पी वी सिंधु 120 सालों के ओलंपिक में इतिहास में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला हैं। इससे पहले साल 2012 के लंदन ओलंपिक में सायना नेहवाल ने भी बैडमिंटन में भारत को ब्रॉंज मेडल दिलवाया था। अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन में भारत का रुतबे बढ़ने के पीछे असली नाम है कोच गोपीचंद का। सिल्वर जीतकर इतिहास रचने वाली सिंधु के कोच ने बताया कि सिंधु के पास पिछले तीन महीने से मोबाइल नहीं था। कोई घरेलू टेंशन या काम उसे परेशान न कर सके, इसलिए उन्होंने उसका मोबाइल फोन ले लिया था।

 

 

 

सिंधु को स्वीट योगर्ट बहुत ज्यादा पसंद है लेकिन वो एक्स्ट्रा कैलोरी न ले इसलिए कुछ दिन से वो भी उसे खाने को नहीं मिला। पुलेला ने बताया कि खाने में सिंधु को आइसक्रीम के अलावा और भी कई ऐसी चीजें पसंद है जो वजन बढ़ाती है। उसका वजन न बढ़े इसलिए वो उसकी प्लेट से भी खाना निकाल लेते थे।

दूसरी ओर सिल्वर मेडल जीतने पर पी वी सिंधु और उनका परिवार बहुत ज्यादा खुश है। सिंधु का कहना है कि मैं गोल्ड मेडल जीत नहीं पाई लेकिन मैनें कड़ी टक्कर दी। सिल्वर मेडल जीतकर भी मैं काफी खुश हूं। फाइनल मैच में स्पेन की खिलाड़ी केरोलिना मैरिन को बधाई देते हुए सिंधु ने कहा कि अगले ओलंपिक में वो गोल्ड मेडल के लिए ही लडेंगी।

 

 

 

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