JAMSHEDPUR: शहर की ध्वस्त ट्रैफिक व्यवस्था के लिए केवल सरकारी डिपार्टमेंट ही नहीं, बल्कि खुद पब्लिक भी जिम्मेदार है। लोग रोड किनारे गाड़ी पार्क कर अपनी सुविधा का तो ध्यान रखते हैं, लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि इससे राहगीरों को काफी परेशानी होती है। यही समस्या रोजाना साकची के आमबगान रोड से होकर गुजरने वालों को फेस करनी पड़ती है। यहां सुबह क्0 से ख् और शाम ब् से म् बजे के बीच लोगों का सड़कों से पार होना तक दूभर हो जाता है।

गाडि़यों का जमावाड़ा

साकची आमबगान रोड की चौड़ाई करीब फ्0 फीट है, लेकिन दोनों तरफ गाडि़यों की पार्किंग की वजह से उसकी चौड़ाई केवल क्0 फीट रह जाती है। यह रोड वन वे भी नहीं है जिससे कि एक तरफ ही गाड़ी आए। यहां दोनों तरफ ट्रैफिक मूव करता है। आमबगान रोड पर कोचिंग सेंटर, ऑफिस, स्कूल, शोरूम आदि हैं। इस वजह से यहां दिन भर ट्रैफिक का मूवमेंट रहता है। इस कारण क्0 फीट रोड पर गाडि़यों के क्रॉस होने के समय जाम की स्थिति बन जाती है। इससे लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

कोचिंग सेंटर्स का हब

साकची स्थित आमबगान रोड को शहर का कोचिंग हब भी माना जाता हैं। यहां शहर के हर इलाके से स्कूली एवं कॉलेज स्टूडेंट्स कोचिंग लेने के लिए आते है। यहां दिनभर स्टूडेंट्स का आना जाना लगातार लगा रहता हैं। इस कारण ट्रैफिक मूवमेंट भी भी नहीं रूकने का नाम लेता है। स्टूडेंट्स अपार्टमेंट के बाहर गाडि़यां पार्क कर घंटों कोचिंग लेते हैं और सड़कों पर जाम लगता रहता है।

इसलिए बढ़ रही प्रॉब्लम

ऑफिस, शॉपिंग सेंटर और स्कूल में पार्किग की सुविधा न होने के चलते लोग रोड पर ही गाड़ी पार्क कर देते हैं। साथ ही ऑफिस और शॉपिंग सेंटर के चलते दिन भर कामर्शियल व्हीकल भी खड़े रहते हैं। आस-पास पार्किग प्लेस न होने के चलते लोग रोड पर गाड़ी खड़ी करके चले जाते हैं। इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि कभी कभार ही ट्रैफिक पुलिस यहां अपना अभियान चलाती है और कार्रवाई भी करती है। जिससे यहां कभी जाम खत्म नहीं होता है।

गार्ड बन जाते हैं कंट्रोलर

साकची बड़ा गोलचक्कर के पास ट्रैफिक पुलिस का बूथ है, यहां पर मौजूद पुलिसकर्मी चौराहे की जिम्मेदारी तो निभाते हैं पर, पीछे आमबगान रोड की ओर लगने वाले जाम को खुलवाने की जहमत नहीं उठाते। हर रोज जाम लगने की स्थिति में यहां के अपार्टमेंट के गार्ड ड्यूटी छोड़कर ट्रैफिक कंट्रोलर की भूमिका निभाते हैं तब जाकर लोगों को कहीं राहत मिलती है।

आमबगान रोड को शहर का कोचिंग हब तो कहा ही जाता है। साथ ही इस रोड पर ऑफिस, स्कूल शोरूम भी हैं। इस कारण सुबह क्0 से दिन के दो बजे और शाम चार से सात बजे तक यहां निकला तक मुश्किल हो जाता है। कम चौड़ी सड़क के दोनों तरफ टू-व्हीलर, यहां तक की फोर व्हीलर तक लोग पार्क कर चले जाते हैं। इससे इस रोड से होकर गुजरने वाले अन्य व्हीकल फंस जाते हैं और जाम की स्थिति भी बन जाती है।

-अमन कुमार

पब्लिक अपनी सुविधा का ध्यान रखती है। लोग कम चौड़ी सड़क के दोनों ओर गाडि़यां पार्क करके चले जाते हैं और मुसीबत हम झेलते हैं। यहां से गुजरने वाले लोग और दुकानदार तो कभी-कभी जाम के कारण घंटों लेट घर पहुंचते हैं। इसकी शिकायत ट्रैफिक पुलिस से करने पर भी कोई कार्रंवाई नहीं होती है। यह हर रोज का नजारा है।

अभिजित सिंह

मेरा भाई यहां कोचिंग में पढ़ाई करता है। मैं हर रोज शाम पांच बजे उसे लेने आता हूं। रोज जाम में फंसकर घर लेट पहुंचता हूं। स्टूडेंट्स के बाइक के साथ ही यहां रोड पर लोगों द्वारा फोर व्हीलर तक पार्क किया जाता है, जिससे निकलना तक मुश्किल हो जाता है।

-प्रीतम कुमार, पब्लिक

यहां तो शॉप के सामने लोग गाड़ी खड़ी करके कई घंटे तक गायब रहते हैं। गाड़ी हटाने के लिए कई बार तो वे मारपीट पर उतर आते हैं। यहां ट्रैफिक पुलिस अभियान कभी चलता नहीं है। वीआईपी मूवमेंट में भी कई बार लोग जाम में फंस जाते हैं और एक-एक घंटे तक परेशान होते हैं।

-आसिफ, शॉप ओनर