- लापरवाही से रहता है रेहड़ी-पटरी वालों का जमावड़ा

- गाड़ी को बीच सड़क पर रोककर की जाती है उगाही

- गर्मी के चलते पुलिस वाले चौराहे छोड़कर रहते हैं फरार

- नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों पर नहीं होती कार्रवाई

Meerut: मेरठ में जाम लगने का बड़ा कारण पुलिस की लापरवाही। जी हां, ट्रैफिक पुलिस जहां चाहे वहां वाहनों को रोककर चेकिंग अभियान चलाती है और चेकिंग करते वक्त इस कदर मशगूल हो जाती है कि आम जन की परेशानी को भूल जाती है। पुलिस की लापरवाही के चलते सड़क के दोनों ओर रेहड़ी-पटरी वालों का जमावड़ा रहता है, जिससे जाम की स्थिति चाहकर भी ठीक नहीं होती। गर्मी के दिनों में ट्रैफिक पुलिस वाले चौराहे छोड़कर फरार रहते हैं। इसके चलते वाहन चालक अपनी मनमानी करते हैं और जाम लग जाता है।

केसर गंज चौराहा

केसरगंज चौराहा शहर के व्यस्ततम चौराहों में से एक है। ट्रैफिक पुलिस के आंकडों के अनुसार यहां पर रोजाना 15 हजार वाहनों का आवागमन होता है। चौराहे पर दिनभर जाम की भयंकर स्थिति बनी रहती है। केसरगंज से निकलने वाली गाडि़यां और घंटाघर की ओर से आने वाला ट्रैफिक जब दिल्ली रोड के ट्रैफिक से मिलता है तो यहां पर अक्सर जाम लग जाता है। यहां पर ट्रैफिक संभालने के लिए होमगार्ड की ड्यूटी रहती है, लेकिन कई बार इस कदर जाम लगता है कि वो खुद को असहाय महसूस करने लगता है।

अगर ट्रैफिक पुलिस अपनी ड्यूटी ठीक तरह से निभाए तो शहर में जाम लगना बंद हो जाएगा। दोपहर में शहर के सभी मुख्य चौराहे पुलिस लैस दिखाई देंगे।

-कैलाश, टीचर

चौराहों पर पुलिस वाले बीच सड़क पर वाहनों को रोककर उगाही करते हैं। जिसके चलते सड़क पर वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है। ट्रैफिक पुलिस यदि खुली जगहों पर चेकिंग करे तो जाम से निजात मिल सकती है।

-सेठपाल, व्यापारी

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घंटाघर चौराहा

घंटाघर चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस और होमगार्ड की तैनाती के बाद भी दिनभर जाम का आलम रहता है। एक ओर रिक्शे वाले सड़क घेरकर खड़े रहते हैं तो दूसरी ओर ऑटो और बस वाले भी बीच चौराहे पर खड़े होकर सवारियां भरते हैं। हालांकि कुछ दूरी पर बस स्टॉप भी बना हुआ है, लेकिन सवारियां भी वहां न जाकर चौराहे पर खड़ी होती हैं। चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मी न तो बस वालों पर कार्रवाई करते और न ही जाम खुलवाने की जहमत उठाते।

मेरठ में वाहन चालकों को पुलिस का कोई खौफ नहीं है। चालक जहां चाहे वहां गाड़ी घुसा देता है। इसके चलते चारो तरफ से एक साथ वाहन आने पर जाम लग जाता है।

-रोहित, डॉक्टर

पुलिस शहर के व्यस्तम चौराहों पर सुबह से ही वेरिके टिंग लगा देती है, जिसके चलते वाहनों की गति धीमी हो जाती है। यदि वेरिकेटिंग शाम 8 बजे के बाद लगे तो कुछ हद तक शहर में जाम कम हो सकता है।

-नरेन्द्र वादी, समाजसेवी

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भूमिया का पुल

भूमिया पुल पर अक्सर जाम लगा रहता है। यहां पर रोजाना औसत 17 हजार वाहनों का आवागमन होता है। जाम लगने का प्रमुख कारण यह है कि दुकानदार अपना ज्यादातर सामान सड़क पर ही रखते है। जिससे सड़क की चौड़ाई काफी कम हो जाती है। इसके अलावा ऑटो और रिक्शे वाले भी जाम का कारण बनते हैं। यहां ट्रैफिक पुलिस की तैनाती तो रहती है, लेकिन उसका रोल ट्रैफिक संभालने में कम ही रहता है। यहां भी जाम

भूमिया पुल वाली सड़क बहुत चौड़ी है, लेकिन व्यापारी दुकान के अंदर कम और सड़क किनारे ज्यादा सामान रखते हैं, जिसके चलते लोगों का निकलना मुश्किल रहता है।

-विवेक शर्मा, स्टूडेंट

बॉक्स

शहर में जाम के मुख्य कारण

पुलिस द्वारा बीच सड़क पर उगाही करना, वाहन लाइन में न चलाना, रेड लाइट जंप करना, वाहनों को बेतरतीब तरीके से रोड पर ही पार्क करना, गर्मी में चौराहों पर पुलिस न होना, ट्रैफिक नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई न होना जाम लगने की बड़ी वजह हैं।

वर्जन

लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सड़क पर बाजार लगाने वाले लोगों के खिलाफ भी अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा जो वाहन चालक नियमों का पालन नहीं करते हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

-पीके तिवारी, एसपी ट्रैफिक मेरठ

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