अपनी पार्टी नगालैंड पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) के विधायकों का विद्रोह का सामना कर रहे शुरहोजेली लिजित्सू बुधवार को फ्लोर टेस्ट के लिए सदन में नहीं पहुंचे। जिससे राज्यपाल पीबी आचार्य ने एनपीएफ के बागी विधायकों के नेता टीआर जेलियांग को लिजित्सू की कुर्सी थमाते हुए मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। अब जेलियांग को 22 जुलाई को फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ेगा। अगर इस टेस्ट में वह पास होते हैं तो नगालैंड की कमान उनके हाथ में बनी रहेगी।

 

बुधवार को शुरहोजेली लिजित्सू और उनके समर्थकों को फ्लोर टेस्ट का सामना करना था। लेकिन वे सदन में नहीं पहुंचे, जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यपाल पीबी आचार्य ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष इमतिवपांग को निर्देश दिया था कि वह मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे सदन का विशेष आपात सत्र शुरू करें, ताकी मुख्यमंत्री लिजित्सू बहुमत साबित कर सकें।

मुंबई के गड्ढों की पोल खोलने वाली RJ को BMC से मिला 500 करोड़ का नोटिस

43 विधायकों की बगावत
लिजित्सू मौजूदा 59 सदस्यीय विधानसभा में नेतृत्व बदलाव की मांग कर रहे जेलियांग के नेतृत्व में 43 विधायकों की बगावत का सामना कर रहे हैं। बुधवार को लिजित्सू के सदन में न पहुंचने पर  विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बहुमत साबित करने का प्रस्ताव नहीं रखा जा सकता क्योंकि वह सदन में उपस्थित नहीं हैं। सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाती है। अध्यक्ष ने कहा, वह सदन की कार्यवाही की रिपोर्ट राज्यपाल को सौपेंगे। स्पीकर द्वारा राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपने के बाद सीएम की कुर्सी के लिए जेलियांग को बुलाया गया है।

अब साथ लेकर नहीं चलना पड़ेगा आधार कार्ड, एंड्रॉयड यूजर्स के लिए mAadhaar ऐप

 

इस तरह गई कुर्सी
लिजित्सू ने 15 जुलाई को सदन में बहुमत साबित करने के राज्यपाल के निदेर्शों पर स्थगन लगाने का अनुरोध उच्च न्यायालय से किया था।

- लेकिन अदालत की कोहिमा पीठ ने मंगलवार को उसे खारिज कर दिया।

-कोर्ट के फैसले की पृष्ठभूमि में आचार्य ने विधानसभा अध्यक्ष से बुधवार शक्ति परीक्षण के लिए विशेष सत्र शुरू करने को कहा था।

National News inextlive from India News Desk

National News inextlive from India News Desk