व्यापारी सामान खरीदने पर नहीं देते बिल

सरेआम बाजार में हो रहा टैक्स का खेल

- बिना बिल के सामान दे सरकार को लगा रहे चूना

- व्यापारी बोले यदि कोई मांगता है देते हैं बिल

Meerut । शहर में लगने वाली छोटे-छोटे बाजार सरकार को टैक्स का चूना लगा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं लालकुर्ती मार्किट की। यहां पर पूरे साल मार्किट लगता है। ठेले और दुकानों की बात करें तो यहां पर सौ से अधिक दुकान लगती हैं। जहां पर कपड़े, जूते, बर्तन से लेकर हर प्रकार का सामान मिलता है। वो भी ग्राहक को बिना रसीद दिए।

रहती है भीड़

लालकुर्ती की इस मार्किट में सुबह से लेकर शाम तक भीड़ लगी रहती है। बाजार में इतने ग्राहक आते हैं कि जाम की स्थिति बनी रहती हैं। किसी भी ग्राहक को दुकानदार रसीद नहीं देते हैं। यदि कोई मांग भी लेता है तो उसको सादे कागज पर बिल बनाकर दे देते हैं। यह दुकानदार सरकार को सीधे चूना लगा रहे हैं।

मांगने पर रसीद

यहां पर जब दुकानदारों से पूछा गया तो कि वह सामान की रसीद देते हैं या नहीं तो उन्होंने कहा कि यदि कोई रसीद मांगता है तो उसको रसीद देते हैं। अमूमन लोग रसीद मांगते नहीं है। फिर भी वह टैक्स भरते हैं। उनका कहना है कि हम रिर्टन फाइल करते हैं।

रसीद बुक हमारे पास रहती है। यदि कोई ग्राहक यदि रसीद मांगता है तो उसको दे देते हैं। वैसे कोई ग्राहक रसीद मांगता नहीं है। विश्वास पर ग्राहक हमारी दुकान पर आता है।

-आर जुनेजा, व्यापारी लालकुर्ती

हम यहां पर सालों से दुकान करते हैं। कोई नई दुकान नहीं है। हम रसीद देते हैं। मैं हर साल रिटर्न भी फाइल करता हूं। रसीद जरूर देनी चाहिए। कई बार ग्राहक बिना रसीद लिए ही चला जाता है।

-अनिल कुमार, व्यापारी

यहां पर ठेले पर ज्यादा सामान बिकता है। जो दुकानें है वह ही अस्थाई बनी हुई है। रसीद कोई नहीं देता है। यदि मांगते हैं तो सादे कागज पर रसीद बनाकर दे देते हैं। ज्यादा कुछ कहो तो वह अपनी मोहर लगा देते हैं। ऐसे बाजारों में टैक्स की चोरी तो होती ही है।

-राहुल रस्तोगी, ग्राहक

सामान की रसीद से यह तो पक्का हो जाता है कि हमने उस दुकान से सामान लिया है। यहां तो कोई सिस्टम नही हैं। सामान सस्ता मिलता है इसीलिए रसीद भी नहीं मांगते हैं। काम चल जाता है। टैक्स की चोरी तो हर जगह हो रही है।

-शाहिद मलिक, ग्राहक