- रियो पैरालंपिक गेम्स के पदक विजेता वरुण ने कहा सरकार हर कदम पर कर रही है मदद

बीएचयू के आईटी जिमखाना पर आयोजित खेलकूद स्पर्धा का नेटबॉल की पूर्व भारतीय कप्तान प्राची तेहलान का किया उद्घाटन

VARANASI

पैरालंपिक में भारत से रियो क्9 खिलाड़ी गए थे। दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता, जबकि इससे पहले केवल एक पदक मिला था। उम्मीद है टोक्यो ओलंपिक में और बेहतर होगा। हमारे खेलों का सजीव प्रसारण होगा, तो उसका काफी असर होगा। अभी ऐसा नहीं होता है। यह कहना है रियो पैरालंपिक में क्.8म् मीटर छलांग लगा कर ऊंची कूद स्पर्धा में कांस्य पदक विजेता वरुण सिंह भाटी का। शुक्रवार को बीएचयू के आईटी जिमखाना पर आयोजित खेलकूद स्पर्धा का उद्घाटन करने आए भाटी ने कहा कि पहले पदक जीतने के बाद बहुत कुछ मिलता था, अब स्थिति में परिवर्तन आ रहा है। अगर आपको टॉप्स स्कीम के तहत चुन लिया गया तो आपको प्रशिक्षण की हर सुविधा देश-विदेश में प्राप्त हो जाती है। वरुण सिंह भाटी का कहना है कि दिव्यांगों के प्रति समाज के नजरिये में काफी बदलाव हो रहा है। सरकार और भारतीय खेल प्राधिकरण खिलाडि़यों की समस्यायों को समझ रहे है। राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिताएं अधिक से अधिक होनी चाहिए ताकि इनमें हिस्सा लेकर खिलाड़ी अपनी क्षमता को परख सके।

तुरंत नहीं लगे रोक

इसी इवेंट के इनाग्रेशन में शामिल होने आयीं अभिनेत्री एवं नेटबॉल की पूर्व भारतीय कप्तान प्राची तेहलान ने कहा कि एक फिल्म बनने में काफी समय लगता है और अगर उसमें पाकिस्तानी कलाकार काम कर रहा है तो उस पर शुरू में ही रोक लगा देनी चाहिए। फिल्म बनने या सीरियल बनने के बाद उस पर रोक लगना गलत है।

प्राची ने दिया और बाती हम नामक सीरियल में पाकिस्तानी महिला का किरदार निभाया था। कामनवेल्थ गेम्स और साउथ एशियन बीच गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी इस खिलाड़ी का कहना है जब भारत में वर्ष ख्0क्क् में श्रीलंका में आयोजित साउथ एशियन बीच गेम्स में पहली बार पदक जीता था, उसके बाद अधिकारियों ने बड़े-बड़े वादे किए थे लेकिन हुआ कुछ नहीं। चार नवंबर से मैं पंजाबी फिल्म की शूटिंग करने जा रही हूं यह मेरी पहली फिल्म है। खेल और अभिनय में कौन सा कार्य कठिन है, पर बोली अभिनय करना सच में बहुत मुश्किल कार्य है।