सड़क नियमों का पालन

प्रधानमंत्री ने कहा कि 26 जुलाई हमारे देश के इतिहास में कारगिल विजय दिवस के रूप में अंकित है। देश के किसान का जमीन से जितना नाता है उतना ही जवान का भी है। कारगिल में हमारा एक-एक जवान दुश्मन के सौ-सौ जवानों पर भारी पड़ा उन वीर सैनिकों को शत् शत् नमन। मन की बात में इस बार की थीम है 'सड़क पर सुरक्षा'। ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी प्रधानमंत्री ने सड़क सुरक्षा के मामले को इतनी तरजीह दी है। इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों दिल्ली में युवक की दुर्घटना में हुई मौत का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार अपना काम कर रही है लेकिन जनता भी अपने बच्चों को सड़क नियमों का पालन करने की सीख दें।

प्रेरित करने का काम शुरू

इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में हर मिनट दुर्घटना होती है और हर चार मिनट में एक व्यक्ति की मौत होती है। उन्होंने सरकार के कदमों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हम नेशनल रोड सेफ्टी पॉलिसी लाएंगे और पहले 50 घंटे में घायलों के कैशलेस ट्रीटमेंट की कोशिश करेंगे।इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश के हरदा जिले के अधिकारियों द्वारा शुरू की गई 'ब्रदर नंबर वन' प्रतियोगिता का भी जिक्र किया और कहा कि उनके कदम से मुझे बहुत खुशी हुई है। अधिकारियों ने इस प्रतियोगिता के जरिये हर भाई को रक्षाबंधन पर अपनी बहन के लिए एक शौचालय बनाने के लिए प्रेरित करने का काम शुरू किया है ताकि उन्हें खुले में शौच ना जाना पड़े। मैं हरदा जिले के सरकारी अधिकारियों की पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

7 दिन वहां कैंप करेंगे

पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव में केश्ला गांव के लोगों ने टॉयलेट बनाने का अभियान चलाया। अब गांव में कोई भी व्यक्ति को खुले में शौच नहीं जाता। जब पूरा काम पूरा हुआ तो पूरे गांव ने जैसे कोई बहुत बड़ा उत्सव मनाया जाता है, वैसा उत्सव मनाया।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भावेश डेका, गुवाहाटी से लिख रहे हैं, नॉर्थ-ईस्ट के सवालों के संबंध में I मैं कहना चाहता हूँ कि नॉर्थ-ईस्ट के लिए एक अलग मिनिस्ट्री हैI जब अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे तब एक डोनर मिनिस्ट्री बनी थी ‘डेवलपमेंट ऑफ नॉर्थ-ईस्ट रीजन।’ हमारी सरकार बनने के बाद, हमने तय किया कि भारत सरकार के अधिकारियों की टीम नॉर्थ-ईस्ट के उन राज्यों में जाएगी और 7 दिन वहां कैंप करेंगे। अधिकारी जिलों- गांवों में जाएंगे, समस्याओं को सुनेंगे, समस्याओं का समाधान करने की दिशा में भारत सरकार को जो करना है, उसको भी करेंगे।

कोटा वाला टिकट क्यों नहीं

उन्होंने कहा कि कानपुर से अखिलेश वाजपेयी ने एक अच्छा सुझाव भेजा था, कि विकलांग व्यक्तियों को रेलवे के अंदर आईआरसीटीसी वेबसाइट के माध्यम से कोटा वाला टिकट क्यों नहीं दिया जाना चाहिए। हमने उनके सुझाव पर गंभीरता से विचार किया और आज हमारे विकलांग भाइयों-बहनों के लिए इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया।गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष तीन अक्टूबर को 'मन की बात' कार्यक्रम की शुरुआत की थी। अंतिम बार वह 28 जून को लोगों से मुखातिब हुए थे। इसमें लोगों से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जन सुरक्षा योजना, योगा और मानसून पर बात की थी।

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साभार:नई दुनिया

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