- बढ़े तापमान के बीच जलते जा रहे जिले के ग्रामीण अंचल के ट्रांसफॉर्मर्स

- बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों ने गोरखपुर में डाला डेरा

GORAKHPUR: ओवरलोडेड ट्रांसफॉर्मर्स की समस्या को अनदेखा किए जाने की बिजली विभाग की लापरवाही पब्लिक के लिए मुसीबत बन गई है। पिछले 48 घंटे में ही जिले में कुल 127 ट्रांसफॉर्मर जल चुके हैं। सीएम का जिला होने के चलते एक साथ इतनी बड़ी मात्रा में ट्रांसफॉर्मर जलने की सूचना पर अधिकारियों के माथे पर बल पड़ गए हैं। आनन-फानन में एमडी लेवल के अधिकारियों ने जिले का दौरा शुरू कर दिया है।

वर्षो से नहीं हुई मरम्मत

बता दें, जिले के ग्रामीण अंचल में वर्षो पुराने ट्रांसफॉर्मर लगे हुए हैं। बिजली विभाग द्वारा गांवों में नए कनेक्शन तो दिए जा रहे हैं, लेकिन इन ट्रांसफॉर्मर्स की क्षमता नहीं बढ़ाई गई है। स्थिति यह है कि गांवों में लगे 63 किलोवाट के ट्रांसफॉर्मर पर 200 किलोवाट के कंज्यूमर्स का लोड है। ऐसे में अक्सर गर्मी बढ़ने पर ट्रांसफॉर्मर जलने लगते हैं। इस बार भी ऐसा ही कुछ हुआ है। पिछले दो दिन में बड़हलगंज, कौड़ीराम, बांसगांव, गोला, खजनी, सहजनवां, चौरीचौरा आदि एरियाज मिलाकर 127 ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड के कारण जले हैं।

अनबैलेंस भी बढ़ा सहा समस्या

किसी भी ट्रांसफॉर्मर पर पांच पिन होते हैं, जिसमें एक पिन अर्थिग का होता है, जबकि चार पिन मेन फेज वाले होते हैं। इस पिन से ही ट्रांसफॉर्मर से एलटी लाइन पर बिजली सप्लाई होती है। बिजली विभाग के जेई ट्रांसफॉर्मर लगाते समय मौके पर नहीं जाते, जिसके चलते लाइनमैन किसी भी पिन में कनेक्शन जोड़ देते हैं। ऐसे में किसी दो पिन पर ओवरलोड हो जाता है। ऐसे ट्रांसफॉर्मर सबसे पहले जलते हैं।

63 केवी पर 150 का बोझ

अगर कोई ट्रांसफॉर्मर 100 किलोवाट का है तो उस पर अधिकतम 100 से 110 कंज्यूमर्स को कनेक्शन दिया जा सकता है। लेकिन ग्रामीण अंचल में एक गांव में कम से कम 100 से लेकर 150 घर होते हैं और उस गांव में अधिकतम 63 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगा होता है। ऐसे में जैसे ही गर्मी बढ़ती है ट्रांसफॉर्मर जलने लगता है। वहीं, ट्रांसफॉर्मर को जलने से बचाने के लिए डाले जाने वाले तेल की कमी भी समस्या की एक वजह है। जब ट्रांसफॉर्मर में करंट प्रवाहित होता है तो यह गरम हो जाता है। ऐसे में इसमें तेल डाला जाता है जो इसे ठंडा करता है। इस तेल की कमी होने के कारण ट्रांसफॉर्मर जल जाता है।