पहली वजह है ऐसी
शोध का नेतृत्व करने वाले शोधकर्ता एरिक बामर के अनुसार, पहली वजह है लत। जिन्हें लगता है कि उन्हें फेसबुक की लत लग गई है या फेसबुक इनकी आदत में शामिल है, वे सबसे अधिक फेसबुक इस्तेमाल न करने की कसम तोड़ कर इस पर वापस लौट आते हैं। अध्ययन में शामिल एक सदस्य ने आदत के इस पहलू को स्पष्ट करते हुए बताया कि फेसबुक इस्तेमाल नहीं करने के फैसले के शुरू के 10 दिनों में जब भी वह इंटरनेट खोलते थे, उनका हाथ अपने आप अक्षर 'F' पर चला जाता था।

दूसरी वजह
दूसरी वजह है प्राइवेसी और निगरानी। इसके अनुसार जिन लोगों को ऐसा लगता है कि उनके फेसबुक पेज की निगरानी हो रही है, वे इसकी तरफ कम वापस लौटते हैं, जिन्हें इस बात को जानने की इच्छा होती है कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं, वे फेसबुक पर अधिक संख्या में वापस आते हैं।

तीसरी वजह पर नजर
शोधकर्ताओं के अनुसार तीसरी वजह व्यक्ति की मन:स्थिति है। अगर आपका मूड अच्छा चल रहा है तो फिर फेसबुक इस्तेमाल न करने की कसम को तोड़ना मुश्किल होता है। शोध में यह भी पाया गया कि जिनके पास ट्विटर जैसी अन्य सोशल साइट हैं, वे भी कम ही फेसबुक पर वापस लौटते हैं।

चौथी वजह है ऐसी
रोजमर्रा की जिंदगी में तकनीक के इस्तेमाल के बेहतर तरीके जानने वाले लोग भी फेसबुक पर जल्दी वापस लौट आते हैं। ऐसे लोग अपने फोन से कुछ ऐप हटा देते हैं और तय कर लेते हैं कि 'फ्रेंड' एक निश्चित संख्या से अधिक नहीं बनाने हैं। तो अब आप तय करिए कि आप किस वजह से फेसबुक पर लॉगइन करते हैं।

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