खोला गया शेयर अकाउंट

इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए सेंट्रल डिपोजिटरीज सर्विस लिमिटेड के एमडी और सीईओ पीएस रेड्डी ने बताया कि भक्तों ने यहां के दान पात्र में फिजिकल फार्म में शेयर चढ़ाए थे। इसको देखकर इस बात का साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि अब भक्तों का रुझान पारंपरिक तरीकों से दान करने के अलावा शेयर आदि दान करने की ओर भी हो चला है। इस लिहाजा से अब मंदिर का शेयर अकाउंट भी खोल दिया गया है। मंदिर प्रबंधन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक करीब हजारों शेयर सर्टिफिकेट दान किए जा चुके हैं। वो बात और है कि उन्होंने अभी इनकी कीमत बताने से साफ इनकार कर दिया है।

मंदिर की ओर से दी गई जानकारी

मंदिर की ओर से जानकारी दी गई है कि वे भक्तों को दान देने का नया तरीका उपलब्ध कराना चाहते हैं। मंदिर प्रबंधन को इस बात की उम्मींद है कि इस नए कदम का काफी अच्छा प्रभाव होगा। वहीं बता दें कि इसके पहले तिरूमाला में ऑनलाइन और विदेशी मुद्रा दान करने की सुविधा भी दी जा चुकी है। इसके अलावा मंदिर में परंपरागत तरीके से डोनेशन के तरीके भी लगातार जारी हैं।

गोल्ड काउंसिल ने लगाया अनुमान

इस नई तकनीक को लेकर वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ओर से इस बात का अनुमान लगाया गया है कि भारत में निजी रूप से रखे जाने वाले सोने में से 22 हजार टन सोना सिर्फ और सिर्फ तिरुपति मंदिर में ही है। इसके कारण को लेकर बताया गया है कि दरअसल, तिरुमाला में ही अकेले 70 हजार करोड़ रुपये का गोल्ड रिजर्व सोने के बिस्कुट, ईंटों, सिक्कों व आभूषणों के रूप में मौजूद है। हर महीने के चढ़ावे का अंदाजा लगाएं तो बताया गया है कि करीब 80 से 100 किलो सोना भक्तों की ओर से मंदिर में चढ़ाया जाता है। वहीं बीते साल के बारे में बात करें तो करीब 1800 किलो सोना भक्तों ने भगवान वेंकटेश्वर में मंदिर में चढ़ाया था। इस सोने को अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा करा दिया गया है।

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