-चाइबासा ट्रेजरी से हुई थी 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी

क्कन्ञ्जहृन्: चारा घोटाले के तीसरे मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव पर सीबीआइ की रांची स्थित विशेष अदालत बुधवार को फैसला सुनाएगी। यह मामला चाइबासा कोषागार से 1992-93 में 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा है। इससे पहले भी चाइबासा कोषागार से अवैध निकासी के एक मामले में लालू को 5 वर्ष की सजा हो चुकी है। अवैध निकासी के वक्त लालू बिहार के सीएम थे।

रांची में 5 मामले हैं दर्ज

रांची स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में चारा घोटाले से जुड़े 5 मामले दर्ज हैं। 2 में फैसला आ चुका है जिसमें लालू को सजा हुई है। चारा घोटाले का एक मामला पटना स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में है जो बांका और भागलपुर कोषागार से हुई अवैध निकासी से जुड़े हैं। बुधवार को जिस मामले में फैसला आना है उस पर पिछले पखवारे 10 जनवरी को रांची स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत सुनवाई पूरी कर 24 जनवरी को फैसले की तारीख तय की थी। चाइबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में बिहार के एक्स सीएम लालू और डॉ जगन्नाथ मिश्र सहित 56 लोगों पर ट्रायल चला। झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती पर भी चाइबासा कोषागार मामले में ट्रायल चला। कोषागार से अवैध निकासी के समय चक्रवर्ती चाइबासा के उपायुक्त थे।

2001 में चार्जशीट दाखिल

सीबीआइ ने चाइबासा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में आरसी 68 ए-96 दर्ज किया था। अनुसंधान के बाद 12 दिसंबर 2001 को चार्जशीट दाखिल किया गया था। लालू यादव और डॉ जगन्नाथ मिश्र के अलावा भारतीय प्रशासनिक सेवा के 3 रिटायर्ड अफसर, 6 पशुपालन अफसर, तत्कालीन कोषागार अफसर और 40 सप्लायर शामिल हैं। चारा घोटाले के दो मामले में लालू को सजा हो चुकी है। चाइबासा कोषागार से ही 37.7 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में सितंबर 2013 में 5 वर्ष की सजा हो चुकी है। देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने इसी माह 6 जनवरी को सजा सुना चुकी है। जिसमें लालू रहोटवार जेल में बंद हैं।