- सोलर पावर का प्रयोग करने के लिए मेट्रो प्रशासन ने बनाई योजना

- 90 पर्सेंट काम पूरा होने के बाद दूसरे विकल्पों पर हो रहा मंथन

LUCKNOW: मेट्रो परियोजना में सोलर पावर के प्रयोग पर काम चल रहा है। सोलर पावर से ट्रेन स्टैबलिंग में सप्लाई दी जाएगी। इसके उत्पादन की तैयारियां मेट्रो ने शुरू कर दी है। वहीं इसके लिए टेंडर किए जा चुके हैं। नार्थ-साउथ कोरिडोर का 90 प्रतिशत सिविल कार्य पूरा होने के बाद मेट्रो के अधिकारी पावर सप्लाई के दूसरे विकल्पों पर मंथन कर रहे हैं। अधिकारी मेट्रो परियोजना में सोलर पावर का प्रयोग करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

आफिसर्स ने तैयार किया खाका

मेट्रो के एक्सपर्ट शुरुआती दौर में सोलर पावर का कम पावर की क्षमता वाले सेटअप पर प्रयोग करेंगे। सबसे पहले ट्रेन स्टैबलिंग में सोलर पावर की सप्लाई दी जाएगी। मेट्रो के एक अधिकारी के अनुसार ट्रेन स्टैबलिंग में एक मेगावाट पावर की जरूरत होगी, जिसको पूरा करने के लिए आफिसर्स ने खाका भी तैयार कर लिया है। गौरतलब है कि मेट्रो को पावर सप्लाई अभी यूपीपीसीएल से की जा रही है। यहां से 132 केवीए की पावर सप्लाई ली जा रही है, जिसका एग्रीमेंट 5 अक्टूबर को किया गया है।

दो मेगावाट की बनेगी बिजली

मेट्रो ने सोलर पावर के उत्पादन के लिए कंपनियों को आमंत्रित किया है। शुरुआती दौर में कंपनी 1.5 से 2 मेगावाट की बिजली पैदा करेंगी। मेट्रो रूफ माउंटेड सोलर फोटो वोल्टिक सेल्स और रेस्को मॉडल के तहत बिजली तैयार की जाएगी। इसके तहत 9 करोड़ के टेंडर आमंत्रित ि1कए गए हैं।

12 माह में पूरा करना होगा काम

मेट्रो ने पावर सप्लाई के लिए कंपनियों को 12 महीनों का समय दिया है। इसमें सिक्योरिटी के रूप में 20 लाख रुपए की धनराशि रखी गयी है। प्रोजेक्ट में कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है। मेट्रो के सीनियर पीआरओ अमित श्रीवास्तव ने बताया कि मेट्रो पहले से ही पर्यावरण का खास ध्यान रखा रहा है। निर्माण के दौरान सड़क पर मिट्टी से गंदगी न हो, इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। सोलर पावर से दूसरे मेट्रो के सेटअप को भी चलाने का प्रयास किया जाएगा।