-शहर में चारों ओर खोदाई ने किया जीना हराम

-धूल और मिट्टी के कणों से हो रही एलर्जी

-डॉक्टर्स को भी इलाज करने में हो रही है दिक्कत

ALLAHABAD: शहर में चल रहे खोदाई के काम ने लोगों को एलर्जी का मरीज बना दिया है। धूल और अन्य तरह की दूसरे पार्टिकल्स ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। जिस तेजी से एलर्जी के मरीज बढ़े हैं, वह बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है। इसके चलते लोगों को अजीब-अजीब तरह की मुश्किलें हो रही हैं। सबसे बड़ी मुश्किल तो यह है कि यह ऐसी प्राब्लम है कि जिसका पता लगाने में डॉक्टरों को भी पसीना छूट रहा है।

तीस फीसदी तक पहुंच गए मरीज

पिछले कई माह से गहरी सीवर लाइन और ओवर ब्रिज निर्माण को लेकर सड़कों की ताबड़तोड़ खोदाई चल रही है। इससे धूल का गुबार लोगों की परेशानी का कारण बन चुका है। धूल के कणों से होने वाली एलर्जी सांस के तीस फीसदी मरीजों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। इनमें सभी एजग्रुप के लोग शामिल हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर लोगों ने होशियारी नहीं बरती तो मरीजों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हो सकती है।

इन लक्षणों से परेशान हैं लोग

-नाक में भारीपन

-सांस लेने में तकलीफ

-सीने में दिक्कत

-लेटने में दिक्कत

-लगातार खांसी और छींक की शिकायत

-आंखों और सिर में खुजली होना

-आंखों से पानी बहना और लाल हो जाना

ऐसे करें बचाव

-घर से निकलते समय मास्क का उपयोग करें।

-धूल उड़ने पर घरों के खिड़की और दरवाजे बंद रखें

-एलर्जी के लक्षण समझ में आने पर डॉक्टर से संपर्क करें

-तत्काल इलाज लेने से फेफड़े के संक्रमण से बचाव हो जाता है

-दमा और सीओपीडी के मरीजों को धूल में जाने से बचाएं

आसान नहीं है एलर्जी का इलाज

डॉक्टर्स का कहना है कि आमतौर पर बीमारियों पर दवाएं असर करने लगती हैं। लेकिन एलर्जी के मरीजों में असली कारण पता नहीं लग पाने पर इलाज में समय लग सकता है। कई बार दवाएं बेअसर भी साबित होने लगती है। रह-रहकर मरीज में एलर्जी के लक्षण उभरकर सामने आने लगते हैं। यही कारण है कि एलर्जी के इलाज में समय लगता है। इसका एकमात्र उपाय धूल से खुद को बचाकर रखना है।

कॉलिंग

शहर में धूल के गुबार से काफी दिक्कत हो रही है। सांस लेना दूभर हो गया है। घर से निकलना मुश्किल है। कई लोगों को लगातार खांसी की शिकायत बनी हुई है।

-श्रद्धा गौतम

मेरे एक दोस्त को एलर्जी की शिकायत हो गई है। जांच में कुछ नही आने के बावजूद उसकी खांसी और छींक बंद नही हो रही थी। बाद में डॉक्टर ने उसे एलर्जी का मरीज बताया।

-अभिषेक अग्निहोत्री

घर से निकलते समय नाक पर मास्क लगाएं या रुमाल बांधकर चलें। वरना धूल के कण एलर्जी के साथ फेफड़े पर संक्रमण भी कर सकते हैं। यह खतरनाक होगा।

-अभिनव शर्मा

काफी देर तक धूल में रहने के बाद अजीब सा भारीपन लगने लगता है। यह सब एलर्जी के लक्षण है। बेहतर होगा कि हमलोग अधिक से अधिक धूल और धुएं से बचकर रहें।

-अंकित पाठक

एलर्जी के मरीजों को पहचानना मुश्किल होता है। उन पर दवाएं भी अधिक असरकारक नहीं होती। ऐसे में मरीज को दवाओं के साथ दूसरे तरीके भी बताए जाते हैं। शहर की सड़के खोदी हुई हैं। ऐसे में लोगों को घर से हेलमेट लगाने के साथ नाक को कपड़े से ढंककर रखना होगा।

-डॉ। आशुतोष गुप्ता, चेस्ट फिजीशियन