- वर्ष 1998 से ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की चल रही है कवायद

-नो एंट्री खुलते ही शहर में आने लगे हैं ट्रक

BAREILLY:

ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की कवायद एक बार फिर साफ तौर पर फेल होती नजर आ रही है। दिन हो या रात ट्रक श्यामगंज, सेटेलाइट, पीलीभीत रोड पर खड़े हो रहे हैं और मूव कर रहे हैं। तर्क यह दिया जा रहा है कि नो एंट्री का समय पूरा होने के बाद रात में ट्रक शहर में आते हैं। सवाल यह उठता है कि जब रात में ट्रक शहर के अंदर आ सकते हैं, तो फिर ट्रांसपोर्ट नगर बसाने का सपना कैसे पूरा होगा।

प्रशासन का सख्ती में विश्वास

दरअसल, प्रशासन चालान और डंडे के दम पर व्यापारियों व ट्रांसपोर्टर्स को ट्रांसपोर्ट नगर भेजने की कोशिश कर रहा है, लेकिन व्यापारियों की मूल समस्याओं को ट्रांसपोर्ट नगर बसाने में कभी शामिल ही नहीं किया। व्यापारियों के सवाल यह है कि उनके गोदाम, स्टोर और डिस्ट्रीब्यूटर चेन शहर में हैं। जैसे- लोहा, रेता, बजरी, फर्नीचर के गोदाम, जहां पर उत्तराखंड, गुवाहाटी और वाराणसी सहित अन्य जगहों से माल आता है। गोदामों से माल की सप्लाई शहर और आसपास के एरियाज में होती है।

यह हैं प्रमुख सेंटर

बांसमंडी, नरकुलागंज, कालीबाड़ी, स्वालेनगर, सेटेलाइट आदि।

व्यापारियाें के तर्क

- गोदाम, स्टोर श्ाहर में हैं - प्रशासन ने ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की कवायद बार-बार की, लेकिन व्यापारियों के गोदाम शिफ्ट करने पर कोई विचार नहीं किया।

-डिस्ट्रीब्यूशन चेन बना हुआ है

व्यापारियों की डिस्ट्रीब्यूशन चेन न टूटे, इसके लिए प्रशासन ने कोई प्रबंध नहीं किया।

- कन्वेंस की व्यवस्था नहीं

ट्रांसपोर्ट नगर से शहर में घर आने-जाने या फिर माल की ढुलाई के लिए वाहन की व्यवस्था नहीं है। रात के वक्त पैसेंजर्स वाहन नहीं चलने से इमरजेंसी में घर आने में दिक्कत।

- ट्रांसपोर्ट खर्चा ज्यादा होना

यदि व्यापारी ट्रांसपोर्ट तक माल मंगवाते हैं तो शहर में माल मंगवाने से ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ जाएगा। इसे कंट्रोल करने के लिए मीटिंग में कोई विचार नहीं किया गया।

प्रशासन की कार्रवाई

- चालान काटना।

- वाहन सीज कर देना।

- चेतावनी और डंडे के दम पर खदेड़ना।

- मीटिंग में व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स की बेसिक समस्या का हल नहीं।

एक नजर

- 80 ट्रांसपोर्टर्स बरेली में हैं।

- 1,000 ट्रक ट्रांसपोर्टर्स के पास हैं।

- 600 ट्रक रोजाना उत्तराखंड, वाराणसी, गुवाहटी सहित अन्य शहरों से बरेली में आते हैं।

-1074 ट्रांसपोर्टर्स भूखंड, 12 दुकानें और 15 व्यवसायिक भूखंड बीडीए ने टीपी नगर में बनाए।

ट्रांसपोर्ट नगर बसाने के प्रयास किए जा रहे हैं। फ्राइडे को भी इस संबंध में मीटिंग की गई थी। सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के बाद ट्रकों की शहर में पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।

ओपी वर्मा, एडीएम सिटी

ट्रांसपोर्टर्स की समस्याएं

गोदाम शिफ्ट करने का प्लान नहीं

व्यापारियों और रेता बजरी से जुड़े लोगों ने अपने गोदाम शहर में बना रखे हैं। ऐसे में, शहर में ट्रक आना स्वाभाविक है। मैंने यह बात मीटिंग में रखी भी थी, लेकिन इस समस्या पर कोई प्लान नहीं किया गया।

रामकृष्ण, प्रेसीडेंट, रेता बजरी ट्रक एसोसिएशन

शहर में बना है सेटअप

शहर के अंदर सबका सेटअप बना हुआ है। दिन-रात माल लोड-अनलोड नहीं हुआ तो ट्रक खड़े रहते हैं। जिसकी वजह से यह समस्या आ रही है। इस बात पर प्रशासन को ध्यान देना होगा।

दीपक द्विवेदी, ट्रांसपोर्टर

माल मंगाने में होगी परेशानी

एक ट्रक में करीब 200 क्विंटल माल आता है। छोटे वाहनों से ट्रांसपोर्ट नगर से माल लाने में 8 वाहन लगाने पड़ेंगे। इससे टाइम अधिक लगेगा और खर्च भी बढ़ेगा। जो कि ट्रांसपोर्ट नगर न बसने का कारण बन रहा है।

सुरेश जैन, सेक्रेटरी, बरेली दाल मिलर्स एसोसिएशन