ऐसी है जानकारी
बता दें कि ट्राई के अध्यक्ष सीएएसबीएए इंडिया फोरम के एक समारोह में बोल रहे थे। मौके पर उन्होंने नेट निरपेक्षता के अर्थ से सबको वाकिफ कराया। उन्होंने बताया कि नेट निरपेक्षता का अर्थ है एप्लिकेशन और सामग्री के लिहाज से इंटरनेट सेवा प्रदाता किसी के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न करें।

उस समय सामने आई थी नेट निरपेक्षता
बता दें कि ये बहस उस समय शुरू हुई जब एयरटेल ने इंटरनेट आधारित कॉल के लिए अलग से शुल्क लगाने का निर्णय लिया। इसके बावजूद सार्वजनिक विरोध के बाद उसने अपनी इस योजना को आखिरकार वापस ले लिया। इस बारे में इंटरनेट विशेषज्ञों और काम करने वालों ने इंटरनेट शून्य शुल्क वाले एयरटेल जीरो और फेसबुक के फ्री बेसिक्स का विरोध किया था।

फरवरी में लगाया था ये प्रतिबंध
याद दिला दें कि फरवरी में ट्राई ने इंटरनेट सेवा के भेदभावपूर्ण शुल्क निर्धारण की व्यवस्था पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं अब अगले एक या दो महीने में दूरसंचार नियामक ट्राई नेट निरपेक्षता को लेकर अपने विचार को अंतिम रूप देने की तैयारी में है।

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