-शहर में ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल, जगह-जगह लगता है जाम

-टै्रफिक पुलिस की लापरवाही चलते पब्लिक को होती है परेशानी

BAREILLY : शहर में ट्रैफिक व्यवस्था कितनी बदहाल है। यह किसी से छुपा नहीं है। हम सब जानते हैं कि बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था के चलते शहर के अधिकांश चौराहे दिन भर जाम से पब्लिक को जूझना पड़ता है। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों का कीमती वक्त खराब हो जाता है। कई बार तो लोग एक्सीडेंट का भी शिकार हो जाते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने गर्मी लगी क्या अभियान के तहत 'ऑन रोड सेफ्टी एंड टै्रफिक रूल्स इन सिटी' मुद्दे पर शहर के लोगों की राय जानी। शहर की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था पर शहर वासियों ने बेबाक तरीके से अपनी राय रखी और इसका जिम्मेदार टै्रफिक पुलिस को बताया।

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संजयनगर में प्रोग्राम की शुरूआत सुबह करीब 10:00 बजे से हुई। जिसमें प्रशांत ने कहा कि शहर में सड़कें मानक के अनुसार नहीं बनती हैं। सड़कें मानक से बने तो चलने वाले भी सुरक्षित होंगे। तभी सत्यवीर ने कहा कि शहर में ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने वाले कम और रूल्स तोड़ने वाले अधिक लोग है, जिससे ट्रैफिक रूल्स फॉलो नहीं हो पाता है। प्रमोद ने कहा कि शहर में ट्रैफिक जाम लगाने के लिए तो आटो ही काफी है। शहर में देहात परमिट के ऑटो भी बेखौफ घुस आते हैं। पुलिस उन पर कार्रवाई की बजाय ले देकर मामला निपटा लेती है। संजू गुप्ता ने कहा कि पार्किंग न होने के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था खराब है। पूनम शाही ने कहा कि हम सभी लोगों को चाहिए कि टू व्हीलर पर हेलमेट कार पर सीट बेल्ट का प्रयोग जरूर करें। साथ ट्रैफिक रूल्स फॉलो जरूर करें। वाईसी गुप्ता ने कहा कि ट्रैफिक रूल्स फॉलो न करना ही हादसों को दावत देना है।

लोगों की बात

पुलिस चाहे तो रोड सेफ्टी और ट्रैफिक रूल्स सभी पालन करें। लेकिन ऐसा करने के लिए पुलिस को एक्टिव मोड में आना पड़ेगा, लेकिन टै्रफिक पुलिस लापरवाही करती है।

सुनीता

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दूसरा पड़ाव 11:30 बजे सतीपुर चौराहा पर शुरू हुआ जिसमें सत्यप्रकाश ने कहा कि अतिक्रमण शहर की सड़कों से हट जाए तो ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हो जाएगा। सुमन ने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ने वालों के खिलाफ पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है जिससे ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के हौसले बुलन्द होते हैं। डॉ। त्रिभुवन ने कहा कि हम सभी लोगों को भी चाहिए कि ट्रैफिक रूल्स फॉलो करें, और पुलिस की मदद करे.निशांत ने कहा ट्रैफिक पुलिस जब यातायात माह आता है तो शहर में दो चार बैनर और चेकिंग कर अपना काम पूरा लेती है लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। समय-समय पर पब्लिक को ट्रैफिक रूल्स के बारे में अवेयनेस प्रोग्राम चलाना चाहिए। तौहीद ने कहा कि यूपी सरकार ने चौकी चौराहा पर एलइडी लगाकर अपनी योजनाओं का प्रचार किया, इससे किसी को कोई फायदा नहीं था। लेकिन इसकी जगह पर अगर उस एलईडी से ट्रैफिक रूल्स के बारे में पब्लिक को अवेयर किया जाता तो अच्छा होता।

लोगों की बात

पुलिस अवैध वसूली के चलते ट्रैफिक रूल्स फॉलो कराने में नाकाम साबित हो रही है। सैटेलाइट से पुलिस पहले तो नो इंट्री जोन में भारी वाहनों को जाने देती है इसके बाद आगे जाकर वाहन ड्राइवर को पकड़कर नियम ि1सखाती है।

सत्य प्रकाश

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ट्रैफिक रूल्स फॉलो कराने के लिए पुलिस तो सैटेलाइट पर भी खड़ी रहती है लेकिन इसके बाद भी ट्रैफिक रेड सिग्नल तोड़कर आसानी से निकल जाते हैं। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाती है.

राज मौर्य

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तीसरा पड़ाव बारादरी के पुराना शहर रोहली टोला में करीब 2:00 शुरू हुआ जिसमें विनय गुप्ता ने कहा कि ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों से प्रशासन को सख्ती से पेश आना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता है। कन्हैया गुप्ता ने कहा कि पुलिस अपना काम ठीक से नहीं कर रही है। जिसके कारण कोई ट्रैफिक रूल्स फॉलो करना बोझ समझता है. राहुल गुप्ता ने कहा कि ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों को पुलिस कभी पकड़ लेती है तो उसे छुड़ाने के लिए राजनीति शुरू हो जाती है। लेकिन पुलिस को राजनीति के दबाव में काम नहीं रना चािहए। आकाश ने कहा कि सबसे पहले पुलिस खुद सुधरे तभी ट्रैफिक रूल्स फॉलो करा सकती है हम देखते हैं कि पुलिस वर्दी पहने हुए भी जिम्मेदार ट्रैफिक रूल्स तोड़ने में पीछे नहीं हैं। अजय गुप्ता ने कहा कि पुलिस को ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों से वसूली नहीं कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन पुलिस ऐसा नहीं करेगी तब तक पब्लिक नहीं सुधरेगी। पब्लिक में पुलिस का डर नहीं है रह गया है।

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लोगों की बात

शहर में आटो वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करने से बचती है। इसका एक ही कारण है कि अधिकांश आटो पुलिस कर्मियों के भी है। तो ट्रैफिक रूल्स कैसे फॉलो होगा।

विनय गुप्ता

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पुलिस को समय-समय पर ट्रैफिक रूल्स के बारे में पब्लिक को जागरूक करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता है। कई लोगों को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी का अभाव है।

अमन