- मुख्यमंत्री के अपर सचिव बनाये गये थी बिष्ट और रयाल

- मामले में विवाद के बाद बनाए गए थे सीएम के संयुक्त सचिव

- अब दोनों अधिकारियों को पुराने पदों पर वापस भेजा

DEHRADUN: पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री के अपर सचिव बनाए गए दो पीसीएस अधिकारियों के मामले में उपजे विवाद के बाद अब उनके ट्रांसफर निरस्त करते हुए उन्हें पुराने पदों पर भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि दोनों अधिकारियों ने मसले पर विवाद पैदा होने के बाद खुद ही अपने पुराने पदों पर बने रहने की इच्छा जताई थी।

ट्रांसफर पर उपजा था विवाद

शासन ने क्ब् अप्रैल को सीडीओ हरिद्वार मेहरबान सिंह बिष्ट और निदेशक दुग्ध विकास एवं डेयरी ललित मोहन रयाल को अपर सचिव मुख्यमंत्री के पद पर तैनात किया था। कम ग्रेड पे वाले अधिकारियों की अपर सचिव के पद पर तैनाती को लेकर सवाल उठे तो एक दिन बाद ही इन दोनों अधिकारियों को संयुक्त सचिव बना दिया गया। दरअसल, अपर सचिव का पद 8700 रुपये ग्रेड पे से लेकर दस हजार रुपये ग्रेड पे का है। जबकि इन दोनों अधिकारियों का ग्रेड पे 7म्00 रुपये का है। मामला बढ़ता देख शासन को अपनी गलती का एहसास हुआ। इसके बाद क्भ् अप्रैल को प्रभारी सचिव कार्मिक ने इन दोनों अधिकारियों की अपर सचिव मुख्यमंत्री पद पर की गई तैनाती को निरस्त करते हुए, इन्हें संयुक्त सचिव मुख्यमंत्री के पद पर तैनात करने का आदेश जारी किए। अब शुक्रवार को शासन ने इस मामले में नया आदेश जारी करते हुए दोनों अधिकारियों का स्थानांतरण रद्द कर दिया। दोनों अधिकारी अब अपने पुराने पदों पर ही सेवा देंगे।