JAMSHEDPUR: ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों से वसूले जाने वाले जुर्माने का ग्राफ हर साल बढ़ता ही जा रहा है। ट्रैफिक रूल्स को ठेंगा दिखानेवालों से ट्रैफिक पुलिस ने एक अप्रैल 2017 से एक 1 अप्रैल 2018 के बीच कुल 2 करोड़ 55 लाख 85 हजार 200 वसूले हैं। 2016- 2017 के वित्तिय वर्ष में ट्रैफिक पुलिस ने एक करोड़ 15 लाख 18 हजार 960 रुपए का जुर्माना वसूला था।
बढ़ती जा रही जुर्माने की राशि
शहर में साल दर साल की दोपहिया तथा चार पहिया गाडि़यों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके साथ साल दर साल लौहनगरी में रूल्स भी सबसे ज्यादा ब्रेक हो रहा है। अगर हम वित्तिय वर्ष 2012-13 की बात करें तो इस साल जुर्माना का 80.16 लाख, वित्तिय वर्ष 2013-14 में 87 लाख, 2014- 15 में एक करोड़, 2015-16 में एक करोड़ 10 लाख, 2016-17 में एक करोड़ 15 लाख 18 हजार 960 रुपए और इस साल 2 करोड़ 55 लाख 85 हजार 200 रुपए जुर्माने के रूप में वसूले गए।
सबसे ज्यादा हेलमेट चैकिंग से वसूली
ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने बताया जुर्माने में दुगुना का छलांग लगाने का सबसे बड़ा कारण हेलमेट चैकिंग है। शहर में लोगों की सुरक्षा को लेकर हेलमेट चैकिंग अभियान अक्सर चौक-चौराहे पर चलाए जा रहे हैं, पर शहर के लोगो का बिना हेल्मेट के चलने का आदत छूट नहीं रही है, रहा है, तथा रुल्स ब्रेक कर रहे है, हेलमेट चैकिंग के साथ सिट बेल्ट, डीएल नही रखना, नो पार्किग में गाड़ी करना, नो इंट्री में गाड़ी की इंट्री, ओवर लोडिंग, जैसे रुल्स ब्रेक करने पर जुर्माना वसूल कर रहे हैं।
सबसे ज्यादा राजस्व, सुविधा नहीं
शहर की ट्रैफिक पुलिस सबसे ज्यादा राजस्व वसूलने के बाद भी पुलिस कर्मी को सुविधा मुहैया नहीं कराई जाती है। चौक-चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस के जवान धूप, बारिश में ड्यूटी करते हैं, पर इनके लिए छतरी इत्यादि की व्यवस्था तक नहीं की गई है। शहर में नाम मात्र के पुलिस पोस्ट बनाए गए हैं। उसमें खड़े होकर ट्रैफिक व्यवस्था कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। जमशेदपुर ट्रैफिक पुलिस के पास स्पीडो मीटर तक नहीं है, जिससे तय स ज्यादा गति से चलनेवाले वाहनों की गति को मापा जा सके।
किस साल कितना जुर्माना
साल जुर्माना
2012-13 80.16 लाख
2013-14 87 लाख
2014-15 1 करोड़
2015-16 1.10 करोड़
2016-17 1.15 करोड़
2017-18 2.55 करोड़
जो ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करते हैं, उनसे जुर्माना लिया जाता है। इसमें हेलमेट चैकिंग, ओवर लोडिंग, नो इंट्री में इंट्री, नो पार्किग में गाड़ी खड़ी करना इत्यादि शामिल हैं। जिससे राजस्व जमा किया जाता है।
-विवेकानंद ठाकुर, ट्रैफिक डीएसपी, जमशेदपुर