पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत किया गया प्रस्ताव

जुलाई में मिल सकती है मंजूरी, पूरे शहर में मूव करके देते रहेंगे इंफार्मेशन

ajeet.singh@inext.co.in

ALLAHABAD: स्मार्ट सिटी के ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम और लॉ एंड आर्डर को मेंटेन रखने की तैयारी भी स्मार्ट तरीके से हो रही है। शहर के किसी भी हिस्से में जाम लगा हो या फिर कहीं सड़क जाम की जा रही हो। इसका पता ट्रैफिक पुलिस को चंद सेकंड के भीतर चल जाएगा। जुलूस कब कहां से निकला और उसमें शामिल किस व्यक्ति ने क्या किया? सब कुछ लाइव होगा। जी हां, सिटी में लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के साथ ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम को प्रभावशाली बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस का साथी बनने जा रहा है ड्रोन। इसके लिए प्रपोजल भेजा जा चुका है और पुलिस माडर्नाइजेशन स्कीम के तहत मंजूरी मिल जाना भी आलमोस्ट फाइनल हो चुका है। संभावना जताई जा रही है कि जुलाई महीने में हाई डेफिनेशन कैमरे से लैस ड्रोन सिटी में होने वाली एक्टिविटी की मॉनिटरिंग शुरू कर देगा।

ट्रायल का खाका हो चुका तैयार

ट्रैफिक इंस्पेक्टर नरेश सिंह यादव बताते हैं कि कैमरे से लैस ड्रोन को मैदान में उतारने से पहले उसकी टेस्टिंग की जाएगी। मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के साथ पेड़ों के झुण्ड के बीच कंसंट्रेट करके इसका ट्रायल किया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि इमारत के बाहर और पेड़ों में बीच रहने वाले लोगों की एक्टिविटी को यह कवर कर पाता है या नहीं। टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसे मैदान में उतारा जाएगा। पहले चरण में ट्रैफिक मैनेजमेंट में इसे यूज किया जाएगा। इसके साथ ही दिन में होने वाली घटनाओं पर नजर रखी जा सकेगी। इससे घटना की जानकारी भी जल्द ही मिलेगी और धार्मिक जुलूस व अन्य गतिविधियों के दौरान पूरे रास्ते पर नजर रखी जा सकेगी।

क्या है ड्रोन कैमरा

ड्रोन कैमरा निगरानी उपकरणों में एक नई टेक्निक का यंत्र है। इसे हेलिकाप्टर कैमरा भी कहा जाता है। यह उपकरण सौ से दो सौ मीटर ऊंचाई तक उड़कर करीब पंद्रह से तीस मिनट तक के विजुअल्स को कैप्चर करने की क्षमता रखता है। इसमें कैप्चर हुई पिक्चर की क्वालिटी बेहद अच्छी होती है। इलाहाबाद में कुंभ मेले के समय ही इसका इस्तेमाल किए जाने की बात हुई थी। एकाध दिन इसका इस्तेमाल भी किया गया। माघ मेले के प्रमुख स्नान पर्वो पर इसी से पूरी निगरानी रखने का प्लान तैयार हुआ था लेकिन लास्ट ऑवर्स में इस योजना को टाल देना पड़ा। अब इसे रेग्युलर मॉनिटरिंग का हिस्सा बनाने की तैयारी है ताकि पुलिसिंग को और इफेक्टिव बनाया जा सके।

दो किमी तक हो सकेगी निगरानी

विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ड्रोन कैमरे से करीब दो किमी तक के एरिया पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी। विभाग को मिलने के बाद पहले चरण में इसकी मदद से शहर के मुख्य चौराहों के साथ ही पुराने शहर के इलाकों पर नजर रखी जाएगी। विभाग यातायात व्यवस्था संभालने के आलावा अन्य बड़ी घटनाओं व वारदात वाले स्थान पर भी इस कैमरे का सहारा लेगा। इससे वारदात को अंजाम देकर भागने वाले अपराधियों का रूट और हुलिया भी आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा।

आधुनिकीकरण योजना के तहत विभाग को ड्रोन कैमरा दिया जा रहा है। इसका इस्तेमाल यातायात व ला एंड आर्डर को मेंटेन करने में किया जाएगा। इससे विभाग के लिए शहर की मानिटरिंग करना काफी आसान हो जाएगा।

-अलका भटनागर

सीओ ट्रैफिक