क्या है माजरा

नार्थ सेंट्रल रेलवे ने महिला पैसेंजर्स की हेल्प के लिए हेल्पलाइन स्टार्ट की थी। इसके पीछे सोच थी कि महिला पैसेंजर्स की प्रॉब्लम को दूर किया जाएगा। लेकिन महिलाओं की हेल्प के लिए शुरु की गई हेल्पलाइन को कुछ शरारती युवकों ने ऐसा भटकाया कि अब हेल्पलाइन में लगी आरपीएफ की महिला अटेंडेंट कॉल रिसीव करने तक में डरने लगी हैं। उन्होंने आरपीएफ के सीनियर ऑफिसर्स को भी शिकायत की है। दरअसल, हो यूं रहा है कि यह महिला हेल्पलाइन शरारती युवकों के लिए टाइम पास का अड्डा बन गया है। टोल फ्री होने की वजह से शरातती तत्व बेमतलब फोन कर अटेंडेंट को परेशान करते हैं।

महिलाओं को मदद के मकसद से शुरू की गई

नार्थ सेंट्रल रेलवे ने मई में हेल्पलाइन 18001805315 स्टार्ट की थी। जर्नी के दौरान महिलाओं को मदद के मकसद से इस हेल्पलाइन को शुरु किया गया था। लेकिन प्रजेंट में कंडीशन यह हो गई है कि यह महिला हेल्पलाइन में महिलाओं से ज्यादा युवकों के फोन पहुंचने लगे हैं। टोल फ्री होने के चलते बिना किसी टेंशन शरारती युवकों ने इसको मन बहलाने का अड्डा बना लिया है। दिन-रात जब चाहा शरारती युवक इस पर कॉल करके आरपीएफ की अटेंडेंट को डिस्टर्ब करते हैं। जबकि रेलवे पहले ही यह साफ कर चुका है कि यह हेल्पलाइन युवकों के लिए नहीं है।

टाइम पास के लिए मिला दिया फोन

हेल्पलाइन की एक महिला अटेंडेंट ने आई नेक्स्ट को बताया कि शरारती युवकों की कॉल के दौरान कई बार उनको वार्निंंग भी दी गई है, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हंै। एक महाशय तो ऐसे हैं जो शाम पांच बजे से रात एक बजे तक लगातार कई राउंड में कॉल करते हैं। परेशान महिला अटेंडेंट अब इनके कॉल को पिक ही नहीं करती हैं। महिला अटेंडेंट इतना इरिटेट हो गई हैं उन्होंने इस मोबाइल नंबर को नोट करके इसकी कंप्लेंट सीनियर ऑफिसर्स को भी दी है। फिलहाल, इन महाशय की कॉल कांटीन्यू बनी हुई है।  

100 डॉयल करने से भी नहीं चूकते  

सिर्फ रेलवे का ही नहीं बल्कि ज्यादातर टोल फ्री नंबर शरारती युवकों के लिए टाइम पास का जरिया बन जाते हैं। रेलवे छोडि़ए, पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 100 में लगा हुआ महिला स्टॉफ भी इन शरारती युवकों से परेशान है। ऐसा नहीं है कि स्टॉफ ने ऐसे कालर्स की शिकायत नहीं की है, लेकिन आमतौर पर कोई बहुत सीरियस होकर इन पर एक्शन नहीं लेता है। सबको लगता है कि दो-चार हफ्तों में शांत हो जाएंगे, बस यही टेंडेंसी शरारती युवकों का मनोबल बढ़ा रही है।

बड़ा बिजनेस है 'हैलो फ्रेंड्सÓ का

मोबाइल की कॉल रेट, एसएमएस रेट, इंटरनेट पैकेज के रेट भले ही रुपए से घटकर पैसों में पहुंच गए हों, लेकिन एक सर्विस ऐसी है जिसकी कॉल रेट अभी भी तीन रुपए प्रति मिनट है। डिफरेंट सेलुलर प्रोवाइडर कंपनी द्वारा 'हैलो फ्रेंड्सÓ 'दोस्त बनाओÓ जैसी फैसिलिटी प्रोवाइड कराई जाती है। इसमें कुछ  गल्र्स के नंबर कंपनी द्वारा प्रोवाइड कराया जाता है, जिस पर चैटिंग सर्विस दी जाती है। सेलुलर कंपनी से जुड़े सोर्स बताते हैं कि इस सर्विस का अच्छा खासा बिजनेस है।