मासूमों की जिंदगी से खेल रहा परिवहन विभाग

- राजधानी की सड़कों पर अवैध रूप से दौड़ रही है अवैध स्कूली वैन

- आरटीओ प्रवर्तन दस्ते की मिली भगत से फलफूल रहा है कि स्कूली वैन का कारोबार

LUCKNOW: प्रदेश में भदोही में हुई स्कूली वैन दुर्घटना को अभी छह महीने ही बीते थे कि एटा में स्कूली बस के साथ हुई दुर्घटना में एक साथ 25 बच्चों की मौत हो गई। लेकिन परिवहन विभाग की कुंभकर्णी नींद खुलने का नाम नहीं ने ले रही। हादसों के बाद चेकिंग अभियान और कुछ दिन बार फिर से वही हाल। प्रदेश के अन्य जिलों का हाल छोडि़ए, राजधानी में परिवहन विभाग का मुख्यालय है और यहीं पर अवैध स्कूली वाहनों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। अवैध वाहनों से होने वाली वसूली के चक्कर में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इस ओर से अपनी आंखे फेर रखी है। राजधानी में ही आरटीओ प्रवर्तन से लेकर परिवहन विभाग के मुखिया परिवहन आयुक्त तक इन अवैध स्कूली वाहनों की जांच करने से कतराते हैं।

बिना रजिस्ट्रेशन के दौड़ रही स्कूली वैन और गाडि़यां

राजधानी में स्कूली बस और वैन के कुल 1600 से रजिस्ट्रेशन है जबकि यहां की रोड पर कम से कम 5000 से अधिक स्कूली वैन और बसों का संचालन किया जा रहा है। वैन और बस किसी भी स्कूल की हो, उनका रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हैं। ऐसे में इन गाडि़यों की फिटनेस और चालक आरटीओ ऑफिस की कसौटी पर कितने खरे है इसके बारे में बताने की जरूरत नहीं है। जिन गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन है उनके बारे में भी आरटीओ ऑफिस के में कोई जानकारी नहीं है।

ऐसा नहीं है कि राजधानी में चलने वाली सभी गाडि़यां अवैध हैं। गाडि़यों की फिटनेस की जांच भी की जाती है। जो गाडि़यां अवैध होती है उन्हें बंद भी किया जाता है। इसके लिए हर साल अभियान भी चलता है। राजधानी में जल्द ही इसके लिए अभियान चलाया जाएगा।

विजय कुमार सिंह

एडीशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पूर्वी

उप्र। परिवहन विभाग

स्कूली बसों के हादसे

- 25 अप्रैल 2009- गाजीपुर में स्कूल बस रोडवेज बस भिड़ी, लामार्ट के तीसरी कक्षा के छात्र की मौत

- 15 जुलाई 2009 मोहनलालगंज में टेंपो ट्रक से भिड़ा, छात्रा की मौत, 13 घायल।

- 5 मार्च 2010- मोहनलालगंज में स्कूल बस पलटी 13 घायल

- 23 अप्रैल 2010- सिटी बस ने स्कूली रिक्शे पर टक्कर मारी, दो जख्मी।

27 अप्रैल 2010- स्कूली बस और मारुति कार में भिड़ंत, छह बच्चे पहुंचे हॉस्पिटल

26 नवम्बर 2012 में - स्कूली बस कैसरबाग चौराहे के पास खड़ी बस में भिड़ी, चालक घायल

27 अप्रैल 2014- गोमती नगर स्थित शंकर चौराहे के पास स्कूली बस और मारुति कार में भिड़ंत, दो बच्चे, घायल हो गए।

25 जुलाई 2016- भदोही में स्कूली बस के रेलवे ट्रैक में फंस गई। जिसके चलते कई बच्चों की जान चली गई।

इन बात का रखें ख्याल

- स्कूली वाहन कानूनी रूप से अधिकृत हो।

- चालक का नाम, पता और उसका मोबाइल नम्बर गाड़ी पर छपा होना चाहिए।

- ड्राइवर के पास वाहन चलाने का पांच साल का अनुभव हो।

- गाड़ी में अग्निशमन यंत्र हो।

- सभी स्कूल वैन और बस में फ‌र्स्ट एड बॉक्स हो।

- अधिकतम स्पीड 40 किमी हो। इनमें स्पीड गर्वनर भी लगे।

- कैनवास का हुड या छत स्कूली गाडि़यों में नहीं होगा।

- स्कूल बस सीटिंग क्षमता से डेढ़ गुना से अधिक बच्चों को बस में नहीं ले जाएगा।

रजिस्टर्ड स्कूली वैन और बसें-1600

बिना रजिस्ट्रेशन के ही 5000 से अधिक स्कूली वैन और बसें चल रही हैं

स्कूली वाहनों की चेकिंग यदि नियमित हो तो ऐसी घटना होगी ही नहीं। कमाई के चक्कर में कम से कम मासूम की जिंदगी से अधिकारी ना खेले। स्कूली वाहनों की जांच में कड़ाई बरती जानी चाहिए।

- शराफत अली जॉब

बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले परिवहन विभाग के अधिकारियों को शर्म नहीं आती है। कमाई के लालच में वह मासूमों की जिंदगी भी खतरे में डालने से परहेज नहीं कर रहे हैं।

- सबा अंसारी स्टूडेंट

आखिर जब हादसा हो जाता है तभी स्कूली वाहनों के जांच की याद क्यों आती है। गाडि़यों के अवैध संचालन में सिर्फ विभागीय अधिकारी ही नहीं मंत्री तक जुटे हैं। मेरा बस चले तो अवैध कारोबार में जुटे अपराधियों को तुरंत जेल भेज दूं।

- अंजू यादव स्टूडेंट

कहने को तो दुर्घटना हो गई लेकिन जरा उनसे पूछिए जिनके नौनिहाल इस दुर्घटना का शिकार हुए हैं। उसके माता पिता के दर्द की भरपाई नहीं की जा सकती। परिवहन विभाग के अधिकारियों को जेल भेज देना चाहिए।

- शांति वर्मा जॉब