- यार्ड का विस्तार नहीं होने से दानापुर और फतुहा में ही फंसी रहती है ट्रेनें

- पटना जंक्शन पर घंटों लेट पहुंचती है कई ट्रेन, यात्री होते हैं परेशान

PATNA : पटना जंक्शन के अधिकारी को अक्सर पैसेंजर की नाराजगी मोल उठानी पड़ती है, क्योंकि पटना आने वाली कई ट्रेनें यहां लेट ही पहुंचती है। इसके कई कारण गिनाये जाते हैं। पूमरे की ओर से इस समस्या के समाधान के लिए कई कदम भी उठाये गये लेकिन अबतक कई फैसले परिणाम तक नहीं पहुंच पाए हैं।

जगह की है कमी

पटना जंक्शन से खुलने वाली कई ट्रेनों की वजह से पटना जंक्शन पहुंचने वाली ट्रेनें घंटों लेट ही पहुंचती है। संगमित्रा एक्सप्रेस, दूरंतो एक्सप्रेस, पटना-पूणे आदि को समय से घंटों पहले प्लेटफार्म पर लगा दिया जाता है। जिसके कारण पटना जंक्शन का प्लेटफार्म खाली नहीं रहता और कई ट्रेनों को दानापुर और फतुहा में ही घंटो रोक के रखा जाता है। दूसरी वजह यार्ड की भी है। हार्डिग पार्क स्थित यार्ड में स्पेस नहीं होने के कारण कई ट्रेनें तो वहां जाती ही नहीं। यही हाल राजेंद्र नगर कोचिंग कॅम्पलेक्स का है। हालांकि दोनों का अभी विस्तार होना है। पर रेलवे बोर्ड की लापरवाही से अबतक कुछ नहीं किया जा रहा।

दानापुर मंडल का विस्तार अधर में

पटना जक्शन से हर दिन डेढ़ लाख पैसेंजर्स का आना-जाना होता है। ख्म् पैसेंजर ट्रेनें अैर कई अन्य गाडि़यां भी रेाज पटना जंक्शन से खुलती है। मालूम हो कि पटना जंक्शन पर ट्रैफिक लोड अपने हाईयेस्ट प्वाइंट पर है। इसी वजह से पूमरे की ओर से यह निर्णय लिया गया था कि दानापुर स्टेशन का विस्तार किया जायेगा। इसे व्लर्ड लेवल का बनाया जायेगा। इसके लिए दो हजार करोड़ रुपए का बजट भी बनाया गया, पर रेलवे सूत्रों की माने तो अब तक रेलवे बोर्ड की ओर से इसके लिए मंजूरी नहीं मिली। ईसीआर के पास दानापुर स्टेशन को विस्तार देने के अलावा कोई और विकल्प भी नहीं है। रेल अधिकारी का कहना है कि पटना जंक्शन के ट्रैफिक को स्मूथ करने के लिए दानापुर मंडल के पास कोई उपाय नहीं है। सिवाय इसके कि दानापुर स्टेशन का विस्तार किया जाय। क्योंकि झाझा-मुगलसराय, पटना-गया और बख्तियापुर-राजगीर सेक्शन का ट्रैफिक सेचुरेशन प्वाइंट पर है।

ट्रेनें बढ़ीं पर नहीं बढ़े ट्रैक

ईसीआर के अधिकारी का कहना है कि इस बजट को छोड़ दें तो हर रेल बजट में इस जोन को ट्रेनों का तोहफा मिल ही जाता था। लेकिन कभी भी इसके ट्रैक के विस्तार की बात नहीं की गई। सालों बीत गये मुगलसराय से झाझा तक तीसरी लाइन बनाने की मांग चल रही है। तीसरी लाइन नहीं होने की वजह से ट्रेने लेट पहुंचती है। दानापुर स्टेशन पर यात्री सुविधा को बढ़ाया तो जा रहा है लेकिन उसकी रफ्तार बहुत धीमी है। रेल सूत्रों की माने तो जल्द ही इस डिवीजन के ऑपरेशनल कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए जल्द ही रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम बनाया जायेगा।