेक्ट में बहुत पढऩे के बावजूद ज्यादा अच्छे नंबर नहीं आते। यही नहीं, बोर्ड एग्जाम्स को लेकर भी ऐसा कहा जाता है कि बोर्ड एग्जाम्स में जितना ज्यादा लिखा जाए, मार्क्स उतने अच्छे आते हैं लेकिन असल में ऐसा है नहीं। पुराने दौर की तुलना में अब क्वेश्चन पेपर के पैटर्न के साथ-साथ आन्सर्स एग्जामिन करने के पैटर्न में भी काफी चेंज आ चुका है। ऐसे में अब सिर्फ एक चीज मायने रखती हैं और वो है, स्टूडेंट्स की प्रिपरेशन स्ट्रैटजी, जिसमें सिर्फ लर्निंग नहीं, बल्कि रीडिंग और राइटिंग भी शामिल है...

लिट्रेचर (साहित्य) की प्रिपरेशन

- लिट्रेचर सेक्शन में रीडिंग की बहुत इंपॉर्टेंस है। बोर्ड एग्जाम में अच्छे स्कोर लाने के लिए चैप्टर्स को थॉरोली रीड करें ताकि क्वेश्चन्स कहीं से भी फॉर्म होंं, आप उनके जवाब दे सकें।

- स्टूडेंट्स को चैप्टर की कई बार रीडिंग करके खुद से क्वेश्चन्स फॉर्म करके आन्सर्स लिखने की प्रैक्टिस करनी चाहिए साथ ही लेखकों के बारे में पढऩा चाहिए।

- कविता का भावार्थ (एक्सप्लेनेशन) लिखने की प्रैक्टिस करें। कविता के रचैयता का जीवन परिचय अच्छी तरह पढ़ें। कुछ कविताएं एक्सप्लेनेशन के लिहाज से इंपॉर्टेंट होती हैं। उन्हें याद करने के बाद लिखकर प्रैक्टिस करें।

- कवियों और लेखकों का जीवन परिचय तैयार करें।

- आन्सर्स लिखने की प्रैक्टिस करें। बोर्ड एग्जाम में सही आन्सर लिखने के मार्क्स मिलते हैं, लेकिन यह भी देखा जाता है कि आन्सर किस तरह लिखा है।

- लिखकर प्रैक्टिस करने से आपके अंदर हाई ऑर्डर स्किल्स डेवलेप होंगी, जो हिंदी आन्सर्स लिखने के लिए जरूरी हैं।  

लैंग्वेज (भाषा) की प्रिपरेशन

- सिलेबस में शामिल हैं, चैप्टर्स से ही ग्रामर की प्रैक्टिसस करें। ग्रामर (व्याकरण) मैथ्स की तरह है। जैसे मैथ्स में प्रैक्टिस जरूरी है, उसी तरह ग्रामर में भी प्रैक्टिस बहुत जरूरी है।

- निबंध लिखने की प्रैक्टिस निर्धारित समय में करें। निबंध में कम से कम तीन पैराग्राफ होने चाहिए। निबंध में मुहावरे व लोकोक्तियां या निबंध के टॉपिक से संबंधित कविता की पंक्तियां शामिल लिखें। आप इंग्लिश फ्रजेज का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। वर्ड लिमिट को कभी एक्सीड न करें।

- निबंध में एक टॉपिक करेंट अफेयर से जुड़ा होता है इसलिए न्यूजपेपर्स पढ़ें और देखें कि उनमें आर्टिकल्स कैसे लिखे गए हैं।

- पत्र लेखन का फॉमेट अच्छी तरह प्रैक्टिस कर लें। प्रार्थना पत्र या शिकायत पत्र से संबंधित कुछ टॉपिक्स तैयार कर लें। अगर लेटर फॉर्मेट अच्छी तरह प्रिपेयर है, तो नंबर अच्छे मिलेंगे।

बोर्ड एग्जाम में अच्छे मार्क्स के लिए ये टिप्स हेल्पफुल हो सकती हैं:

- आन्सर्स को बढ़ा-चढ़ाकर लिखने की जगह स्पेसिफिक राइटिंग पर फोकस करें।

- आन्सर्स लिखने का एक ही मंत्रा है, शॉर्ट एंड क्रिस्प। ज्यादा नहीं, अच्छा लिखने से मार्क्स आएंगे।

- अपने आन्सर्स याद करने के बाद जरूर लिखें और लिखने की स्पीड बढ़ाएं। टाइम टेबल बनाकर पढ़ें।

- आन्सर लिखने से पहले यह ध्यान दें कि उसके कितने मार्क्स हैं। कम मार्क्स के क्वेश्चन्स में ज्यादा न लिखें। वर्ड लिमिट का ख्याल रखें और संकेत बिंदुओं का पालन करें। टाइम मैनेजमेंट जरूरी है।

- अनसीन पैसेज करते समय मेन प्वॉइंट्स पेंसिल से अंडरलाइन करें ताकि आन्सर्स फाइंड करने में दिक्कत न हो। रीडिंग के दौरान आन्सर कैच करें।

- चैप्टर्स की रीडिंग बहुत जरूरी है। इससे आपका कॉम्प्रिहेन्शन लेवल भी बढ़ेगा।

इन टॉपिक्स को प्रिपेयर करना न भूलें

चूंकि यह राइटिंग बेस्ड सŽजेक्ट है इसलिए इसमें टॉपिक्स के हिसाब से इंपॉर्टेंट और अनइंपॉर्टेंट चैप्टर्स शॉर्टलिस्ट करना मुश्किल है।  हालांकि कुछ टॉपिक्स ऐसे हैं, जो प्रीवियस बोर्ड एग्जाम में भी पूछे गए हैं और इस साल भी पूछे जा सकते हैं:

1- तुलसीदास व जयशंकर प्रसाद- ये दो कवि व लेखक इंपॉर्टेंट हैं। इनका जीवन परिचय, इनके द्वारा लिखी गई कविताएं व कहानियों के बारे में पढ़ें। लेखकों व कवियों के बारे में जरूर पढें। ये बहुत इंपॉर्टेंट हैं।

2- अलंकार, संधि और समास- अलंकार व संधियों के प्रकार और उनके उदाहरणों की प्रिपरेशन जरूर करें।

3- वोकैबलरी सेक्शन: ग्रामर के कुछ रेग्युलर टॉपिक्स जैसे- पर्यायवाची, विलोम, अनेक शŽदों का एक शŽद, तद्भव व तत्सम शŽद पूरे मार्क्स स्कोर करने में हेल्प करते हैं।

4- करेंट अफेयर्स: निबंध लिखने के लिए करेंट टॉपिक्स तैयार करें। आजकल असहिष्णुता और सांप्रदायिकता जैसे टॉपिक्स चर्चा में हैं।

5- मुहावरे और लोकोक्तियां: इसमें भी स्टूडेंट्स को पूरे मार्क्स मिलते हैं। इनके अर्थ के साथ वाक्य बनाने की भी प्रैक्टिस करें।

6- शिकयती और प्रार्थना पत्र: रेग्युलर टॉपिक्स को सही फॉर्मेट के साथ प्रैक्टिस करें ताकि एग्जाम में अच्छे मार्क्स आएं।

'अब एग्जाम में टाइम कम बचा है इसलिए रिवीजन करें, डिफिकल्ट टॉपिक्स पढ़ें और खुद पर कॉन्फिडेंस रखें।'

-शालिनी श्रीवास्तव, हिंदी टीचर

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