ADG साहब, ये हट जाए तो जाम घट जाए

रिएलिटी चेक

- जीटी रोड पर चौकाघाट से कैंट तक निर्माण कार्य से सड़क हो चुकी है संकरी मगर चल रही हैं दुकानें

- चौकाघाट से कैंट तक एक किमी की दूरी में लग गया 26 मिनट का वक्त, कदम कदम पर मिला रोड़ा

VARANASI

लोकेशन: चौकाघाट

बाइक का ट्रिप मीटर: जीरो

मोबाइल का स्टॉप वॉच: जीरो

डीजे आई नेक्स्ट टीम ने शुक्रवार दोपहर के वक्त यह जानने की कोशिश कि जीटी रोड पर महीनों से चल रहा फ्लाईओवर एक्सटेंशन के कंस्ट्रक्शन वर्क और ट्रैफिक जाम के बीच चौकाघाट से कैंट स्टेशन कमलापति त्रिपाठी तिराहे तक पहुंचने कितना समय लगता है। ट्रिप मीटर और स्टॉप वॉच सेट कर हमने बाइक से सफर की शुरूआत की।

रोडवेज पर मिला पहला रोड़ा

चौकाघाट से अंधरापुल तक तो ट्रैफिक सामान्य रही। हां, अंधरापुल पर मैनुअल ट्रैफिक कंट्रोल में कुछ देर रुकना पड़ा। बाइक जैसे ही रोडवेज के नजदीक पहुंची, हमें रुकना पड़ा। चारों तरफ गाडि़यों का जंजाल था। कुछ जगह तो ये भी समझ नहीं आ रहा था कि कौन किधर जा रहा है। वजह थी रोडवेज की वो बसें जो सड़क पर सवारियां भरने में बिजी थीं। यहां रेंगते रेंगते हम किसी तरह रोडवेज बस स्टैंड से लक्ष्मी हॉस्पिटल वाले मोड़ को क्रास कर आगे बढ़ सके।

आधी सड़क पर ठेला-खोमचा

लक्ष्मी हॉस्पिटल मोड़ पर स्थिति थापर पेट्रोल पंप से लेकर कैंट रेलवे स्टेशन के सामने तक वैसे तो आटो रिक्शा का दायरा तय करने के लिए गैंगवे लगा हुआ है मगर डग्गामार बसें, सूमो यहां चौड़े खड़े थे। इतना ही नहीं, फ्लाईओवर निर्माण के लिए फैले बिल्डिंग मैटेरियल के सामान के बाद बची सड़क पर आधे में ठेले-खोमचे वालों का कब्जा था। समझ ही नहीं आ रहा था कि आगे बढ़ें तो कैसे बढ़ें।

क्.7 किमी का सफर ख्8 मिनट में

जाम से जूझते हुए हमारी गाड़ी श्रीकृष्ण धर्मशाला के आगे पं। कमलापति त्रिपाठी प्रतिमा के पास पहुंची। हमने दूरी और समय पर नजर डाली तो आंकड़ा कुछ इस तरह था।

लोकेशन: पं। कमलापति त्रिपाठी प्रतिमा, कैंट

बाइक का ट्रिप मीटर: क्.7 किमी

मोबाइल का स्टॉप वॉच: ख्8 मिनट

एडीजी ने जगाई है राहत की आस

तमाम तरह की कवायद के बावजूद बनारस की सड़कों से जाम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ दिन पहले आए एडीजी जोन बी। महापात्रा ने अपनी प्रियॉरिटी में शहर का जाम से मुक्त कराने की बात कह कर नई आस जगाई है। चौकाघाट से कैंट और कैंट से चौकाघाट के बीच जाम की वजह साफ है। रोड़े एकदम साफ नजर आते हैं। ये हट जाए तो जाम घट जाए।

जीटी रोड पर जाम की वजहें

- फ्लाईओवर निर्माण के लिए फैली निर्माण सामग्री जिसको समेट कर चलने के लिए कुछ जगह बनाई जा सकती है।

- निर्माण कार्य के दौरान संकरी सड़क पर भी आटो रिक्शा वालों का मनमाने ढंग से खड़े होकर सवारी भरना।

- संकरी सड़क के बावजूद रेलवे कॉलोनी और दुकानों के बाहर ठेले खोमचे लगाकर कमाई करना।

- ट्रैफिक पुलिस का ध्यान कमाई वाली गाडि़यों पर होना, अतिक्रमण बने वाहनों का चालान न करना।

- लोकल थाने की पुलिस का ध्यान अतिक्रमण कर दुकानदारी कर रहे पटरी व्यवसायियों पर न होना।

क्यों न लगे जाम ज कदम-कदम पर झाम

इंग्लिशिया लाइन स्थित पं। त्रिपाठी जी की प्रतिमा से वापस अंधरापुल की तरफ चलने पर इतना ज्यादा अतिक्रमण है कि कैंट रेलवे स्टेशन का प्रवेश द्वार भी ढूंढना पड़ता है। यहां चारों तरफ ठेले वालों का कब्जा है। यहां गैंगवे के बावजूद ऑटो-विक्रम वाले सड़क पर खड़े नजर आते हैं। कैंट स्टेशन के आखिरी छोर जहां पैसेंजर्स के लिए क्षणिक विश्राम स्थल बनाया गया है उसके बाहर नींबू शर्बत का ठेला नजर आता है। यहां से आगे बढ़ने पर रेलवे क्वार्टर की बाउंड्री से सटे पाथवे पर दुकानदारों का कब्जा है। इन्हें फ्लाईओवर निर्माण पूरा होने तक हटा दिया जाए तो पब्लिक को थोड़ी और जगह मिल जाए। स्थाई तौर पर जलपान गृह से लेकर टोपी-मोजा, बेल्ट, लस्सी, पान-चाय आदि की दुकानें कैंट रोडवेज बस स्टेशन के सामने से होते हुए पुलिस बूथ तक सजी हुई मिलतीं हैं। ऐसे में जहां जाम कैसे न लगे। ये रोड़ें हट जाए तो जाम भी घट जाए।

ट्रैफिक सुचारू रुप से चले इसके लिए प्लान किया जा रहा है। ट्रैफिक जाम को कंट्रोल करने के लिए अधिकारियों को ताकीद की गई है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि जाम की मुख्य वजहों पर कार्य करें। अतिक्रमण को लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा।

बी। महापात्रा, एडीजी जोन, वाराणसी

इधर कुछ दिनों से रोजाना ही जाम के चपेट में पूरा शहर आ जा रहा है। दिन में एंट्रेंस एग्जाम और रात में आईपीडीएस की खोदाई के चलते लग रहे जाम से हर कोई बेहाल है।

मोहित सिंह, लहरतारा

ट्रैफिक विभाग की नजर सिर्फ वाहनों के चालान पर होती है। उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है कि चिलचिलाती धूप में पब्लिक जाम में फंसी हुई है। बनारस में पब्लिक का कुछ भला नहीं होने वाला है।

गौरव सिंह, लंका

रोडवेज के पास सड़क खोदाई के कारण रास्ता बिल्कुल संकरा हो गया है। उसमें रेलवे क्वार्टरों के आगे सजी दुकानें सड़क तक हैं। ऐसे में राहगीर और वाहनों का रेला सड़क पर ही है, जिससे रोजाना जाम की समस्या से पब्लिक को दो चार होना पड़ रहा है।

हिमांशु श्रीवास्तव, जगतगंज

एंट्रेंस एग्जाम और आईपीडीएस की खोदाई को लेकर ट्रैफिक विभाग ने कोई प्लान ही नहीं बनाया है। जिसके चलते सुबह-शाम शहर रोजाना जाम की चपेट में आ जा रहा है।

राहुल सेठ, इंग्लिशिया लाइन