‘गॉड्स ओन कंट्री’ का नाम लेते ही केरल के खूबसूरत नजारे जेहन में उतर आते हैं, लेकिन अब यह जगह आतंकवादियों के लिए एक सिक्योर जोन बनती जा रही है. कल्फ कंट्रीज से पास होने की वजह से केरल धीरे-धीरे एक्सट्रीमिस्ट्स की पसंदीदा जगहों के तौर पर चेंज हो रहा है. नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी भी (एनआईए) इस समय आतंकवाद से जुड़े जिन केसेज को इनवेस्टिगेट कर रही है उनमें सबसे ज्यादा केरल से ही जुड़े हुए हैं.

Why this is going on?

सोर्सेज के अनुसार केरल के हालात बदतर होते जा रहे हैं. गल्फ कंट्रीज से नजदीकी के अलावा भी कई ऐसी वजहें हैं जो केरल को बर्बाद करने में लगी हुई हैं.

हवाला business

होम मिनिस्ट्री के मुताबिक केरल से हवाला के जरिए करीब 20,000 करोड़ रुपए देश के बाहर भेजे जा रहे हैं. केरल, इंडिया और गल्फ कंट्रीज के बीच एक कॉरिडोर की तरह काम करता है. यही नहीं केरल की एक बहुत बड़ी आबादी गल्फ कंट्रीज में रहती है. लोग समय-समय पर यहां रहने वाले अपने रिलेटिव्स और फैमिली मेंबर्स को पैसे भेजते रहते हैं. सिक्योरिटी एजेंसीज का कहना है कि अब इसे इलीगली भी भेजा जाने लगा है.

पैसे का गलत use 

एजेंसीज का कहना है कि जिन लोगों के जरिए केरल में पैसा भेजा जा रहा है वो अब इसका यूज देश के खिलाफ होने वाली एक्टिविटीज में करने लगे हैं. एनआईए ने एक बयान में कहा था कि गल्फ कंट्रीज से आई रकम का यूज दिल्ली, बंगलुरू और अहमदाबाद में हुए ब्लास्ट्स में किया गया है. सिक्योरिटी एजेंसी को पूरा शक है कि ये वही रकम है जिसे हवाला के जरिए केरल में भेजा गया था.

Dual job 

इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के मुताबिक केरल में कई ऐसे लोग मौजूद हैं जो गल्फ कंट्रीज में मौजूद आईएसआई की मदद कर रहे हैं. इनमें ज्यादातर कैडर्स हैं. ये कैडर्स ड्यूअल जॉब के जरिए आतंकवादियों की मदद करते हैं. इलेक्शन के टाइम में वो पॉलिटिशियंस की मदद करते हैं. जब इलेक्शन नहीं होते तो वो उनकी पार्टी के कामों में हाथ बंटाते हैं. सिक्योरिटी एजेंसीज की मानें तो इस तरह से उन्हें बचने का भी मौका मिल जाता है. इसके साथ ही साथ वो केरल में छिप कर काम करने वाली ऑर्गनाइजेशंस की मदद भी करते हैं. आईबी के मुताबिक इस समय केरल में लश्कर के करीब 50 से 100 मॉडयूल्स मौजूद हैं.

पुलिस को भी मिले सबूत

कुछ दिनों पहले केरल पुलिस को कुछ सीडीज और ट्रांसक्रिप्ट्स हासिल हुई हैं जिनमें उसे इस बात के सबूत मिले हैं कि केरल में कई जगहों पर लोगों को तालिबानी स्टाइल में ट्रेनिंग दी जा रही है. अब तक गिरफ्तार किए जा चुके कुछ लोगों का कहना था कि इन कैंप्स में शामिल होने के बाद अगर किसी को ट्रेनिंग के दौरान थोड़ा भी डर लगता है तो उसे पाक या बंग्लादेश भेज दिया जाता है. इन्हें टेररिज्म की ट्रेनिंग दी जाती है. एनआईए के मुताबिक केरल टेररिस्ट्स के लिए सिक्योर जोन बनता जा रहा है क्योंकि यहां से गल्फ कंट्रीज की तरफ भागने में आसानी होती है.

Caders भी शामिल

केरल में इस बात के भी सुबूत मिले हैं कि यहां कुछ कैडर्स आतंकवादी गतिविधियों में इंवॉल्व हैं. हाल ही में जब कश्मीर के एक आतंकवादी उमर का फोन ट्रेस किया गया तो इस बात का खुलासा हुआ. उमर कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा को ऑपरेट कर रहा था और वह कन्नौर का रहने वाला था. वहीं थोड़े दिन पहले कश्मीर में इंडियन आर्मी के साथ हुए एक एकांउटर में तीन आतंकवादी मारे गए और एक को पुलिस ने गिरफ्तार किया. इस गिरफ्तार आतंकी का नाम जब्बार था. केरल पुलिस में काम कर चुके जब्बार ने इंफॉर्मेशन दी कि उसे और बाकी लोगों को केरल में ही ट्रेनिंग दी गई थी.

National News inextlive from India News Desk