- टैक्स जमा नहीं करने वालों को आरटीओ ने जारी किया नोटिस

- वाहन मालिकों पर 4-5 वर्ष तक का बकाया है रोड टैक्स

BAREILLY:

रोड और यात्री टैक्स पर कुंडली मारकर बैठे 992 वाहन मालिकों को आरटीओ प्रशासन ने नोटिस जारी किया। नोटिस मिलते ही वाहन मालिकों में खलबली मच गई है। कार्रवाई के डर से वह आरटीओ ऑफिस के चक्कर काटते फिर रहे हैं। यह वह लोग हैं, जिन पर विभाग का वर्षो से रोड टैक्स बकाया है। मैनुअल की जगह जब सारा रिकॉर्ड कम्प्यूटराइज्ड हुआ तो यह बात निकल कर सामने आई है।

रिकॉर्ड मिलान में पकड़ी गई चोरी

आरटीओ प्रशासन ने जिन 992 वाहन मालिकों को नोटिस जारी किया हैं, उनमें प्राइवेट, कार, कैब, जीप सभी तरह के वाहन शामिल है। अभी तक आरटीओ का सारा रिकॉर्ड मैनुअल ही रजिस्टर्ड होता था, लेकिन अब सारा रिकॉर्ड सिस्टम पर अपलोड किया जा रहा है। जिसके बाद से वाहन मालिकों की चोरी पकड़ी जा रही है। 992 के अलावा और भी दर्जनों लोगों पर रोड और यात्री टैक्स बकाया है। फिलहाल उनकी लिस्ट तैयार की जा रही है।

6 करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स बकाया

वाहनों मालिक पर एक वर्ष का नहीं बल्कि, 4-5 वर्ष पुराना टैक्स बकाया है। कुछ वाहन तो आरटीओ में बिना इंफॉर्मेशन दिये ही कट भी चुके हैं। जिनकी लिस्ट अलग से तैयार कर अधिकारी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि जिन 992 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। उन पर टोटल 6,15,48,441 रुपए का बकाया है। 3,59,12,378 रुपए का टैक्स और 2,56,36,063 रुपए पेनॉल्टी लगाई गयी है।

रोड तोड़ रहे लेकिन टैक्स नहीं

जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है वह पैसेंजर्स वाहन ही हैं, जो कि रोड पर दिन-रात पैसेंजर्स ढो रहे हैं और रोड को क्षतिग्रस्त कर रहे हैं, लेकिन टैक्स देने के नाम पर पीछे हैं। रोड पर गड्ढा होने से पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। वहीं आये दिन हादसे का कारण यह गड्ढा युक्त सड़कें बन रही हैं।

बॉक्स

- 991 वाहन मालिकों को रोड टैक्स बकाया पर नोटिस।

- 3,59,12,378 रुपए का रोड टैक्स बकाया।

- 2,56,36,063 रुपए का वाहन मालिकों पर टैक्स जमा नहीं करने पर पेनॉल्टी।

- 4-5 वर्ष तक पुराना वाहनों का बकाया है रोड टैक्स।

- कई गाडि़या मियाद पूरी होने के बाद कट भी चुकी है।

जिन वाहन मालिकों ने रोड टैक्स जमा नहीं किया हैं उनकों नोटिस जारी किया जा रहा है। 992 लोगों को अभी तक नोटिस जारी किया जा चुका है। अभी कई लोगों की लिस्ट तैयार होनी बाकी है।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन