-आवक कम होने से 120 रुपए किलो बिक रहा टमाटर

-कांवड़ यात्रा खत्म होने के बाद भी कम नहीं हुए दाम

- दूसरी ओर 70 से 80 रुपए किलो तक हैं अनार का दाम

मेरठ। कांवड़ यात्रा खत्म हो गई, लेकिन सब्जियों के दाम कम नहीं हुए। ऊपर से बारिश के चलते ट्रांसपोर्ट में रुकावट। नतीजा, बरसात के कारण पहाड़ी टमाटरों का आयात कम होने की वजह से मैदानी इलाकों में टमाटर के दाम रिकार्ड तोड़ रहे हैं। हालात यह हैं कि महंगे फलों में गिने जाने वाले अनार का दाम को भी इस बार टमाटर ने मात दे दी है। पिछले साल जुलाई में 50 से 60 रुपए प्रति किलो तक बिकने वाला टमाटर इस बार 120 रुपए तक पहुंच गया है। फिलहाल कीमतों में गिरावट के आसार नहीं हैं। नतीजा, आम आदमी की थाली से टमाटर दूर हो गया है।

पहाड़ों से आयात कम

मंडी एक्सपर्ट की मानें तो मैदानी इलाकों में टमाटर की पैदावार कम होने के कारण मैदानी इलाकों के शहरों में टमाटर की सप्लाई में कमी आई है। बरसात के कारण हिमाचल प्रदेश के मनाली, कुल्लू आदि जगहों से आने वाला टमाटर काफी कम हो गया है। बरसात में पैदावार भी कम हो जाती है। इसके कारण इस बार अधिक किल्लत हो रही है।

हो रही जमाखोरी

एक तर्क यह भी है कि टमाटर की जमाखोरी के चलते दाम में इजाफा हुआ है । अब दाम बढ़ने के बाद टमाटर का स्टॉक निकाला जा रहा है। इसकी जांच प्रशासन स्तर पर की जाने की भी योजना बनाई जा रही है।

टमाटर का गणित-

- 1500 से 1700 रुपए चल रहा है। नवीन मंडी में टमाटर की क्रेट का भाव

- - 25 से 27 किलो तक होता है टमाटर एक क्रेट में

- 60 से 70 रुपए प्रति किलो थोक में टमाटर का दाम

- 80 से 120 रुपए प्रति किलो कॉलोनियों में फुटकर का दाम

- 800 रुपए प्रति कुंतल रहा जून में टमाटर का दाम

- 4500 रुपए प्रति कुंतल तक हो गए जुलाई में दाम

वर्जन-

इस बार नासिक, आगरा से आने वाले टमाटर की आवक समय से पहले ही कम हो गई। वहीं पहाड़ों से आने वाले टमाटर के आयात में बारिश के कारण कमी आ गई। ऐसे में अभी अगस्त माह तक टमाटर के दाम में कमी आना संभव नही है।

- अशोक कुमार, अध्यक्ष नवीन मंडी सब्जी समिति

अनार का दाम हर साल टमाटर से काफी अधिक रहता था लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि टमाटर अनार से 50 रुपए तक अधिक मंहगा है।

डीपी सेठी, फ्रूटस आढ़ती

टमाटर का दाम बढ़ने से घरों में बनने वाली कई सब्जी कम हो गई हैं। फुटकर में 30 रुपए पाव टमाटर लोगों की जेब पर महंगा पड़ रहा है।

- विक्की , व्यापारी

टमाटर का दाम बढ़ने से ग्राहकों की संख्या भी कम हो गई है। पहले 10 किलो तक रोजाना टमाटर बिक जाता था लेकिन अब दो किलो तक बिकना भारी पड़ रहा है।

- मोहित , सब्जी विक्रेता