- फायर विभाग के अधिकारियों ने किया ट्रॉमा का निरीक्षण, दी कमिश्नर को रिपोर्ट

LUCKNOW:

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर की बिल्डिंग का निर्माण मानकों केविपरीत किया गया है। शायद यही कारण है कि इतना बड़ा हादसा हुआ। निर्माण और प्लानिंग के समय से ही बिल्डिंग में सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा गया था। फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने सोमवार को ट्रॉमा सेंटर का निरीक्षण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है।

ज्वाइंट डायरेक्टर ने की जांच

सीएम के निर्देश पर फायर विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर पीके राव, ज्वाइंट डायरेक्टर जेके भदौरिया, सीएफओ एबी पांडेय ने ट्रॉमा सेंटर की जांच की। पूरे ट्रॉमा का निरीक्षण करने के बाद टीम का कहना है कि पूरी बिल्डिंग ही नक्शे के हिसाब से नहीं बनी हे। जरुरत के हिसाब से टुकड़े टुकड़े में निर्माण कराया गया। मानक कहते हैं कि बिल्डिंग के चारों तरफ छह मीटर जगह होनी चहिए। लेकिन ट्रॉमा के तीन तरफ सिर्फ तीन मीटर ही जगह है। ज्यादातर उपकरण और फायर अलार्म सिस्टम भी खराब मिला। फायर विभाग की इस टीम ने अपनी रिपोर्ट सोमवार को ही कमिश्नर को सौंप दी है। यही नहीं विभाग के एक अधिकारी ने दावा कि बड़ी इमारतों के निर्माण से पहले फायर की एनओसी जरुरी है लेकिन सरकारी विभागों के जिम्मेदार इसका पालन नहीं करते। यदि मानकों के हिसाब से बिल्डिंग बनती और फायर की एनओसी होती तो आग की लपटें और धुंआ से पूरी बिल्डिंग के मरीज प्रभावित न होते।