- समय रहते क्षेत्र के खराब ट्रांसफॉर्मर बदले जा सकेंगे

- जिले में गर्मी के दिनों में हर महीने 400 ट्रांसफॉर्मर होते है खराब

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ:

बिजली विभाग के जेई रिश्वत लेकर इश्यू ट्रांसफॉर्मर कहीं और पहुंचाने का खेल अब नहीं कर सकेंगे। क्योंकि बिजली विभाग के अधिकारी ट्रांसफॉर्मर पहुंचाने वाले वाहनों में जीपीएस लगाने जा रहे हैं। ताकि, कंप्लेंट नंबर के मुताबिक संबंधित स्थान तक ट्रांसफॉर्मर पहुंच सके।

सीएम से भरपूर बिजली देने के मिले है निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए क्षतिग्रस्त ट्रांसफॉर्मर बदलने की समय सीमा निर्धारित की है। बिजली निगम ने इस पर अमल करते हुए व्यवस्था वर्कशॉप के सुपुर्द कर दी है। इसके तहत बिजली उपभोक्ता की ओर से कंप्लेंट्स होने के तुरंत बाद निर्धारित समय सीमा के अंदर ट्रांसफॉर्मर बदलने का काम किया जाएगा। जीपीएस लगे होने से गंतव्य स्थान पर ट्रांसफॉर्मर ले जाने वाली गाडि़यों की लोकेशन पता चलता रहेगा। इससे एक फायदा यह होगा कि जहां की पहले कंप्लेट्स दर्ज हुई है वहां पर पहले ट्रांसफॉर्मर लग सकेंगे।

हर महीने चार ट्रांसफॉर्मर हो रहे खराब

गर्मी के दिनों में जिले में ट्रांसफॉर्मर के खराब होने की संख्या काफी बढ़ जाती है। क्योंकि, इन दिनों ओवरलोड, शार्ट सर्किट और लाइनों में फॉल्ट के मामले सबसे अधिक होते हैं। जिसका इफेक्ट ट्रांसफॉर्मर पर ही पड़ता है। खराब ट्रांसफॉर्मर को परसाखेड़ा स्थित वर्कशॉप में रिपेयर के लिए लाया जाता है। उसके बाद मांग के हिसाब से ट्रांसफॉर्मर संबंधित स्थान पर लगाए जाते हैं। वर्कशॉप के जेई मुकुल रस्तोगी ने बताया कि जिले भर में ठंड के दिनों में जहां 100-150 ट्रांसफॉर्मर हर महीने खराब होता है। वहीं गर्मी में यह संख्या बढ़ कर 400 के करीब पहुंच जाती है। एक ट्रांसफॉर्मर को रिपेयर करने में 2 से 4 दिन का समय लगता है।

10 गाडि़यां है वर्कशॉप में

ट्रांसफॉर्मर की ढुलाई करने के लिए 10 वाहन हैं। इनमें से 7 वाहन रूरल एरिया और 3 वाहन अरबन एरिया के लिए। शहर क्षेत्र के लिए सिर्फ ट्रैक्टर-ट्रॉली है। जबकि, ग्रामीण क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मर के लाने और ले जाने के लिए ट्रैक्टर ट्राली के अलावा पिकअप भी है। लेकिन कई बार डिस्ट्रिब्यूशन के जेई खराब ट्रांसफॉर्मर को वर्कशॉप तक पहुंचाने के लिए स्थानीय पब्लिक से ही वाहन की व्यवस्था करने के लिए कहते हैं, जिसका खर्च पब्लिक से ही लेते हैं। वाहन खर्च न देने पर खराब ट्रांसफॉर्मर पोल पर ही टंगा रहता है। लिहाजा बिजली उपभोक्ताओं को कई दिनों तक अंधेरे में जीवन बसर करना पड़ता है, लेकिन जीपीएस लगने के बाद कर्मचारी अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे।

बिजली सप्लाई व्यवस्था में सुधार के लिए नई व्यवस्था की जा रही है। इस तरह के प्रयास से पब्लिक को समय रहते समस्या का समाधान कर बिजली मुहैया कराई जा सकती है।

पीए मोगा, एक्सईएन, बिजली विभाग