प्रद्युम्न हत्याकांड - 8 सितंबर

गुरुग्राम के फेमस रायन इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले 7 साल के बच्चे प्रद्युम्न की हत्या के मामले ने देश के करोड़ों पेरेंट्स को झकझोर दिया था। 8 सितंबर को स्कूल के वॉशरूम में उसकी गला काटकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से देशभर के नामी स्कूलों से लेकर आम स्कूलों में पढ़ने वाले करोड़ों बच्चों के माता-पिता सदमे में आ गए। नतीजा यह हुआ स्कूल के खिलाफ बड़े बड़े विरोध प्रदर्शन हुए और तमाम पेरेंट्स ने अपने बच्चों को इस स्कूल से निकाल लिया। घटनाक्रम के मुताबिक 8 सितंबर को प्रद्युम्न की ऐसी दर्दनाक हत्या के बाद पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक को हत्या के केस में गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बाद में घरवालों की मांग पर यह केस सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने काफी दिनों की जांच पड़ताल के बाद स्कूल में ही पढ़ने वाले 11वीं के एक छात्र को गिरफ्तार किया। सीबीआई का दावा है कि उस स्टूडेंट ने स्कूल में होने वाली पेरेंट टीचर मीटिंग और एग्जाम को टालने के लिए प्रद्युम्न की हत्या कर दी। हत्या की सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में शुरू हुई, हालांकि प्रद्युम्न के पेरेंट ने इसके खिलाफ अपील करते हुए कहा कि उस आरोपी पर बालिग अपराधी की तरह केस चलाया जाए। फिलहाल जुवेनाइल कोर्ट ने भी आरोपी छात्र के खिलाफ बालिग की तरह केस चलाने का आदेश दे दिया है, लेकिन इसके बावजूद इस पूरे हत्याकांड मामले में इस नामी स्कूल प्रशासन पूरी तरह से संदेह के घेरे में था और अब भी है।

 

पहलू खान मर्डर केस - 1 अप्रैल

हरियाणा के मेवात इलाके में नूह के रहनेवाले पहलू खान 1 अप्रैल को राजस्थान के जयपुर में लगे पशु मेले से एक गाय खरीद कर ला रहे थे। अपने घर आते वक्त नेशनल हाईवे 8 पर कुछ कथित गौरक्षकों की भीड़ ने उन्हें रोक लिया और पशु तस्करी के आरोप में उनकी जमकर पिटाई कर दी, इसके बाद 3 अप्रैल को अस्पताल में पहलू खान की मौत हो गई। जांच में यह बात सामने आई कि जब इन कथित गोरक्षकों ने पहलू खान और उसके बेटे इरशाद पर हमला किया तो वह लोग रहम की भीख भीख मांग रहे थे, लेकिन किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी और उन्हें अंधाधुंध पीटते रहे। मरने से पहले पहलू खान ने पुलिस को बयान में बताया कि हमला करने वालों में ओम यादव, हुकुमचंद यादव, सुधीर यादव, नवीन शर्मा, जगपाल यादव और राहुल सैनी शामिल थे। इसके बाद पुलिस ने उन 6 लोगों के अलावा करीब 200 लोगों पर हत्या से जुड़ा केस दर्ज किया। इस मामले में 7 लोग अब तक गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं, लेकिन इसके बाद की जांच को लेकर लोगों ने पुलिस पर कई आरोप लगाए और हंगामा भी किया। इसके बाद जुलाई में इस पूरे मामले की जांच सीबीसीआईडी को दे दी गई। 26 सितंबर को इस मामले की सुनवाई हुई तो सीबीसीआईडी जांच जांच के आधार पर केस में नामजद आरोपियों को बरी कर दिया गया। हालांकि इस केस में दूसरे अन्य 9 आरोपियों के खिलाफ अब भी केस चल रहा है, लेकिन पहलू खान का बेटा इरशाद कहता है कि वह अपने पिता के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ेगा।

 

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जुनैद मर्डर केस - 22 जून

हरियाणा के बल्लभगढ़ के खांडवली गांव का रहने वाला 17 साल का जुनैद 22 जून को अपने भाई और दोस्तों के साथ दिल्ली से कुछ खरीदारी करके ट्रेन से वापस घर आ रहा था। अपने ट्रेन के सफर के दौरान ही हरियाणा के असावती रेलवे स्टेशन पर कुछ लोगों ने जुनैद को चाकू से गोदकर मार डाला। जांचमें पता चला कि यह हत्या ट्रेन में सीट पर बैठने को लेकर हुए विवाद के चलते की गई थी। केस में गिरफ्तार एक आरोपी रमेश ने पुलिस को बयान दिया कि सीट को लेकर हुए विवाद में जब जुनैद का पक्ष भारी पड़ने लगा तो उन लोगों ने कई और लोगों को भी बुला लिया और जुनैद की पिटाई शुरू कर दी। इसी बीच कई लोगों ने उस पर चाकू से हमला कर दिया और उसके बाद ट्रेन से उतर कर फरार हो गए। जुनेद की इस दर्दनाक हत्या के बाद ईद के दिन पूरे देश के तमाम इलाकों में मुस्लिमों ने अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर घटना का विरोध किया। हरियाणा सरकार ने जुनैद की फैमिली को आर्थिक सहायता के रूप में 10 लाख रूपये भी दिए। इस पूरे मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ 350 पेज के आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं। जुनैद के पिता ने कोर्ट में इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को देने को कहा। उसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पर रोक लगा रखी है।

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गौरी लंकेश हत्याकांड - 5 सितंबर

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में रहने वाली फेमस पत्रकार गौरी लंकेश की 5 सितंबर की शाम को उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। गौरी लंकेश अपनी पत्रिका के जरिए कम्युनल हारमोनी फोरम को बढ़ावा दे रहीं थीं। उनकी पत्रिका को उनके पिता ने 40 साल पहले शुरू किया था। इस हत्याकांड को लेकर पूरे देश में सोशल मीडिया पर कई दिनों तक तूफान मचा रहा, क्योंकि कई लोग गौरी लंकेश की हत्या को जायज ठहरा रहे थे। अखबारों से लेकर टीवी और सोशल मीडिया पर तमाम हंगामे के चलते देश ही नहीं इंटरनेशनल मीडिया में भी इस हत्याकांड को लेकर राज्य सरकार और पुलिस व्यवस्था की खूब खिंचाई की गई। हत्याकांड को लेकर राज्य सरकार द्वारा बनाई गई SIT यानी स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक सुपारी किलर शशिधर और दूसरा व्यक्ति उसका हथियार सप्लायर ताहिर बताया जा रहा है।

 

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अफराजुल हत्याकांड - 7 दिसंबर

इसी महीने हुआ यह हत्याकांड काफी वीभत्स है। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले का रहने वाला अफराजुल राजस्थान के राजसमंद में राजमिस्त्री का काम करता था। 7 दिसंबर के दिन अफराजुल के साथ शंभू लाल रैगर नाम के शख्स ने ऐसा काम किया जो रोंगटे खड़े कर देता है। शंभूलाल से पहले कुल्हाड़ियों से हमला करके अफराजुल को काट डाला। हमले के दौरान अफराजुल बार-बार जिंदगी की गुहार लगाता रहा लेकिन शंभू पर तो खून सवार था। कुल्हाड़ी से टुकड़े टुकड़े करने के बाद भी शंभूलाल का गुस्सा शांत नहीं हुआ और उसने अफराजुल की डेड बॉडी पर केरोसिन छिड़ककर उसमें आग लगा दी। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह रही कि जिस समय शंभूलाल यह हत्या कर रहा था उस समय उसका 15 साल का भतीजा अपने मोबाइल फोन से इस दर्दनाक हत्याकांड का वीडियो बना रहा था। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया राजस्थान ही नहीं पूरे देश भर में हड़कंप मच गया। वीडियो में शंभूलाल ने कहा कि उसने इस लव जिहादी को अंजाम तक पहुंचा दिया है। इतने भयानक हत्याकांड के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शंभूलाल रैगर को अरेस्ट कर लिया। पुलिस को दिए बयान में शंभूलाल ने कहा कि उसे अपने काम पर कोई पछतावा नहीं है और वो लव जिहादियों के खिलाफ वह ऐसा ही करना चाहता है। शंभूलाल का यह बेतुका बयान जैसे ही कुछ नेताओं तक पहुंचा उसके बाद तो पूरे मामले में नई राजनीति पसर गई। कई संगठन तो शंभूलाल के पक्ष में खुले तौर पर उतर आए और राजस्थान के कई शहरों में शंभूलाल के समर्थन में तमाम जुलूस निकाले गए। यहां तक की शंभूलाल के परिवार की आर्थिक मदद के लिए आम लोगों से आर्थिक सहायता भी मांगी गई और चौंकाने वाली बात यह है शंभूलाल का समर्थन करने वाले लोगों ने दावा किया शंभूलाल के लिए पूरे देश से लोगों ने लाखों रुपए का चंदा भी दिया है। हालांकि पुलिस ने शंभू लाल का समर्थन करने वाले और उसके लिए पैसा जुटाने वाले कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और उसके समर्थन में चलाए जा रहे हैं हर तरह के अभियान पर रोक लगा दी है।

 

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