अपनी सुरक्षा खुद ही करिए

- ज्यादातर ट्रेनों में नहीं है सिक्योरिटी का इंतजाम

- जिसमें है स्कोर्टिग एलॉट वहां, ड्यूटी नहीं करते जवान

ALLAHABAD: ट्रेन से जर्नी करने निकल रहे हैं, तो अपनी सुरक्षा का इंतजाम खुद कर लें। एलर्ट रहें। बहुत सोच-समझ कर ही किसी से भिड़ें। क्योंकि आपको अकेले ही मोर्चा लेना पड़ेगा, चलती ट्रेन में मदद करने आरपीएफ-जीआरपी का कोई जवान नहीं आएगा। क्योंकि ज्यादातर ट्रेनों में स्कोर्टिग की व्यवस्था ही नहीं है। जिन ट्रेनों में स्कोर्टिग है भी तो उसमें तैनात जवान दिखते ही नहीं हैं। शनिवार को गोदान में हुई घटना के बाद रविवार को आईनेक्स्ट ने जंक्शन से गुजर रही ट्रेनों का रियलिटी चेक किया, जिसमें ये सामने आया कि पैसेंजर्स की सिक्योरिटी को लेकर रेलवे पुलिस एलर्ट नहीं है।

मुंबई-हावड़ा मेल में नहीं दिखे एक भी जवान

हावड़ा से मुंबई जाने वाली हावड़ा-मुंबई मेल रविवार को दिन में करीब तीन बजे इलाहाबाद जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर छह पर पहुंची। पूरी ट्रेन पैसेंजर्स से भरी हुई थी। आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने जनरल कोच से लेकर पूरे स्लीपर कोच तक का निरीक्षण किया। लेकिन पूरी ट्रेन में आरपीएफ और जीआरपी का कोई भी जवान दिखाई नहीं दिया। जबकि ट्रेन में जीआरपी के जवानों की स्कोर्टिग डयूटी लगी हुई थी।

हावड़ा से इलाहाबाद तक नहीं देखा एक भी जवान

हावड़ा-मुंबई मेल में सवार पैसेंजर्स से जब आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने बातचीत की तो ज्यादातर पैसेंजर्स का यही कहना था कि वे हावड़ा से इलाहाबाद तक आ गए, लेकिन एक बार भी कोई जवान उनके कोच में नहीं आया। उन्होंने किसी भी जवान को कोच का चक्कर लगाते हुए नहीं देखा। पारसनाथ रेलवे स्टेशन से सवार हुए राजेश कुमार ओझा ने कहा कि वे मुंबई जा रहे हैं। सुबह में पारसनाथ स्टेशन से एस-फ् कोच में सवार हुए हैं। लेकिन अभी तक उन्होंने किसी जवान को ट्रेन में नहीं देखा.मुंबई-हावड़ा मेल में सिक्योरिटी का इंतजाम न होना केवल एक्जाम्पल है। दिल्ली, हावड़ा और मुंबई रूट की ज्यादार ट्रेनों का यही हाल है। एक छोर से दूसरे छोर तक बगैर सिक्योरिटी के ट्रेन पहुंच जाती है। जंक्शन और रेलवे स्टेशन पर तो सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते हैं। लेकिन चलती ट्रेन में पैसेंजर असुरक्षित रहते हैं।

सिक्योरिटी होती तो गोदान में मारपीट न होती

रनिंग ट्रेन में सिक्योरिटी का इंतजाम न होने के कारण ही शनिवार को गोदान एक्सप्रेस में मारपीट की घटना हुई। अगर ट्रेन में सुरक्षा के इंतजाम होते तो चलती ट्रेन में ही छात्रा को परेशान करने वाले और उसकी क्लीपिंग बनाने वाले को पकड़ा जा सकता था। तत्काल कार्रवाई हो जाती तो मारपीट न होती, ट्रेन पर पथराव और बवाल न होता। गोदान एक्सप्रेस की तरह आए दिन ट्रेनों में हादसे होते रहते हैं। समूह में यात्रा कर रहे लोग खास कर स्टूडेंट्स और लोकल पैसेंजर हंगामा करते हैं। लंबी दूरी के यात्रियों से मारपीट करते हैं। लेकिन रेलवे पुलिस इस तरह की घटनाओं पर रोक नहीं लगा पा रही है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चलती ट्रेनों के सुरक्षा का इंतजाम ही नहीं है।

कुछ ट्रेनों में आरपीएफ तो कुछ ट्रेनों में जीआरपी के जवानों की डयूटी लगाई जाती है। गोदान एक्सप्रेस में जीआरपी के जवानों की स्कोर्टिग है। जिन ट्रेनों में अभी तक स्कोर्टिग नहीं होती थी, ऐसी कुछ ट्रेनों में स्कोर्टिग बढ़ा दी गई है। ताकि चलती ट्रेन में बदमाशों से यात्रियों की सुरक्षा की जा सके।

वीपी सिंह

थाना प्रभारी, आरपीएफ