केवाईसी का ब्योरा

ईपीएफओ ने कर्मचारियों को भविष्य निधि से रकम निकालने के मामले में बड़ी राहत दे दी है। पीएफ दावों के ऑनलाइन निपटारे की दिशा में आगे बढ़ते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने नई व्यवस्था की है। पैसा निकालने के लिए कर्मचारी सीधे ईपीएफओ को अर्जी दे सकेंगे। अब तक कर्मचारियों को मौजूदा या पूर्ववर्ती नियोक्ता को इसके लिए आवेदन करना पड़ता था। इसके फॉर्म पर नियोक्ता का सत्यापन अनिवार्य था। ईपीएफ ने यह व्यवस्था बदल दी है। यूएएन धारकों को सुविधा बगैर नियोक्ता के सत्यापन के पैसा निकालने की सुविधा उन सभी सदस्यों को मिलेगी, जिन्हें यूनिवर्सल (या पोर्टेबल पीएफ) अकाउंट नंबर (यूएएन) मिल चुका है और जिन्होंने बैंक खाते व आधार नंबर जैसी केवाईसी का ब्योरा ईपीएफ को दे दिया है। ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त केके जालान ने इस बात की जानकारी दी है। उनका कहना है कि सीधे संगठन को भुगतान के लिए अर्जी दायर करने की इजाजत ऑनलाइन आवेदन की दिशा में बड़ा कदम है।

तत्काल प्रभाव से लागू

उम्मीद है कि मौजूदा वित्त वर्ष में सदस्यों को ऑनलाइन पीएफ निकालने की सुविधा मिल सकेगी। इतना ही नहीं जालान ने यहं भी बताया कि जिन ईपीएफ सदस्यों के यूएएन नंबर एक्टिवेट हो गए हैं, वे जल्द भुगतान के लिए फॉर्म 19, फॉर्म 1 ओसी और फॉर्म 31 भरकर सीधे भविष्य निधि आयुक्त को बगैर नियोक्ता के सत्यापन के आवेदन सौंप सकेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। ईपीएफओ की वेबसाइट के अनुसार 2.13 करोड़ सदस्यों ने अपने यूएएन नंबर एक्टिवेट कर लिए हैं। संगठन ने अब तक 5.65 करोड़ यूएन नंबर आवंटित कर दिए हैं।

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